उदयपुर. जिले में 'बाल विवाह को कहे ना' अभियान के तहत बाल विवाह रोकने और इस संबंध में त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्ट्रेट उदयपुर में बाल विवाह रोकथाम नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. नियंत्रण कक्ष 30 जून तक 24 घंटे कार्य करेगा. जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने गांव और मोहल्लों के परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, वहां समझाइश, विवाह निमंत्रण पत्र पर वर-वधू की आयु प्रिंट करवाने और बाल विवाह रोकने के लिए सामाजिक जागरुकता लाने के निर्देश दिए हैं. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मोबाइल हेल्प लाइन नंबर 08306002022 भी जारी किए हैं.
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समितियां गठित...
जिला मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार, 'बाल विवाह को कहे ना' अभियान के तहत बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया गया है. ग्राम स्तरीय समिति में ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी हल्का, बीट, कांस्टेबल, आशा सहयोगिनी या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सदस्य होंगे. पंचायत स्तरीय समिति में तहसीलदार, संबंधित पंचायत समिति के विकास अधिकारी और थानाधिकारी शामिल होंगे. इसी प्रकार जिला स्तरीय समिति में जिला प्रमुख, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उपखंड अधिकारी, संबंधित वृताधिकारी व सीडीपीओ होंगे. जबकि, जिला स्तरीय निगरानी समिति में जिला पुलिस अधीक्षक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी व महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक सदस्य होंगे.