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अभियान उजास के तहत अब तक 910 में से 817 स्कूलों को मिल चुका है विद्युत कनेक्शन - नागौर में स्कूलों को विद्युत कनेक्शन

अभियान उजास के तहत नागौर जिले में विद्युत कनेक्शन से वंचित 910 में से 817 सरकारी स्कूलों में इस अभियान के तहत बिजली पहुंचाई जा चुकी है. अब जिले में मात्र 93 स्कूल ही ऐसे बचे है, जहां बिजली कनेक्शन होना शेष है.

नागौर में स्कूलों को विद्युत कनेक्शन, Electrical connections to schools in Nagaur
नागौर में स्कूलों को विद्युत कनेक्शन
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Published : Feb 24, 2021, 10:08 PM IST

नागौर. जिले में कलेक्टर के नए नवाचार के जरिए अभियान उजास अब आने वाले समय में राज्य भर में रोल मॉडल बनेगा. नागौर मॉडल की तर्ज पर प्रदेश की बिजली से वंचित 11 हजार 154 सरकारी स्कूलों में कनेक्शन होंगे. नागौर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने पदभार ग्रहण के बाद जिले के बिजली विहीन सरकारी स्कूलों में जल्द कनेक्शन देने के लिए अभियान उजास शुरू किया गया था. जिसका कुछ ही महीनों में अच्छा परिणाम मिला.

पढ़ेंः बजट भाषण के दौरान CM गहलोत की चुटकी, बोले- मैं पानी पी-पीकर नहीं कोस रहा...सबको साथ रखता हूं

यानी मात्र छह से सात माह के भीतर नागौर जिले की विद्युत कनेक्शन से वंचित 910 में से 817 सरकारी स्कूलों में इस अभियान के तहत बिजली पहुंचाई जा चुकी है. जिले में मात्र 93 स्कूल ही ऐसे बचे है, जहां बिजली कनेक्शन होना शेष है.

अब, राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने नागौर कलेक्टर डॉ. सोनी के अभियान उजास की तर्ज पर दूसरे जिलों में भी वंचित सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण को लेकर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संपतराम ने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में बताया गया है कि राज्य में संचालित कुल 64 हजार 93 सरकारी विद्यालयों में से 11 हजार 154 में विद्युत सुविधा नहीं है.

पढ़ेंः जयपुर पुलिस मुख्यालय से 9 RPS अधिकारियों के हुए तबादले

इसके लिए नागौर कलेक्टर की ओर से अभियान चलाए अभियान के तर्ज पर अन्य जगहों पर सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण पर काम किया जाए, ताकि विद्यालयों में आवश्यक विद्युत सुविधा उपलब्ध हो सके. शिक्षा का ढांचा सुदृढ़ और उन्नत हो, इसे लेकर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में शिक्षा निष्पादन समिति गठित है.

नागौर में गठित इस जिला स्तरीय निष्पादन समिति की माह जुलाई-2020 में रखी गई. बैठक में यह तथ्य दृष्टिगोचर हुआ कि जिले में ऐसे राजकीय विद्यालय भी बड़ी संख्या में संचालित हैं, जिनमें अभी भी विद्युत विहीनता की स्थिति हैं. विद्युत कनेक्शन के अभाव में विद्यार्थी भीषण गर्मी में भी ताप सहते हुए इन विद्यालयों में अध्ययन करते हैं. कलेक्टर डॉ. सोनी ने इसे संज्ञान में लेते ऐसे सभी विद्युत विहीनता वाले विद्यालयों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए.

अधीक्षण अभियता नागौर आर बी सिंह ने बताया कि अभियान उजास के तहत सरकारी विद्यालयों के संस्था प्रधानों से रिपोर्ट लेकर विद्युत कनेक्शन के लिए निर्धारित डिमांड राशि विद्युत वितरण निगम के संबंधित अभियंता कार्यालयों में जमा करवाई गई. डिस्कॉम की तरफ से वंचित विद्यालयों में कनेक्शन किए गए. करवाए गए सघन सर्वे में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की ओर से दी गई रिपोर्ट में नागौर में 910 सरकारी विद्यालय तो ऐसे हैं जो विद्युत विहीन थे.

कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इन सभी स्कूलों में विद्युत कनेक्शन जारी करवाने को लेकर शिक्षा विभाग तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम को संयुक्त रूप से मिशन मोड में काम करने निर्देश दिए. विद्युतीकरण से जोड़ने मिशन को उजास अभियान नाम दिया.

