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श्रीगंगानगर में झोलाछाप डॉक्टरों पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कसा शिकंजा - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने श्रीगंगानगर के घड़साना और रामसिंहपुर में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की है. इस बीच दो झोलाछाप डॉक्टर मौके पर मरीजों का इलाज करते हुए मिले. जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज करवाई है.

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श्रीगंगानगर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों पर की कार्रवाई
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Published : Nov 5, 2020, 8:37 AM IST

श्रीगंगानगर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को घड़साना और रामसिंहपुर में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई है. जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यह कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है. दबिश के दौरान कथित चिकित्सक मौके पर मरीजों का कथित रूप से इलाज करते हुए मिला. स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से अपील की है कि ऐसे लोगों की सूचना विभाग को दें और इन से इलाज नहीं करवाएं.

सीएमएचओ डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा ने बताया कि बुधवार को विभागीय टीम ने घड़साना थाना के वार्ड नंबर 18 में परमवीर रोकना पुत्र हनुमान प्रसाद रोकना के क्लीनिक पर दबिश दी. इस दौरान झोलाछाप कथित रूप से चिकित्सा कार्य करते हुए आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए पाया गया. पूछताछ करने पर परमवीर किसी प्रकार का कोई लाइसेंस या प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया. जांच के दौरान दुकान में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक दवाएं एवं अन्य चिकित्सीय कार्य संबंधी उपकरण मिले, जिन्हें जब्त कर संबंधित अधिकारी को सुपुर्द किया गया है. आरोपी के खिलाफ विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

यह भी पढ़ें- शर्मसार! बेटी ने बाप पर लगाया दुष्कर्म का आरोप, मामला दर्ज

टीम में तहसीलदार दानाराम, बीसीएमओ डॉ. सुशील चोटिया आदि शामिल रहे. इसी तरह रामसिंहपुर में कथित चिकित्सीक दिलीप कुमार पुत्र किसना राम निवासी 62 जीबी पर कार्रवाई की गई है. आरोपी राम सिंह पुर बस स्टैंड के पास मुख्य बाजार में एक कथित दुकान पर कथित रूप से चिकित्सीय कार्य करता है. टीम ने छापा मारा तभी आरोपी मरीजों का कथित रूप से इलाज कर रहा था, जबकि उसके पास कोई डिग्री नहीं मिली. इस दौरान चिकित्सा संबंधी उपकरण और दवाएं बरामद की गई. टीम में बीसीएमओ मुकेश मित्तल, तहसीलदार नीतीश कांत शामिल रहे.

श्रीगंगानगर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को घड़साना और रामसिंहपुर में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई है. जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यह कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है. दबिश के दौरान कथित चिकित्सक मौके पर मरीजों का कथित रूप से इलाज करते हुए मिला. स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से अपील की है कि ऐसे लोगों की सूचना विभाग को दें और इन से इलाज नहीं करवाएं.

सीएमएचओ डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा ने बताया कि बुधवार को विभागीय टीम ने घड़साना थाना के वार्ड नंबर 18 में परमवीर रोकना पुत्र हनुमान प्रसाद रोकना के क्लीनिक पर दबिश दी. इस दौरान झोलाछाप कथित रूप से चिकित्सा कार्य करते हुए आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए पाया गया. पूछताछ करने पर परमवीर किसी प्रकार का कोई लाइसेंस या प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया. जांच के दौरान दुकान में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक दवाएं एवं अन्य चिकित्सीय कार्य संबंधी उपकरण मिले, जिन्हें जब्त कर संबंधित अधिकारी को सुपुर्द किया गया है. आरोपी के खिलाफ विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

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टीम में तहसीलदार दानाराम, बीसीएमओ डॉ. सुशील चोटिया आदि शामिल रहे. इसी तरह रामसिंहपुर में कथित चिकित्सीक दिलीप कुमार पुत्र किसना राम निवासी 62 जीबी पर कार्रवाई की गई है. आरोपी राम सिंह पुर बस स्टैंड के पास मुख्य बाजार में एक कथित दुकान पर कथित रूप से चिकित्सीय कार्य करता है. टीम ने छापा मारा तभी आरोपी मरीजों का कथित रूप से इलाज कर रहा था, जबकि उसके पास कोई डिग्री नहीं मिली. इस दौरान चिकित्सा संबंधी उपकरण और दवाएं बरामद की गई. टीम में बीसीएमओ मुकेश मित्तल, तहसीलदार नीतीश कांत शामिल रहे.

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