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एयर इंडिया के विमान की सुरक्षित लैंडिंग, हाइड्रोलिक सिस्टम में आई थी खराबी, सभी 141 यात्री सुरक्षित

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिची से शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या IX 613 में हाइड्रोलिक खराबी आने के बाद करीब दो घंटे से भी ज्यादा समय तक हवा में घूमती रही. फिलहाल इसकी सुरक्षित लैंडिंग हो गई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 11, 2024, 8:06 PM IST

Updated : Oct 11, 2024, 8:32 PM IST

त्रिची: तमिलनाडु में एयर इंडिया विमान संख्या IX 613 की सुरक्षित लैंडिंग हो गई है. बता दें कि, 141 यात्रियों को लेकर तिरुचिरापल्ली (त्रिची) से शारजाह के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान मैकेनिकल खराबी के कारण करीब डेढ़- दो घंटे से त्रिची इलाके में आसमान में चक्कर काट रहा था.

खबर के मुताबिक, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में शुक्रवार शाम को एयर इंडिया के एक विमान का हाइड्रोलिक फेल हो गया था. इसके चलते वह लैंड नहीं कर पा रहा था. जिसके बाद पायलट विमान को सुरक्षित उतारने की कोशिश करने लगे. वहीं सुरक्षा एहतियात के तौर पर त्रिची एयरपोर्ट पर दस से ज्यादा एंबुलेंस बुलाई गई थी.

जानकारी के मुताबिक, रात 8:14 बजे एयर इंडिया फ्लाइट संख्या IX 613 ने एयरपोर्ट पर लैंड किया. विमान में आई खराबी के बाद बेली लैंडिंग की बात की जा रही थी. ऐसे में हमें यह जानना जरूरी है कि, विमान के आपतकालीन स्थिति में इस तरह की लैंडिंग कैसे कराई जाती है. बता दें कि, जब विमान हवा में चक्कर लगा रहा था तब फ्लाइट को हल्का बनाने के लिए ईंधन डंपिंग पर विचार किया जा रहा था. हालांकि ऐसा नहीं किया गया.

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने ट्वीट किया
विमान में आई खराबी और उसके बाद हुई सेफ लैंडिंग पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने ट्वीट किया, "मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान सुरक्षित रूप से उतर गया है. लैंडिंग गियर की समस्या की खबर मिलने पर, मैंने तुरंत अधिकारियों के साथ फोन पर एक आपातकालीन बैठक की और उन्हें सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने का निर्देश दिया, जिसमें दमकल गाड़ियों की तैनाती और चिकित्सा सहायता शामिल है. मैंने अब जिला कलेक्टर को सभी यात्रियों की निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करने और आगे की सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है."

तमिलनाडु के राज्यपाल कैप्टेन और को-पायलट को धन्यवाद कहा
तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा, "लैंडिंग गियर में गड़बड़ी के बाद तिरुचिरापल्ली से शारजाह जा रही फ्लाइट IX613 की सुरक्षित लैंडिंग के लिए कैप्टन और को-पायलट को बहुत-बहुत धन्यवाद.

बेली लैंडिंग क्या है?
बेली लैंडिंग एक इमरजेंसी लैंडिंग प्रक्रिया है, जिसमें विमान अपने लैंडिंग गियर को पूरी तरह या आंशिक रूप से खोले बिना ही जमीन पर उतारा जाता है. इसे गियर-अप लैंडिंग भी कहा जाता है. आपात स्थिति में विमान के लैंडिंग गियर पूरी तरह से काम नहीं कर रहे होते हैं या खोले नहीं जा सकते.

बेली लैंडिंग का मतलब है कि विमान अपने पेट (नीचे वाले हिस्से) के हिस्से से रनवे पर लैंड करता है. विमान के उतरने के लिए इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है. हालांकि, इसमें सुरक्षित उतरने या फिर अनसेफ लैंडिंग की गुंजाइश दोनों होती है. इसके कई गंभीर परिणाम भी होते हैं. इससे विमान और रनवे को नुकसान पहुंचता है. साथ ही झटका लगने से यात्रियों और कर्मचारियों को चोट भी पहुंच सकती है.

