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25 साल पहले शहीद हुए साथी के परिवार को सोशल मीडिया से तलाशा, फिर गांव पहुंच किया सम्मान

सेना जंग के क्षेत्र में भले ही लड़ाई करती हो, लेकिन उसका एक दूसरा पक्ष भी है. जिसके बारे में बहुत कम पढ़ने को मिलता है, वो है उनका मानवीय चेहरा. सीकर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां सोशल मीडिया पर अपने बैचमेट को ढूंढ रहे सैन्य अधिकारियों को जब ये पता चला कि उनका साथी 25 साल पहले ही उनसे दूर जा चुका है, तो उन्होंने उसके गांव पहुंच कर एक मानवीय पहल की. पढ़ें विस्तृत खबर...

सीकर न्यूज, sikar news
सीकर के रामनिवास के परिवार का उनके साथियों ने किया सम्मान
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Published : Feb 2, 2020, 6:01 PM IST

Updated : Feb 2, 2020, 8:25 PM IST

सीकर. सेना में रहकर 1995 में जान गंवाने वाले सीकर के एक सूबेदार के परिवार के लिए उनके साथी 25 साल बाद मसीहा बनकर आए. उनके साथ सेना में भर्ती हुए अधिकारियों ने अब उनके गांव पहुंचकर उनके परिवार का सम्मान किया. उनके इस सम्मान में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा भी पहुंचे.

सीकर के रामनिवास के परिवार का उनके साथियों ने किया सम्मान

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के सिगडोला छोटा गांव के रामनिवास 1994 में सेना में बतौर सूबेदार भर्ती हुए थे. 1995 में सिकंदराबाद में पोस्टिंग के दौरान उनका निधन हो गया था. उस वक्त सेना के जवानों के शव घर तक नहीं पहुंचते थे, इसलिए वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया और उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया गया.

सोशल मीडिया पर ढूंढा तो चला पता

कुछ साल पहले सोशल मीडिया पर रामनिवास के साथ सेना में भर्ती होने वाले अधिकारियों ने अपने अपने बैच के अधिकारियों को ढूंढना शुरू किया. करीब एक साल पहले उन्हें पता चला कि उनके साथ सेना में भर्ती हुई रामनिवास का तो 25 साल पहले ही निधन हो गया है.

पढ़ेंः उदयपुर: रेस्टोरेंट में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू

उनके साथ के सभी अधिकारियों ने उनके परिवार की मदद करने की ठानी और सभी ने उनके परिवार को ढूंढना शुरू किया. काफी मशक्कत के बाद उनको उनके घर परिवार के नंबर और गांव का पता मिल पाया. इसके बाद उन्होंने रविवार को उनके गांव में कार्यक्रम रखा और उनके परिवार का सम्मान किया. इस कार्यक्रम में उनके साथ सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सत्यपाल सिंह कटेवा और कई आला अधिकारी पहुंचे.

सर्विस के एक साल में ही हो गया था निधन

लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा ने बताया कि सिर्फ एक साल की सर्विस में ही सूबेदार रामनिवास का निधन हो गया था. उनके बैच के साथियों ने एक ग्रुप बना रखा है, जिसमें वे ऐसे परिवारों को सम्मान देने का काम करते हैं. यही वजह है कि सूबेदार रामनिवास और उनके परिवार सम्मान देने के लिए आज हम एकत्र हुए. परिवार से मुलाकात की और उनकी आर्थिक मदद भी की गई है. जनरल कटेवा ने कहा सेना के एक सिपाही के लिए यह सम्मान बहुत महत्व रखता है.

सीकर. सेना में रहकर 1995 में जान गंवाने वाले सीकर के एक सूबेदार के परिवार के लिए उनके साथी 25 साल बाद मसीहा बनकर आए. उनके साथ सेना में भर्ती हुए अधिकारियों ने अब उनके गांव पहुंचकर उनके परिवार का सम्मान किया. उनके इस सम्मान में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा भी पहुंचे.

