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कोटा : मुकंदरा टाइगर रिजर्व में जंगली छिपकली 'पाटागोह' का शिकार मामला, 2 आरोपी गिरफ्तार

कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से पाटागोह के शिकार का मामला सामने आया है. मामले में 2 आरोपियों को वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि पाटागोह को जंगली छिपकली के नाम से भी जाना जाता है.

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पाटागोह के शिकार में दो गिरफ्तार
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Published : Jan 15, 2020, 5:05 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 7:39 PM IST

कोटा. वन्य जीवों की निर्मम हत्या की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. शिकारी इन बेजुबान जानवरों को अपनी भूख मिटाने के लिए बलि चढ़ाते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कोटा के सबसे बड़े अभ्यारण मुंकदरा टाइगर रिजर्व से सामने आया है. यहां वन विभाग ने दो शिकारियों को पटागोह के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया है.

पाटागोह के शिकार में दो गिरफ्तार

शिकार करके खाते हैं मांस

आरोपियों से जब वन विभाग ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे पाटागोह का शिकार करके उनका मांस खाते है. यह दोनों शिकारी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं, जो कोटा में रहकर मजदूरी का काम करते हैं.

क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौत्तम के मुताबिक वन विभाग मकर संक्रांति और उसके आसपास जंगल में गलत हरकतों पर रोक लगाने के लिए पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके कारण ये दोनों शिकारी राजू और शंकर वनक्षेत्र में घूमते पाए गए. शिकारियों के हाथ में चार पाटागोह वन्यजीव और एक लोहे का सभल नामक हथियार भी था. जिससे पुलिस को शक हुआ और इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इन्होंने शिकार करना कूबुल किया है.

यह भी पढ़ें- जयपुर: मॉल से कूदा युवा, मौके पर ही मौत, नहीं हो सकी पहचान

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972

बता दें कि इन दोनों शिकारियों के खिलाफ वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों को बुधवार कोर्ट में पेश किया जाएगा.

कोटा. वन्य जीवों की निर्मम हत्या की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. शिकारी इन बेजुबान जानवरों को अपनी भूख मिटाने के लिए बलि चढ़ाते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कोटा के सबसे बड़े अभ्यारण मुंकदरा टाइगर रिजर्व से सामने आया है. यहां वन विभाग ने दो शिकारियों को पटागोह के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया है.

पाटागोह के शिकार में दो गिरफ्तार

शिकार करके खाते हैं मांस

आरोपियों से जब वन विभाग ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे पाटागोह का शिकार करके उनका मांस खाते है. यह दोनों शिकारी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं, जो कोटा में रहकर मजदूरी का काम करते हैं.

क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौत्तम के मुताबिक वन विभाग मकर संक्रांति और उसके आसपास जंगल में गलत हरकतों पर रोक लगाने के लिए पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके कारण ये दोनों शिकारी राजू और शंकर वनक्षेत्र में घूमते पाए गए. शिकारियों के हाथ में चार पाटागोह वन्यजीव और एक लोहे का सभल नामक हथियार भी था. जिससे पुलिस को शक हुआ और इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इन्होंने शिकार करना कूबुल किया है.

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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972

बता दें कि इन दोनों शिकारियों के खिलाफ वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों को बुधवार कोर्ट में पेश किया जाएगा.

Intro:मुकंदरा रिजर्व में पटागोह का शिकार करते दो शिकारियों को पकड़ा,
मुकंदरा टाइगर रिजर्व के बोराबस वन क्षेत्र से पटागोह का शिकार करते हुए दो शिकारियों को हिरासत में लिया।
कोटा में मुकंदरा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने शिकारियों के खिलाफ बडी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रिजर्व की बोराबांस के क्षेत्रीय वनअधिकारी संजीव गौत्तम के नेतृत्व में दो शिकारियों को चार पाटागोह वन्यजीव का शिकार करते रंगे हाथों पकडे है।
Body:फिलहाल दोनों शिकारी वन विभाग की गिरफ्त में है। उनसे क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौत्तम और सहायक उपवन संरक्षक रणबीर सिंह भंडारी गहन पूछताछ कर रहे है। शुरूआती पूछताछ में पकडे गए राजू और शंकर शिकारी ने बताया है कि वह लोग पाटागोह का शिकार करके उनका मांस खाते है। यह दोनों शिकारी मध्यप्रदेश के रहने वाले है जो कोटा में और कोटा के आसपास रहकर मजदूरी करते है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौत्तम के मुताबिक वन विभाग मकर संक्रांति और उसके आसपास जंगल में संभावित अवैध गतिविधि पर रोक लगाने के लिए अलर्ट रहते हुए पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग करता है। बीते कल यह दोनों शिकारी राजू और शंकर बोराबांस रेंज वनक्षेत्र के पांचनकुई वनक्षेत्र में घूम रहे थे, तबही मुखबीर की सूचना मिलने पर क्षेत्रीय वनअधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम मौके पर पहुंचे। शिकारियों के हाथ में चार पाटागोह वन्यजीव और एक लोहे का सभल नामक हथियार लगा हुआ था। जिससे मिटटी और बिलों की खुदाई करके यह और भी पाटागोह को खोजने की तलाश कर रहे थे, तबही यह लोग वन विभाग के हत्थे चढे।
Conclusion:इन दोनों शिकारियों के खिलाफ वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है, जिन्हें आज कोर्ट में भी पेश किया जाएगा।
बाईट-संजीव गौत्तम, क्षेत्रीय वन अधिकारी, बोराबांस रेंजर मुकंदरा टाइगर रिजर्व, कोटा
बाईट-रणबीर सिंह भंडारी, सहायक उपवन संरक्षक, मुकंदरा टाइगर रिजर्व, कोटा 


Last Updated : Jan 15, 2020, 7:39 PM IST
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