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आयुष्मान भारत योजना के तहत किन बीमारियों का होता है इलाज? जानें और क्या होता है कवर? - AYUSHMAN BHARAT YOJANA

सरकार आयुष्मान भारत स्कीम का विस्तार कर सकती है. इससे संभावित रूप से 4.5 करोड़ परिवारों के लगभग छह करोड़ लोगों को लाभ होगा.

आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत क्या कवर होता है?
आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत क्या कवर होता है? (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2024, 7:39 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में जल्द ही अल्जाइमर, डिमेंशिया, हार्ट फेलियर और अन्य बीमारियों के उपचार के लिए शामिल किया जा सकता है. यह बीमारियां मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करती हैं. वर्तमान में आयुष्मान भारत लगभग 25 हेल्थ पैकेज प्रदान करती है, जो बुजुर्गों की जरूरतों को पूरा करते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, "सरकारी सूत्रों ने कहा कि नेशनल हेल्थ ओथॉरिटी आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन करती है, ऐसे और पैकेज जोड़ने की दिशा में काम कर रही है, जो विशेष रूप से वृद्धावस्था या बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों से जुड़ी हैं, क्योंकि ऐसे लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है. सरकार इस योजना का विस्तार करके 70 साल और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है"

बुजुर्गों में होने वाली बीमारियां
बता दें कि आयुष्मान भारत स्कीम का विस्तार कर वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने से संभावित रूप से 4.5 करोड़ परिवारों के लगभग छह करोड़ व्यक्तियों को लाभ होगा. घर के बुजुर्ग अक्सर स्ट्रोक, हार्ट फेल, कैंसर, अल्जाइमर और डेमेंटिया जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित होते हैं.मीडिया आउटलेट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि वे इन बीमारियों और उनसे जुड़ी जटिलताओं के उपचार के लिए विशेष पैकेज की योजना बना रहे हैं.

5 लाख रुपये का सालाना हेल्थ कवर
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य योजना है. इसे 2018 में 12.3 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों के 55 करोड़ व्यक्तियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये का वार्षिक स्वास्थ्य कवर देने के लिए पेश किया गया था. इस योजना के लिए वित्त पोषण केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में साझा करती है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत क्या कवर होता है?
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की वेबसाइट के अनुसार उपचार से संबंधित सभी खर्च, जैसे कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की लागत, एक पैकेज में शामिल हैं. स्पेसिफिक सर्जिकल पैकेजों का पेमेंट बंडल केयर के रूप में किया जाता है, जहां बीमाकर्ता/SHA द्वारा EHCP को एक ही सर्व-समावेशी पेमेंट करता है.

ईएचसीपी को मेडिकल पैकेज का पेमेंट प्रतिदिन की दर के आधार पर किया जाता है, जो एडमिशन यूनिट (सामान्य वार्ड, एचडीयू, आईसीयू) पर निर्भर करता है, जिसमें कुछ पूर्व निर्धारित ऐड-ऑन अलग से भुगतान किए जाते हैं. डे-केयर पैकेज सर्जिकल पैकेज के समान भुगतान स्ट्रक्चर का पालन करते हैं. ट्रीटमेंट पैकेज लगभग 24 स्पेशियलिटी में ट्रीटमेंट की एक लंबी रेंज को कवर करते हैं, जिसमें ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और कार्डियो-थोरैसिक और कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी जैसी स्पेशलाइज केयर भी शामिल है.

नेशनल हेल्थ ओथॉरिटी के अनुसार पैकेज रेट
नेशनल हेल्थ ओथॉरिटी की वेबसाइट के अनुसार पैकेज दर रेट में रजिस्ट्रेन फीस, बेड फीस(सामान्य वार्ड), नर्सिंग और बोर्डिंग फीस, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, मेडिकल प्रैक्टिशनर और सलाहकारों की फीस शामिल है.

इसके अलावा एनेस्थीसिया, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ऑक्सीजन, ओटी चार्जेस, सर्जिकल उपकरणों की लागत, दवाएं, प्रोस्थेटिक उपकरणों, इंप्लांट की कीस्ट (जब तक कि अलग से भुगतान न किया जाए), पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट, रेडियोलॉजी में एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और मरीज का खाना आदि शामिल हैं.

अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च
योजना के तहत उसी बीमारी/सर्जरी के लिए मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पहले परामर्श, डायग्नोस्टिक टेस्ट और दवाओं के लिए किए गए खर्च और अस्पताल से छुट्टी मिलने के 15 दिन तक का पेमेंट किया जाता है.

