कोटा. जिला स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम गुरुवार को अटल सेवा केंद्र में आयोजित हुआ. इसमें जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल की अध्यक्षता में जिले से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई की जा रही थी. इसी दौरान जिले के दो विधायक भी जनसुनवाई में पहुंच गए और पूरे समय जनसुनवाई में मौजूद रहे.
विधायकों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. इस जन सुनवाई के दौरान ही सांगोद से विधायक भरत सिंह ने पुलिस के एफआर लगा देने के मामले पर कहा कि वे उस जिले में बैठे हुए हैं, जहां का तो एसपीबी रिश्वत लेते हुए जेल गया है.
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बता दें कि जन सुनवाई के दौरान सांगोद विधायक भरत सिंह और पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा भी जनसुनवाई में पहुंच गए. वे भी लोगों की समस्याओं को सुन रहे अधिकारियों के साथ पूरे समय बैठे रहे. इसी दौरान एक हाउसिंग बोर्ड का मामला आया, जिसमें शिकायतकर्ता राजेंद्र मीणा ने बताया कि उनके एक मकान जो हाउसिंग बोर्ड का तलवंडी में आवंटित हुआ था. उसे धोखेबाजी करते हुए कुछ लोगों ने फर्जी रजिस्ट्री करवा बेच दिया.
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इसकी उन्होंने शिकायत जवाहर नगर थाने में करवाई. इसके बाद तीन लोग गिरफ्तार भी हो गए. जब जांच हुई तो हाउसिंग बोर्ड से ही इस पूरे मामले की फाइल चोरी हो गई. हाउसिंग बोर्ड से रिकॉर्ड नहीं मिलने के पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी. इतना सुनते ही विधायक भरत सिंह बोले कि इस पूरे मामले में हाउसिंग बोर्ड के कार्मिकों की लापरवाही सामने आ रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि वे तो उस जिले में है, जहां का एसपी भी रिश्वत लेते हुए जेल गया था. वहीं एक अन्य शिकायतकर्ता की बात सुनते हुए विधायक रामनारायण मीणा ने नगर निगम उपायुक्त कीर्ति राठौड़ से कह दिया कि अगर आप लोग ही इनकी समस्याएं सुन लेते तो उन्हें आने की जरुरत नहीं पड़ती.