नागौर. लॉकडाउन के दौरान अगर कोई व्यक्ति, किसी दूसरे जिले या राज्य से अपनी कॉलोनी मोहल्ले में आए तो उसकी सूचना सरकारी तंत्र को उपलब्ध कराने के मकसद से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अब स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग को लेकर महिला बाल विकास विभाग की आशा सहयोगिनी सहायिका की टीम के ANM की ओर से डोर टू डोर सर्वे का काम नागौर से शुरू हो गया है.
नागौर अस्पताल में बने वार रूम के इंचार्ज और ब्लॉक सीएमएचओ डॉ महेंद्र मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि डोर टू डोर सर्वे में महिला बाल विकाके कर्मचारी के साथ स्वास्थ्य विभाग की एएनएम विशेष रूप से कोविड-19 के मरीजों की पहचान के लिए टीम गठित की गई है.
इस सर्वे में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बाहरी और घरों के सदस्यों की खासी, जुकाम, बुखार और अन्य मौसमी बीमारी से पीड़ित लोगों की पहचान की जा रही है. उन्हें मौके पर इलाज भी दिया जा रहा है. डोर टू डोर सर्वे में प्रत्येक घर का डाटा भी तैयार किया जा रहा है.
नागौर अस्पताल में बने वार रूम के इंचार्ज और ब्लॉक सीएमएचओ डॉ महेंद्र मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 टीमों के साथ 13 नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है. नागौर जिले के हाईवे पर 9 अलग-अलग नाके लगा रखे है. अब 2 सप्ताह नागौर के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होंगे. चिकित्सा विभाग ने नागौर जिले के स्थानीय और बाहरी राज्यों से आए लोगों की पहचान करने के बाद क्वॉरेंटाइन करने के लिए 60 टीम बनाई है.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से नागौर जिले में अब तक दूसरे चरण को देखते हुए 17 सौ के करीब सर्वे टीम बनाई गई है. 10 अप्रैल को जारी आंकड़े के अनुसार सर्वे टीम ने 35 हजार घरों की स्क्रीनिंग की है. अब तक नागौर जिले मे लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद तक 6 लाख 55 हजार 325 लोगों के घरों का सर्वे टीम की ओर से सर्वे किया जा चुका है.
वहीं, नागौर जिले के निवासी जोकि विदेश से आए 413 यात्रियों को होम आइसोलेशन करते हुए निगरानी में रखा गया है. वहीं राजकीय चिकित्सालय में 157 आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है. अन्य जिलों और अन्य राज्यों से आए स्थानीय नागौर के नागरिकों को क्वॉरेंटाइन करते हुए 18 हजार 314 लोगों को नागौर जिले में होम निगरानी में रखा गया है.