नागौर. जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर के दस्तावेज के आधार पर बाड़मेर के सिणधरी चारणान के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे शातिर बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि उसने इससे पहले भी कई जगहों पर इस तरह की करतूत की है.
जानकारी के अनुसार नागौर के सर्जन रामकिशोर डोंगीवाल के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक शातिर बदमाश ने बाड़मेर के सिणधरी चारणान के जेके हॉस्पिटल एंड डाइग्नोस्टिक सेंटर में नौकरी की और संचालक को ढाई लाख रुपए की चपत लगा दी. उसका नाम रामकिशोर महावर है. वह 29 अगस्त को सिणधरी में हॉस्पिटल संचालक खंगार सिंह के पास गया और अपना परिचय डॉ. रामकिशोर डोंगीवाल के रूप में देते हुए फर्जी डिग्रियां और शैक्षणिक दस्तावेज दिखाए.
इस पर खंगार सिंह ने उसे ढाई लाख रुपए पर काम पर रख लिया. लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें कुछ शक हुआ. जांच की तो पता चला कि उसकी डिग्रियां और रेजिस्ट्रेशन फर्जी है. उसने जालसाजी कर यह दस्तावेज तैयार करवाए हैं. इसके बाद वह 13 सितंबर को बिना बताए अस्पताल से चला गया.
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खंगार सिंह की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की और अब पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने के आरोपी दौसा निवासी रामकिशोर पुत्र जगदीश प्रसाद महावर को गिरफ्तार किया है. उसके कब्जे से एमबीबीएस की फर्जी डिग्री, राजस्थान मेडिकल काउंसिल के फर्जी सर्टिफिकेट और रामकिशोर डोंगीवाल के नाम का एक फर्जी आधार कार्ड बरामद किया गया है.
उसे अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपी रामकिशोर इस तरह से पहले भी वारदातें कर चुका है. दो-तीन महीने काम करने के बाद जब उसकी पोल खुलती तो वह फरार हो जाता और फिर किसी नई जगह जाकर फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल कर लेता.