पढ़ेंः Rajasthan Budget: प्रदेश के संशोधित अनुमान वर्ष 2020-21 और बजट अनुमान वर्ष 2021-22 का विवरण

कलेक्टर की ओर से प्रत्येक सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित कर उजास की प्रगति रिपोर्ट की निरंतर मॉनिटरिंग की गई. वहीं ब्लॉक स्तर पर सीबीईओ के प्रयासों से स्थानीय स्तर पर भी कई भामाशाहों ने अपने गांव की सरकारी स्कूल का विद्युतीकरण करवाने में आर्थिक सहयोग दिया है.

नागौर. जिले में कलेक्टर के नए नवाचार के जरिए अभियान उजास अब आने वाले समय में राज्य भर में रोल मॉडल बनेगा. नागौर मॉडल की तर्ज पर प्रदेश की बिजली से वंचित 11 हजार 154 सरकारी स्कूलों में कनेक्शन होंगे. नागौर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने पदभार ग्रहण के बाद जिले के बिजली विहीन सरकारी स्कूलों में जल्द कनेक्शन देने के लिए अभियान उजास शुरू किया गया था. जिसका कुछ ही महीनों में अच्छा परिणाम मिला.

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यानी मात्र छह से सात माह के भीतर नागौर जिले की विद्युत कनेक्शन से वंचित 910 में से 817 सरकारी स्कूलों में इस अभियान के तहत बिजली पहुंचाई जा चुकी है. जिले में मात्र 93 स्कूल ही ऐसे बचे है, जहां बिजली कनेक्शन होना शेष है.

अब, राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने नागौर कलेक्टर डॉ. सोनी के अभियान उजास की तर्ज पर दूसरे जिलों में भी वंचित सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण को लेकर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संपतराम ने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में बताया गया है कि राज्य में संचालित कुल 64 हजार 93 सरकारी विद्यालयों में से 11 हजार 154 में विद्युत सुविधा नहीं है.

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इसके लिए नागौर कलेक्टर की ओर से अभियान चलाए अभियान के तर्ज पर अन्य जगहों पर सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण पर काम किया जाए, ताकि विद्यालयों में आवश्यक विद्युत सुविधा उपलब्ध हो सके. शिक्षा का ढांचा सुदृढ़ और उन्नत हो, इसे लेकर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में शिक्षा निष्पादन समिति गठित है.

नागौर में गठित इस जिला स्तरीय निष्पादन समिति की माह जुलाई-2020 में रखी गई. बैठक में यह तथ्य दृष्टिगोचर हुआ कि जिले में ऐसे राजकीय विद्यालय भी बड़ी संख्या में संचालित हैं, जिनमें अभी भी विद्युत विहीनता की स्थिति हैं. विद्युत कनेक्शन के अभाव में विद्यार्थी भीषण गर्मी में भी ताप सहते हुए इन विद्यालयों में अध्ययन करते हैं. कलेक्टर डॉ. सोनी ने इसे संज्ञान में लेते ऐसे सभी विद्युत विहीनता वाले विद्यालयों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए.

अधीक्षण अभियता नागौर आर बी सिंह ने बताया कि अभियान उजास के तहत सरकारी विद्यालयों के संस्था प्रधानों से रिपोर्ट लेकर विद्युत कनेक्शन के लिए निर्धारित डिमांड राशि विद्युत वितरण निगम के संबंधित अभियंता कार्यालयों में जमा करवाई गई. डिस्कॉम की तरफ से वंचित विद्यालयों में कनेक्शन किए गए. करवाए गए सघन सर्वे में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की ओर से दी गई रिपोर्ट में नागौर में 910 सरकारी विद्यालय तो ऐसे हैं जो विद्युत विहीन थे.

कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इन सभी स्कूलों में विद्युत कनेक्शन जारी करवाने को लेकर शिक्षा विभाग तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम को संयुक्त रूप से मिशन मोड में काम करने निर्देश दिए. विद्युतीकरण से जोड़ने मिशन को उजास अभियान नाम दिया.

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कलेक्टर की ओर से प्रत्येक सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित कर उजास की प्रगति रिपोर्ट की निरंतर मॉनिटरिंग की गई. वहीं ब्लॉक स्तर पर सीबीईओ के प्रयासों से स्थानीय स्तर पर भी कई भामाशाहों ने अपने गांव की सरकारी स्कूल का विद्युतीकरण करवाने में आर्थिक सहयोग दिया है.

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