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श्रीगंगानगर में 'नशा मुक्ति शिविर' का आयोजन, नशे से होने वाले दुष्प्रभावों की दी गई जानकारी - नशे का दुष्प्रभाव

भारत सरकार द्वारा संचालित 'नशामुक्त भारत' अभियान के अंतर्गत श्रीगंगानगर के महेश्वरी धर्मशाला में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान नशा मुक्ति परामर्श एवं उपचार केंद्र के प्रभारी डॉ. विक्रांत गोयल ने नशे से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी.

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श्रीगंगानगर में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन
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Published : Oct 24, 2020, 7:22 AM IST

श्रीगंगानगर. जिले में भारत सरकार द्वारा संचालित नशामुक्ति भारत अभियान के अंतर्गत महेश्वरी धर्मशाला में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नशा मुक्ति परामर्श एवं उपचार केंद्र के प्रभारी डॉ. विक्रांत गोयल ने कहा कि नशा शुरू करने की मुख्य वजह अज्ञानता, देखा देखी, उन्मुक्तता, गलत संगति का प्रभाव, लाइफस्टाइल, यौन क्षमता बढ़ने की भ्रांति, अधिक कार्य करने का लालच जैसी बातें सभी गलतफहमी हैं.

उन्होंने कहा कि अगर इंसान नशे के दुष्प्रभाव को समझ लेता है, तो निश्चित रूप से इससे बाहर निकल सकता है. उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए नशे से बचाने की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने शिविर में जीवनभर नशा नहीं करने की शपथ दिलवाई. इस अवसर पर पैरा लीगल वालंटियर इंद्रमोहन सिंह ने नशे को मानवता का दुश्मन बताते हुए नशे से दूर रहने, समाज में फैल रहे नशे को रोकने के लिए वर्तमान की आवश्यकता के रूप में जनजागृति पैदा करने के लिए लोगों को प्रेरित किया.

यह भी पढ़ें- जयपुर: कांग्रेस से बागी हुए प्रत्याशियों पर लटकी निष्कासन की तलवार

साथ ही उन्होंने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान की जानकारी देते हुए, उसके सफलता पर प्रकाश डाला. वहीं पुलिस अधिकारियों ने कहा कि श्रीगंगानगर जिले में नशे के विरुद्ध लगातार पुलिस द्वारा अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है. नशे पर रोक लगाने के लिए नशा तस्करों को जाल को तोड़ने के लिए पुलिस इस प्रकार कार्रवाई में और तेजी लाएगी, ताकि नशा बेचने वाले लोगों की कमर तोड़ी जा सके.

श्रीगंगानगर. जिले में भारत सरकार द्वारा संचालित नशामुक्ति भारत अभियान के अंतर्गत महेश्वरी धर्मशाला में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नशा मुक्ति परामर्श एवं उपचार केंद्र के प्रभारी डॉ. विक्रांत गोयल ने कहा कि नशा शुरू करने की मुख्य वजह अज्ञानता, देखा देखी, उन्मुक्तता, गलत संगति का प्रभाव, लाइफस्टाइल, यौन क्षमता बढ़ने की भ्रांति, अधिक कार्य करने का लालच जैसी बातें सभी गलतफहमी हैं.

उन्होंने कहा कि अगर इंसान नशे के दुष्प्रभाव को समझ लेता है, तो निश्चित रूप से इससे बाहर निकल सकता है. उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए नशे से बचाने की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने शिविर में जीवनभर नशा नहीं करने की शपथ दिलवाई. इस अवसर पर पैरा लीगल वालंटियर इंद्रमोहन सिंह ने नशे को मानवता का दुश्मन बताते हुए नशे से दूर रहने, समाज में फैल रहे नशे को रोकने के लिए वर्तमान की आवश्यकता के रूप में जनजागृति पैदा करने के लिए लोगों को प्रेरित किया.

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साथ ही उन्होंने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान की जानकारी देते हुए, उसके सफलता पर प्रकाश डाला. वहीं पुलिस अधिकारियों ने कहा कि श्रीगंगानगर जिले में नशे के विरुद्ध लगातार पुलिस द्वारा अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है. नशे पर रोक लगाने के लिए नशा तस्करों को जाल को तोड़ने के लिए पुलिस इस प्रकार कार्रवाई में और तेजी लाएगी, ताकि नशा बेचने वाले लोगों की कमर तोड़ी जा सके.

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