झाड़ोल (उदयपुर). उपखण्ड मुख्यालय पर तहसीलदार का पद पिछले चार माह से अधिक समय से रिक्त पड़ा है. तहसीलदार नहीं होने की वजह से ग्रामीणों के कई काम रुके हुए हैं. वनाधिकार पट्टे बनवाने, प्रमाणपत्र, जमीन की रजिस्ट्री, मुआवजा सहित कई कार्य पिछले लंबे समय से रुके हुए हैं.
सरकार बदलते ही यहां कार्यरत तहसीलदार मनसुख डामोर का तबादला हो गया. तब से चार माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अभी तक यह पद रिक्त ही पड़ा है. विभाग द्वारा गोगुन्दा तहसीलदार विमलेंद्र सिंह की सप्ताह में एक दिन के लिए झाड़ोल की अतिरिक्त डयूटी लगा रखी है. परन्तु गौगुन्दा का कार्यभार ज्यादा होने की वजह से वह यहां नहीं आ पाता है. इस कारण ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. आज भीषण गर्मी में दो सौ से अधिक ग्रामीण वनाधिकार पट्टे बनवाने के लिए तहसील कार्यालय आये परन्तु तहसीलदार मौजूद नहीं होने से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. यहां तक की कार्यालय में पीने के पानी तक की व्यवस्था नही थी.
भीषण गर्मी में पीने का पानी तक नही होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी हुई. झाड़ोल से अस्सी किलोमीटर दूर गुजरात सीमा के पास बसे डैय्या से आये ग्रामीणों का कहना है कि तहसीलदार नहीं होने की वजह से छोटे से काम के लिए रोज चक्कर काटने पड़ रहे हैं. भीषण गर्मी में इतनी दूरी तय करके आने के बाद भी इनका काम नहीं हो पा रहा है.