यह भी पढ़ें- आयुष्मान भारत स्कीम के लाभ के लिए 70 साल के बुजुर्ग ऐसे करें अप्लाई, जानें स्टेप बाय स्टेप पूरा प्रोसेस

नई दिल्ली: आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में जल्द ही अल्जाइमर, डिमेंशिया, हार्ट फेलियर और अन्य बीमारियों के उपचार के लिए शामिल किया जा सकता है. यह बीमारियां मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करती हैं. वर्तमान में आयुष्मान भारत लगभग 25 हेल्थ पैकेज प्रदान करती है, जो बुजुर्गों की जरूरतों को पूरा करते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, "सरकारी सूत्रों ने कहा कि नेशनल हेल्थ ओथॉरिटी आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन करती है, ऐसे और पैकेज जोड़ने की दिशा में काम कर रही है, जो विशेष रूप से वृद्धावस्था या बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों से जुड़ी हैं, क्योंकि ऐसे लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है. सरकार इस योजना का विस्तार करके 70 साल और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है"

बुजुर्गों में होने वाली बीमारियां
बता दें कि आयुष्मान भारत स्कीम का विस्तार कर वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने से संभावित रूप से 4.5 करोड़ परिवारों के लगभग छह करोड़ व्यक्तियों को लाभ होगा. घर के बुजुर्ग अक्सर स्ट्रोक, हार्ट फेल, कैंसर, अल्जाइमर और डेमेंटिया जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित होते हैं.मीडिया आउटलेट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि वे इन बीमारियों और उनसे जुड़ी जटिलताओं के उपचार के लिए विशेष पैकेज की योजना बना रहे हैं.

5 लाख रुपये का सालाना हेल्थ कवर
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य योजना है. इसे 2018 में 12.3 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों के 55 करोड़ व्यक्तियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये का वार्षिक स्वास्थ्य कवर देने के लिए पेश किया गया था. इस योजना के लिए वित्त पोषण केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में साझा करती है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत क्या कवर होता है?
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की वेबसाइट के अनुसार उपचार से संबंधित सभी खर्च, जैसे कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की लागत, एक पैकेज में शामिल हैं. स्पेसिफिक सर्जिकल पैकेजों का पेमेंट बंडल केयर के रूप में किया जाता है, जहां बीमाकर्ता/SHA द्वारा EHCP को एक ही सर्व-समावेशी पेमेंट करता है.

ईएचसीपी को मेडिकल पैकेज का पेमेंट प्रतिदिन की दर के आधार पर किया जाता है, जो एडमिशन यूनिट (सामान्य वार्ड, एचडीयू, आईसीयू) पर निर्भर करता है, जिसमें कुछ पूर्व निर्धारित ऐड-ऑन अलग से भुगतान किए जाते हैं. डे-केयर पैकेज सर्जिकल पैकेज के समान भुगतान स्ट्रक्चर का पालन करते हैं. ट्रीटमेंट पैकेज लगभग 24 स्पेशियलिटी में ट्रीटमेंट की एक लंबी रेंज को कवर करते हैं, जिसमें ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और कार्डियो-थोरैसिक और कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी जैसी स्पेशलाइज केयर भी शामिल है.

नेशनल हेल्थ ओथॉरिटी के अनुसार पैकेज रेट
नेशनल हेल्थ ओथॉरिटी की वेबसाइट के अनुसार पैकेज दर रेट में रजिस्ट्रेन फीस, बेड फीस(सामान्य वार्ड), नर्सिंग और बोर्डिंग फीस, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, मेडिकल प्रैक्टिशनर और सलाहकारों की फीस शामिल है.

इसके अलावा एनेस्थीसिया, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ऑक्सीजन, ओटी चार्जेस, सर्जिकल उपकरणों की लागत, दवाएं, प्रोस्थेटिक उपकरणों, इंप्लांट की कीस्ट (जब तक कि अलग से भुगतान न किया जाए), पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट, रेडियोलॉजी में एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और मरीज का खाना आदि शामिल हैं.

अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च
योजना के तहत उसी बीमारी/सर्जरी के लिए मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पहले परामर्श, डायग्नोस्टिक टेस्ट और दवाओं के लिए किए गए खर्च और अस्पताल से छुट्टी मिलने के 15 दिन तक का पेमेंट किया जाता है.

यह भी पढ़ें- आयुष्मान भारत स्कीम के लाभ के लिए 70 साल के बुजुर्ग ऐसे करें अप्लाई, जानें स्टेप बाय स्टेप पूरा प्रोसेस

Last Updated : Oct 9, 2024, 7:53 PM IST
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