कोटा. रावतभाटा में देवा गुर्जर की हत्या के बाद कोटा के बोराबास इलाके में तनाव (Tension After Deva Gurjar Murder ) फैल गया है. आक्रोशित भीड़ ने जाम लगा कुछ वाहनों में तोड़फोड़ कर एक रोडवेज की बस को आग (In Kota Roadways bus set on fire ) लगा दी है. हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. ऐसे में कोटा शहर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भेजा गया है. जाम लगा देने के बाद बड़ी संख्या में लोग वहां रास्ते में फंस गए हैं.चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में सोमवार को देवा गुर्जर उर्फ़ देवा डॉन हत्या धारदार हथियारों और गोली मारकर कर दी गई थी. दिनभर चले गहमागहमी के बीच पुलिस ने परिजनों की समझाइश की. साथ ही आरोपियों को पकड़ने को लेकर आश्वासन देते हुए कई अन्य मागों पर सहमति बनी. उसके बाद एमबीएस अस्पताल में मृतक देवा गुर्जर का पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया.
देवा गुर्जर कोटा के आरकेपुरम थाना इलाके के बोराबास का रहने वाला था. उसका एक मकान रावतभाटा के मारुति नगर में भी था. हत्या के बाद कोटा के बोराबास इलाके में तनाव फैल गया है. घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति है. यहीं पर कुछ स्कूल व शिक्षण संस्थान भी स्थित हैं. ऐसे में स्कूली बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस घटनाक्रम को देखते हुए कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत भी एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंचे हैं. जहां पर भी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो चुके हैं. वहां भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
मोर्चरी पर हुई लाठी-भाटा जंग: एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी पर भी पुलिस और देवा गुर्जर समर्थकों के बीच जमकर लाठी भाटा जंग हुई है. आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर ही मोर्चरी पर पथराव कर दिया. इस समय रेंज आईजी रविदत्त गौड़ और कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत मौके पर मौजूद थे. अचानक हुई इस पत्थरबाजी के कारण हालात भारी तनावपूर्ण हो गए. ऐसे में लगातार पत्थरों की बारिश होने के चलते पुलिस ने भी आक्रोशित लोगों को बलपूर्वक खदेड़ना शुरू कर दिया. इस पत्थरबाजी में पुलिस अधिकारियों के साथ मीडिया कर्मी भी अपनी बमुश्किल जान बचा पाए हैं. घटना में एक-दो पुलिसकर्मियों को चोट लगी है. इसके बाद लाठीचार्ज करते हुए पुलिस ने लोगों को तितर-बितर कर दिया. इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है. इस लाठीचार्ज के बाद एमबीएस और जेके लोन अस्पताल के आसपास की दुकानें भी बंद हो गई. घटना के बाद पुलिस का जाप्ता तैनात किया गया है और लोगों को मोर्चरी के आसपास भी नहीं आने दिया जा रहा है.
क्या हुआ था?: 4 अप्रैल की शाम देवा रावतभाटा के ही कोटा बैरियर इलाके में नाई की दुकान पर गया हुआ था. जहां पर अचानक से कुछ लोग आए और उस पर हमला (History sheeter Deva Gurjar murdered) कर दिया. घायल देवा को एंबुलेंस की मदद से रावतभाटा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. जहां से कोटा रैफर कर दिया गया. कोटा से झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में उसे ले जाया गया. जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद उसके शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. देवा के घरवालों ने बाबू गुर्जर और अन्य लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है. जानकारी के मुताबिक दोनों एक साथ प्रॉपर्टी का व्यवसाय भी करते थे. इनके बीच लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था. देवा चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा थाने का हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ भी कई मामले पहले से दर्ज हैं.
मांगों पर सहमति बनने के बाद परिजनों को सौंपा शवः देवा गुर्जर के पोस्टमार्टम के पहले और बाद में काफी गहमागहमी बोराबास एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर रही. आखिर परिजनों से पुलिस की समझाइश के बाद देवा गुर्जर का पोस्टमार्टम हो गया. परिजन हत्यारों को पकड़ने की मांग कर रहे थे. जिस पर भी ठोस आश्वासन पुलिस ने दिया है. कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने कहा कि उचित मांगों पर प्रशासन पूरा सहयोग करेगा. इस दौरान पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंचे. उसके बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया. बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बोराबास पहुंचे. जहां रास्ता जाम कर बैठे लोगों से समझाइश की. एसपी शेखावत ने कहा मृतक के परिजनों से संबंधित जो मांगे हैं उन पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय किया गया है. जिनमें मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा की जाएगी. इस मामले की जांच रावतभाटा थाने के अलावा उच्चाधिकारियों से कराने पर भी सहमति बनी है. चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा और कोटा शहर के आरकेपुरम थाने के पुलिसकर्मियों पर भी परिजनों ने आरोप लगाते हुए उन पर भी कार्रवाई करने के लिए कहा है. साथ ही रोडवेज की बस जलाने के मामले में किसी को नामजद नहीं करने पर सहमति बनी है. इसके बाद मृतक देवा डॉन का अंतिम संस्कार हो गया.