उदयपुर. राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने बांसवाड़ा में पंचर की दुकान चलाने वाले विकलांग युवक के साथ लॉकडाउन के दौरान की गई मारपीट के मामले में पुलिस अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए 20 हजार रूपये का जुर्माना लगाने की अनुशंषा की है.
सोमवार को आयोजित कैम्प कोर्ट में प्रकरण का निस्तारण करते हुए जस्टिस व्यास ने राज्य के पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर को आरोपी पुलिस निरीक्षक पर नियमानुसार कार्रवाई करने और पीड़ित विकलांग युवक को पुलिस अधिकारी के वेतन से 20 हजार रूपये का हर्जाना दिलवाने की अनुशंषा की. जस्टिस व्यास ने अधिकारियों को संयम बरतने की सलाह दी है.
ये है मामला
बांसवाड़ा के निवासी दिव्यांग कमलेश बैरागी परिवाद पेश किया था, इसके मुताबिक दिनांक 30 अप्रैल 2021 को लिओ चौराहे अपनी दुकान पर पंचर निकालने का कार्य कर रहा था. पुलिस की गाड़ी आई और बिना किसी वजह के उसके साथ पुलिसवालों ने लाठी से मारपीट की. एक पुलिस वाले के कन्धे पर तीन स्टार लगे हुए थे. पीड़ित युवक ने इसकी शिकायत राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग से की थी. तत्कालीन थानाधिकारी पुलिस थाना सदर रतनसिंह को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए बांसवाड़ा एसपी ने पुलिस लाइन भेज दिया. उसके खिलाफ विभागीय जांच जारी है.
20 प्रकरणों का निस्तारण
कैम्प कोर्ट में विचार करने के लिए 43 प्रकरणों को रखा गया. इनमें पुलिस, नगर निगम, मेडिकल, स्मार्ट सिटी, एवीवीएनएल, उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित अन्य विभागों के प्रकरण शामिल थे. आयोग अध्यक्ष जस्टिस व्यास ने अधिकारियों की ओर से विभिन्न प्रकरणों में पेश की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट का अवलोकन किया और आवश्यक निर्देश दिए. लगभग दो घंटे तक चले कैम्प कोर्ट में 20 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.