उदयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को जनजाति विकास विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में उदयपुर से विभाग के मंत्री अर्जुन बामणिया, टीएडी आयुक्त जितेंद्र उपाध्याय सहित जनजाति विकास विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में जनजाति विकास विभाग की ओर से आदिवासी अंचल में किए गए विकास कार्यों की समीक्षा की गई.
इस दौरान जनजाति मंत्री अर्जुन बामणिया ने राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य सरकार की ओर से जनजाति समाज के लिए चलाई जा रही विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि किस तरीके से राज्य सरकार के जनजाति विकास विभाग ने आदिवासी बंधुओं के समग्र विकास को लेकर कार्य किए हैं. इस दौरान जनजाति अंचल में शिक्षा, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी गई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने जनजातीय क्षेत्र के युवाओं का इंजीनियरिंग, मेडिकल तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए विशेष कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जनजातीय क्षेत्र के आवासीय विद्यालयों और आश्रम छात्रावासों में रहकर ऊंचाइयां छूने वाले विद्यार्थियों को ट्राइबल रीजन टेलेंट के रूप में आगे लाने के भी निर्देश दिए, ताकि वहां के युवा प्रदेश के रोल मॉडल बन सकें. उन्होंने आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के समुचित प्रसार के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए. उन्होंने इन क्षेत्रों में महिलाओं में एनिमिया अधिक होने पर चिंता जताते हुए स्वास्थ्य कर्मियों को इस संबंध में विशेष कार्य करने की आवश्यकता जताई.
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उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर, टीबी, एनीमिया, कुपोषण आदि स्वास्थ्य सूचकांकों में अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र को राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने चाहिए. राज्यपाल मिश्र बुधवार को यहां राजभवन में जनजाति कल्याण हेतु संचालित योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति की विशेष ऑनलाइन समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार की सुविधाओं का विकास प्रभावी रूप में किए जाने के अंतर्गत उन्होंने कोचिंग सेवाओं के विस्तार और कौशल विकास के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता जताई. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों, आश्रम तथा खेल छात्रावासों में शैक्षणिक एवं अन्य रिक्त पद शीघ्र भरे जाएं. उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों तथा छात्रावासों में बिजली, जलापूर्ति, इंटरनेट आदि की व्यवस्था में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए तथा विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध करवाया जाए.
राज्यपाल ने जिला कलक्टर बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, पाली, राजसमन्द, सिरोही, चित्तौड़ और उदयपुर से वहां जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली. राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने जनजातीय क्षेत्रों में चलायी जा रही विकास योजनाओं के साथ ही राज्यपाल मिश्र की ओर से पूर्व में दिए सुझावों की क्रियान्विति के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली. जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने बैठक में बताया कि जनजाति क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए राज्यपाल की ओर से गत अक्टूबर माह की बैठक में दिए गए सुझावों पर पूरी तरह अमल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विस्तारित अनुसूचित क्षेत्र में 12 छात्रावास शुरू कर दिए गए हैं. विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रारम्भ कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में चिकित्साकर्मियों के लिए दुर्गम क्षेत्र प्रोत्साहन योजना को शुरू करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भिजवा दिया गया है. साथ ही, आदिवासी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए विभिन्न राज्यों के मॉडल का अध्ययन कर राजस्थान पैटर्न तैयार किया जा रहा है.