कोटा. प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कोटा दौरे पर आए हुए हैं. उन्होंने सोमवार को शहर में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान रामपुरा मुक्ति धाम में चंबल रिवरफ्रंट का काम देखते हुए वे नाराज हो गए और इस दौरान उन्होंने यूआईटी सेक्रेटरी आरएएस अधिकारी राजेश जोशी को तल्खी दिखा (Dhariwal fumes at RAS officer in Kota) दी.
निर्माण कार्य से जुड़ी एक फाइल को लेकर चर्चा चल रही थी. जिसमें जिला कलक्टर हरिमोहन मीणा के पास फाइल 1 महीने से पेंडिंग होने की बात सामने आई थी. इस पर धारीवाल राजेश जोशी पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि क्या आप कलक्टर से डरते हैं. आपको कलेक्टर ने यहां पर लगा रखा है या फिर मैंने? मैंने आपको पदस्थापित करवाया है या कलक्टर ने? इस तरह से फाइल को कलक्टर रोक लेता है, तो मुझे जानकारी क्यों नहीं दी जाती है. पहले भी मैंने कई बार यह बात आपसे कही है.
बड़ तिराहे के नजदीक बन रही लाइब्रेरी के कार्य में देरी के लिए मंत्री ने ठेकेदार को जुलाई तक का समय दिया. उन्होंने कहा कि जुलाई तक काम पूरा नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाए. निरीक्षण के दौरान उनके साथ यूआईटी के ओएसडी आरडी मीणा व आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया सहित कई अधिकारी मौजूद थे. यूडीएच मंत्री ने लाडपुरा गेट पर भी निरीक्षण किया था. यहां से वे काफिला छोड़ कांग्रेस कार्यकर्ता के घर शादी समारोह में शरीक होने के लिए स्कूटर पर सवार होकर निकल गए. वे कांग्रेस कार्यकर्ता के स्कूटर पर बैठकर विक्रम चौक पहुंचे. स्कूटर पर मंत्री को सवार देख कई लोग उनके साथ सेल्फी भी लेने लगे.
अब धारीवाल ने ठेकेदार को कहा निकम्मा: राजस्थान की राजनीति में 'निकम्मा' 'नालायक' शब्द लंबे समय से चर्चा में है. पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को निकम्मा, नकारा कहा था. इसके बाद सीएम ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के लिए इसी शब्द का उपयोग किया. कोटा में सर्किट हाउस से घंटाघर जाने वाली सड़क मार्ग पर गवर्नमेंट कॉलेज के सामने पौधे लगाने के काम में देरी पर मंत्री ने नाराजगी जताई और ठेकेदार को निकम्मा कह दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे सब सत्यानाश हो गया है.
मंत्री की नाराजगी के कुछ घंटे बाद ही कलेक्टर का हुआ तबादलाः यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल दोपहर करीब 2:00 बजे यूआईटी सचिव राजेश जोशी पर नाराज हुए थे. इसकी वजह कलेक्टर हरिमोहन मीणा थे. इसके महज 6 घंटे बाद ही कलेक्टर हरिमोहन मीणा का भी स्थानांतरण हो गया. उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में निदेशक बनाया गया है. जबकि उनकी जगह कोटा में ओमप्रकाश बुनकर को कलेक्टर बनाया गया है. इससे पहले आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश बुनकर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में निदेशक पद पर कार्यरत थे. ऐसे में कोटा कलेक्टर के ट्रांसफर को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ आईएएस अधिकारी हरिमोहन मीणा का जन्मदिन भी था. सुबह से उन्हें लगातार जन्मदिन की बधाई मिल रही थी और शाम को उनका स्थानांतरण हो गया. मीणा का 16 जनवरी को ही झालावाड़ से कोटा कलेक्ट्रेट पर तबादला हुआ था. ऐसे में वे केवल साढ़े 5 महीने ही कोटा में पद स्थापित रहे हैं.