सीकर के रामनिवास के परिवार का उनके साथियों ने किया सम्मान

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के सिगडोला छोटा गांव के रामनिवास 1994 में सेना में बतौर सूबेदार भर्ती हुए थे. 1995 में सिकंदराबाद में पोस्टिंग के दौरान उनका निधन हो गया था. उस वक्त सेना के जवानों के शव घर तक नहीं पहुंचते थे, इसलिए वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया और उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया गया.

सोशल मीडिया पर ढूंढा तो चला पता

कुछ साल पहले सोशल मीडिया पर रामनिवास के साथ सेना में भर्ती होने वाले अधिकारियों ने अपने अपने बैच के अधिकारियों को ढूंढना शुरू किया. करीब एक साल पहले उन्हें पता चला कि उनके साथ सेना में भर्ती हुई रामनिवास का तो 25 साल पहले ही निधन हो गया है.

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उनके साथ के सभी अधिकारियों ने उनके परिवार की मदद करने की ठानी और सभी ने उनके परिवार को ढूंढना शुरू किया. काफी मशक्कत के बाद उनको उनके घर परिवार के नंबर और गांव का पता मिल पाया. इसके बाद उन्होंने रविवार को उनके गांव में कार्यक्रम रखा और उनके परिवार का सम्मान किया. इस कार्यक्रम में उनके साथ सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सत्यपाल सिंह कटेवा और कई आला अधिकारी पहुंचे.

सर्विस के एक साल में ही हो गया था निधन

लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा ने बताया कि सिर्फ एक साल की सर्विस में ही सूबेदार रामनिवास का निधन हो गया था. उनके बैच के साथियों ने एक ग्रुप बना रखा है, जिसमें वे ऐसे परिवारों को सम्मान देने का काम करते हैं. यही वजह है कि सूबेदार रामनिवास और उनके परिवार सम्मान देने के लिए आज हम एकत्र हुए. परिवार से मुलाकात की और उनकी आर्थिक मदद भी की गई है. जनरल कटेवा ने कहा सेना के एक सिपाही के लिए यह सम्मान बहुत महत्व रखता है.

Intro:सीकर
सेना में रहकर 1995 में जान गंवाने वाले सीकर के एक सूबेदार के परिवार के लिए उनके साथी 25 साल बाद मसीहा बनकर आए। उनके साथ सेना में भर्ती हुए अधिकारियों ने अब उनके गांव पहुंचकर उनके परिवार का सम्मान किया और इस सम्मान में सेना के जनरल एसपीएस कटेवा भी पहुंचे।


Body:जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के सिगडोला छोटा गांव के रामनिवास 1994 में सेना में बतौर सूबेदार भर्ती हुए थे। 1995 में सिकंदराबाद में पोस्टिंग के दौरान उनका निधन हो गया था। उस वक्त सेना के जवानों के शव घर तक नहीं पहुंचते थे इसलिए वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया और उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया गया। कुछ साल पहले सोशल मीडिया का जब दूर चला तो रामनिवास के साथ सेना में भर्ती होने वाले अधिकारियों ने अपने अपने बैच के अधिकारियों को ढूंढना शुरू किया। करीब 1 साल पहले उन्हें पता चला कि उनके साथ सेना में भर्ती हुई रामनिवास का तो 25 साल पहले ही निधन हो गया है। उनके साथ के सभी अधिकारियों ने उनके परिवार की मदद करने की ठानी और सभी ने उनके परिवार को ढूंढना शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद उनको उनके घर परिवार के नंबर और गांव मिल पाया। इसके बाद उन्होंने रविवार को उनके गांव में कार्यक्रम रखा और उनके परिवार का सम्मान किया। इस कार्यक्रम में उनके साथ सेना के जनरल सत्यपाल सिंह कटेवा और कई आला अधिकारी पहुंचे।


Conclusion:बीते
1 एसपीएस कटेवा,जनरल
2 रामनिवास के परिवार के सदस्य
Last Updated : Feb 2, 2020, 8:25 PM IST
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