बांसवाड़ा. जिले के ग्रमीण क्षेत्र में पिछले दिनों हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार पुलिस की नींद खुल गई. न्यायालय के आदेश पर पुलिस टीम सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले का सच जानने के लिए पीड़ित महिला के घर पहुंची. पुलिस उपाधीक्षक, घाटोल ताराराम, सहायक पुलिस उप निरीक्षक अर्चना और मोटा गांव थाना अधिकारी सहित पुलिस का जांच दल पीड़िता के घर पहुंचकर पीड़िता के अलावा गवाहों के बयान दर्ज किए.
मामले की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक ताराराम ने ईटीवी भारत को बताया की दुष्कर्म के आरोप की जांच प्रारंभ कर दी गई है. साथ ही जल्दी ही पुलिस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अंतिम नतीजे पर पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि पीड़िता और गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं. दूसरी तरफ पुलिस टीम के गांव पहुंचने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए.
क्या था पूरा मामला जानिए...
11 मार्च की रात उक्त घटना होना बताया गया है. महिला अपने घर पर रात को अकेली थी. रिपोर्ट के अनुसार अकेलेपन का फायदा उठाकर गांव के ही पप्पू पुत्र देव जी, राजू पुत्र नारायण और नरेश पुत्र गौतम अचानक उसके घर आ धमके और उसे साथ ज्यादती की. इन लोगों ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और पास के कुएं पर ले गए जहां तीनों ने बारी बारी से दुष्कर्म किया. येन केन प्रकारेण मुंह से कपड़ा निकाल कर बचाव की गुहार लगाई तो आस पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और उसे बचाया.
पति अहमदाबाद में काम करता है
पीड़िता का पति अहमदाबाद में कार्यरत है. ऐसे में सूचना देने के बाद पति घर पहुंचा और उसके बाद तीसरे दिन थाने में रिपोर्ट दी गई, लेकिन सुनवाई नहीं की गई. यहां तक की आरोपियों ने उसे धमकाया जा रहा है. जब पुलिस ने नहीं सुनी तो अंततः उसने न्यायालय की शरण ली. न्यायालय के आदेश आखिरकार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ.