सीकर. सेना में रहकर 1995 में जान गंवाने वाले सीकर के एक सूबेदार के परिवार के लिए उनके साथी 25 साल बाद मसीहा बनकर आए. उनके साथ सेना में भर्ती हुए अधिकारियों ने अब उनके गांव पहुंचकर उनके परिवार का सम्मान किया. उनके इस सम्मान में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा भी पहुंचे.
जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के सिगडोला छोटा गांव के रामनिवास 1994 में सेना में बतौर सूबेदार भर्ती हुए थे. 1995 में सिकंदराबाद में पोस्टिंग के दौरान उनका निधन हो गया था. उस वक्त सेना के जवानों के शव घर तक नहीं पहुंचते थे, इसलिए वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया और उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया गया.
सोशल मीडिया पर ढूंढा तो चला पता
कुछ साल पहले सोशल मीडिया पर रामनिवास के साथ सेना में भर्ती होने वाले अधिकारियों ने अपने अपने बैच के अधिकारियों को ढूंढना शुरू किया. करीब एक साल पहले उन्हें पता चला कि उनके साथ सेना में भर्ती हुई रामनिवास का तो 25 साल पहले ही निधन हो गया है.
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उनके साथ के सभी अधिकारियों ने उनके परिवार की मदद करने की ठानी और सभी ने उनके परिवार को ढूंढना शुरू किया. काफी मशक्कत के बाद उनको उनके घर परिवार के नंबर और गांव का पता मिल पाया. इसके बाद उन्होंने रविवार को उनके गांव में कार्यक्रम रखा और उनके परिवार का सम्मान किया. इस कार्यक्रम में उनके साथ सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सत्यपाल सिंह कटेवा और कई आला अधिकारी पहुंचे.
सर्विस के एक साल में ही हो गया था निधन
लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा ने बताया कि सिर्फ एक साल की सर्विस में ही सूबेदार रामनिवास का निधन हो गया था. उनके बैच के साथियों ने एक ग्रुप बना रखा है, जिसमें वे ऐसे परिवारों को सम्मान देने का काम करते हैं. यही वजह है कि सूबेदार रामनिवास और उनके परिवार सम्मान देने के लिए आज हम एकत्र हुए. परिवार से मुलाकात की और उनकी आर्थिक मदद भी की गई है. जनरल कटेवा ने कहा सेना के एक सिपाही के लिए यह सम्मान बहुत महत्व रखता है.