श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगातार कोरोना वारियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे है. ऐसे में उन्हें होम आइसोलेशन के लिए उन्हें एक निजी होटल में रखा गया. जहां से उच्चाधिकारियों के कहने पर उन्हें होटल से मंगलवार की देर रात बाहर निकाल दिया गया, जिससे वे काफी आहत हुए है. अब धीरे-धीरे ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ये मामला राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों तक पहुंच गया है. ऐसे में राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मामले पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री से ऐसे संवेदनहीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
श्रीगंगानगर जिला नर्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना आइसोलेशन वार्ड में लगातार ड्यूटी दे रहे नर्सिंगकर्मियों को होम क्वॉरेंटाइन के दौरान होटल से बाहर निकालने की खबर जब उन्होंने सुनी तो वे बहुत आहत हुए. उन्होंने घटना पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि हमारे नर्सेज साथी कोरोना संक्रमण के दौर में अपनी जान जोखिम में डालकर आइसोलेशन में दिन-रात ड्यूटी कर जनता की सेवा कर रहे हैं. ऐसे में व्यवस्था बनाने के लिए लगाए गए उच्चाधिकारियों का आदेश जिसके चलते क्वॉरेंटाइन के दौरान होटल में रुके नर्सिंगकर्मियों को आधी रात को बाहर निकाला गया, उससे नर्सेज वर्ग में भारी रोष व्याप्त है.
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रुंधे गले से दुख जाहिर करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि अधिकारियों की ओर से की गई इस दुखदाई घटना को मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को तक पहुंचाई जाएगी. ताकि ऐसे संवेदनहीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. बीते 4 अप्रैल को चिकित्सालय के कोरोना प्रभारी डॉ. पवन सैनी आइसोलेशन में ड्यूटी दे रहे सभी नर्सिंगकर्मियों और चिकित्सकों को निर्देशित किया था कि आइसोलेशन में ड्यूटी देने वाले कर्मचारी 15 दिवस की अवधि के बाद होटल में होम क्वॉरेंटाइन का समय बिताएंगे. यही नहीं जिला कलेक्टर का भी ऐसा ही आदेश था. साथ ही कहा गया था कि होटल में रुकने वाले नर्सिंगकर्मियों के खाने-पीने की व्यवस्था भी वही से की जाएगी, लेकिन बड़े खेद का विषय है कि उनके लिए खाना से लेकर पानी तक घर से भिजवाया गया.
जिलाध्यक्ष ने कहा कि डिप्टी सीएमएचओ और नोडल अधिकारी ने होम क्वॉरेंटाइन की अवधि बिता रहे नर्सिंगकर्मियों को होटल से बाहर निकाल दिया. इस घटना के बाद नर्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने आपत्ति जताई और कहा कि राज्य सरकार को शिकायत करेंगे कि जिन अधिकारियों को कोरोना संक्रमण के दौरान व्यवस्था बनाने के लिए जिले में भेजा गया है, वे अपनी ही तानाशाही करते हुए हमारे साथियों को प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं और उनका मनोबल गिराने का कार्य कर रहे है. इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वे सरकार से मांग करेंगे कि जांच कमेटी बिठाकर ऐसे दोषी अधिकारियों को यहां से रवाना किया जाए.