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नागौर में हल्का पटवारी एवं भू अभिलेख को किया पांबद, मृत्यु भोज बंद कराया जाए

नागौर में मृत्युभोज को बंद करने के लिए एक अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत नागौर तहसीलदार सुभाष चंद ने सभी हल्का पटवारी और भू अभिलेख की बैठक लेकर सख्त रुख अपनाने के निदेश दिए. उन्होंने कहा कि मृत्युभोज करने की सूचना प्रशासन तक पहुंचनी चाहिए, ताकि ऐसा आयोजन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके.

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Published : Oct 10, 2020, 7:30 PM IST

rajasthan news, nagore news
नागौर में मृत्युभोज को रोकने के लिए हल्का पटवारी और भू अभिलेख को किया गया पांबद

नागौर. जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी और नागौर एसपी श्वेता धनकड़ ने जिले में मृत्युभोज को बंद करने के लिए अभियान चलाया है. इसी सिलसिले में मृत्युभोज बन्द करने को लेकर नागौर तहसीलदार सुभाष चंद ने सभी हल्का पटवारी और भू अभिलेख की बैठक लेकर सख्त रुख अपनाने के निदेश दिए.

नागौर में मृत्युभोज को रोकने के लिए हल्का पटवारी और भू अभिलेख को किया गया पांबद

उन्होंने कहा कि मृत्युभोज करने की सूचना प्रशासन तक पहुंचनी चाहिए, ताकि करने वालों पर कार्रवाई की जा सके. इस तरह के आयोजन की पंच, पटवारी, सरपंच को प्रशासन को जानकारी देनी चाहिए. ऐसा नहीं करने और उनके क्षेत्र में मृत्युभोज होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है.

पढ़ें- नागौर: नारायणपुरा ग्राम पंचायत के सवाईपुरा गांव के लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार

बता दें कि राजस्‍थान मृत्‍यु-भोज निषेध अधिनियम के तहत किसी परिजन की मृत्‍यु होने पर, किसी भी समय आयोजित किए जाने वाला भोज, नुक्‍ता, मौसर, चहलल्‍म और गंगा-प्रसादी मृत्‍युभोज कहलाता है, लेकिन नागौर ज़िले में कोई भी व्‍यक्ति अपने परिजनों या समाज या पण्‍डों, पुजारियों के लिए धार्मिक संस्‍कार या परम्‍परा के नाम पर मृत्‍यु-भोज नहीं करेगा. मृत्‍यु-भोज करने और उसमें शामिल होना अपराध है. कोई भी व्‍यक्ति मृत्‍यु-भोज ना तो आयोजित करेगा ना जीमण करेगा ना जीमण में शामिल होगा ना भाग लेगा.

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए तहसीलदार नागौर ने बताया की बैठक में शामिल हुए सभी पटवारी और भूअभिलेख निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि जिस गांव में मृत्युभोज होने की जानकारी मिलती है वो उस गांव में जाकर लोगों को मृत्युभोज ना करने के साथ-साथ गांव के टेंट संचालकों को भी पाबंद करेंगे कि वो प्रीतिभोज समारोह में टेंट ना लगाएं. इसके साथ वे हलवाइयों को पाबंद करेंगे कि वो मृत्यु भोज कार्यक्रम में मिठाइयां बनाने के लिए ना जाए. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ मृत्युभोज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- नागौर: नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद आयुक्त ने कही ये बात

नागौर तहसीलदार सुभाष चंद्र ने हल्का पटवारियों और भू अभिलेखों को निर्देशित किया कि खेल मैदान शमसान भूमि पटवार भवन आंगनबाड़ी केंद्र गौशाला के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भेजने के निर्देश दिए गए और डामर और ग्रेवल सड़कों का राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने के साथ ही रास्ता खोलो अभियान की समीक्षा की गई.

नागोर तहसीलदार सुभाष चन्द ने बताया कि कृषि आदान अनुदान में प्रभावित काश्तकारों की सूची तैयार करने के निदेश दिए है. मुख्यमंत्री सहायता के अनुरूप सड़क दुर्घटना मे स्वयत सहायता के प्रस्ताव बनाकर तैयार करें, ताकि मृतक के परिजनो को सहायता मिल सके.

नागौर. जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी और नागौर एसपी श्वेता धनकड़ ने जिले में मृत्युभोज को बंद करने के लिए अभियान चलाया है. इसी सिलसिले में मृत्युभोज बन्द करने को लेकर नागौर तहसीलदार सुभाष चंद ने सभी हल्का पटवारी और भू अभिलेख की बैठक लेकर सख्त रुख अपनाने के निदेश दिए.

नागौर में मृत्युभोज को रोकने के लिए हल्का पटवारी और भू अभिलेख को किया गया पांबद

उन्होंने कहा कि मृत्युभोज करने की सूचना प्रशासन तक पहुंचनी चाहिए, ताकि करने वालों पर कार्रवाई की जा सके. इस तरह के आयोजन की पंच, पटवारी, सरपंच को प्रशासन को जानकारी देनी चाहिए. ऐसा नहीं करने और उनके क्षेत्र में मृत्युभोज होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है.

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बता दें कि राजस्‍थान मृत्‍यु-भोज निषेध अधिनियम के तहत किसी परिजन की मृत्‍यु होने पर, किसी भी समय आयोजित किए जाने वाला भोज, नुक्‍ता, मौसर, चहलल्‍म और गंगा-प्रसादी मृत्‍युभोज कहलाता है, लेकिन नागौर ज़िले में कोई भी व्‍यक्ति अपने परिजनों या समाज या पण्‍डों, पुजारियों के लिए धार्मिक संस्‍कार या परम्‍परा के नाम पर मृत्‍यु-भोज नहीं करेगा. मृत्‍यु-भोज करने और उसमें शामिल होना अपराध है. कोई भी व्‍यक्ति मृत्‍यु-भोज ना तो आयोजित करेगा ना जीमण करेगा ना जीमण में शामिल होगा ना भाग लेगा.

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए तहसीलदार नागौर ने बताया की बैठक में शामिल हुए सभी पटवारी और भूअभिलेख निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि जिस गांव में मृत्युभोज होने की जानकारी मिलती है वो उस गांव में जाकर लोगों को मृत्युभोज ना करने के साथ-साथ गांव के टेंट संचालकों को भी पाबंद करेंगे कि वो प्रीतिभोज समारोह में टेंट ना लगाएं. इसके साथ वे हलवाइयों को पाबंद करेंगे कि वो मृत्यु भोज कार्यक्रम में मिठाइयां बनाने के लिए ना जाए. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ मृत्युभोज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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नागौर तहसीलदार सुभाष चंद्र ने हल्का पटवारियों और भू अभिलेखों को निर्देशित किया कि खेल मैदान शमसान भूमि पटवार भवन आंगनबाड़ी केंद्र गौशाला के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भेजने के निर्देश दिए गए और डामर और ग्रेवल सड़कों का राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने के साथ ही रास्ता खोलो अभियान की समीक्षा की गई.

नागोर तहसीलदार सुभाष चन्द ने बताया कि कृषि आदान अनुदान में प्रभावित काश्तकारों की सूची तैयार करने के निदेश दिए है. मुख्यमंत्री सहायता के अनुरूप सड़क दुर्घटना मे स्वयत सहायता के प्रस्ताव बनाकर तैयार करें, ताकि मृतक के परिजनो को सहायता मिल सके.

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