कोटा. वन्य जीवों की निर्मम हत्या की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. शिकारी इन बेजुबान जानवरों को अपनी भूख मिटाने के लिए बलि चढ़ाते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कोटा के सबसे बड़े अभ्यारण मुंकदरा टाइगर रिजर्व से सामने आया है. यहां वन विभाग ने दो शिकारियों को पटागोह के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया है.
शिकार करके खाते हैं मांस
आरोपियों से जब वन विभाग ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे पाटागोह का शिकार करके उनका मांस खाते है. यह दोनों शिकारी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं, जो कोटा में रहकर मजदूरी का काम करते हैं.
क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौत्तम के मुताबिक वन विभाग मकर संक्रांति और उसके आसपास जंगल में गलत हरकतों पर रोक लगाने के लिए पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके कारण ये दोनों शिकारी राजू और शंकर वनक्षेत्र में घूमते पाए गए. शिकारियों के हाथ में चार पाटागोह वन्यजीव और एक लोहे का सभल नामक हथियार भी था. जिससे पुलिस को शक हुआ और इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इन्होंने शिकार करना कूबुल किया है.
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972
बता दें कि इन दोनों शिकारियों के खिलाफ वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों को बुधवार कोर्ट में पेश किया जाएगा.