जानें कैसे होती है बेली लैंडिंग?
बेली लैंडिंग के समय विमान का पायलट बहुत सावधानी से फ्लाइट को नियंत्रित करता है जिससे उसे धीरे और सुरक्षित तरीके से जमीन पर उतारा जा सके. जब विमान का बेली रनवे से टच होता है तो पायलट रनवे की लंबाई का इस्तेमाल करते हुए विमान को धीरे-धीरे रोकने की कोशिश करता है. बेली लैंडिंग से विमान को नुकसान भी पहुंच सकता है.

हाइड्रोलिक फेलिअर कैसे होता है
विमान में हाइड्रोलिक फेलिअर तब होती है जब लैंडिंग गियर, ब्रेक और फ्लैप जैसे महत्वपूर्ण भागों को नियंत्रित करने के लिए दबावयुक्त लिक्विड का उपयोग करने वाला सिस्टम सही से काम करना बंद कर देता है.

ये भी पढ़ें: टेक-ऑफ से पहले Air India फ्लाइट में निकलने लगा धुआं, सभी 142 यात्री सुरक्षित

त्रिची: तमिलनाडु में एयर इंडिया विमान संख्या IX 613 की सुरक्षित लैंडिंग हो गई है. बता दें कि, 141 यात्रियों को लेकर तिरुचिरापल्ली (त्रिची) से शारजाह के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान मैकेनिकल खराबी के कारण करीब डेढ़- दो घंटे से त्रिची इलाके में आसमान में चक्कर काट रहा था.

खबर के मुताबिक, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में शुक्रवार शाम को एयर इंडिया के एक विमान का हाइड्रोलिक फेल हो गया था. इसके चलते वह लैंड नहीं कर पा रहा था. जिसके बाद पायलट विमान को सुरक्षित उतारने की कोशिश करने लगे. वहीं सुरक्षा एहतियात के तौर पर त्रिची एयरपोर्ट पर दस से ज्यादा एंबुलेंस बुलाई गई थी.

जानकारी के मुताबिक, रात 8:14 बजे एयर इंडिया फ्लाइट संख्या IX 613 ने एयरपोर्ट पर लैंड किया. विमान में आई खराबी के बाद बेली लैंडिंग की बात की जा रही थी. ऐसे में हमें यह जानना जरूरी है कि, विमान के आपतकालीन स्थिति में इस तरह की लैंडिंग कैसे कराई जाती है. बता दें कि, जब विमान हवा में चक्कर लगा रहा था तब फ्लाइट को हल्का बनाने के लिए ईंधन डंपिंग पर विचार किया जा रहा था. हालांकि ऐसा नहीं किया गया.

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने ट्वीट किया
विमान में आई खराबी और उसके बाद हुई सेफ लैंडिंग पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने ट्वीट किया, "मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान सुरक्षित रूप से उतर गया है. लैंडिंग गियर की समस्या की खबर मिलने पर, मैंने तुरंत अधिकारियों के साथ फोन पर एक आपातकालीन बैठक की और उन्हें सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने का निर्देश दिया, जिसमें दमकल गाड़ियों की तैनाती और चिकित्सा सहायता शामिल है. मैंने अब जिला कलेक्टर को सभी यात्रियों की निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करने और आगे की सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है."

तमिलनाडु के राज्यपाल कैप्टेन और को-पायलट को धन्यवाद कहा
तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा, "लैंडिंग गियर में गड़बड़ी के बाद तिरुचिरापल्ली से शारजाह जा रही फ्लाइट IX613 की सुरक्षित लैंडिंग के लिए कैप्टन और को-पायलट को बहुत-बहुत धन्यवाद.

बेली लैंडिंग क्या है?
बेली लैंडिंग एक इमरजेंसी लैंडिंग प्रक्रिया है, जिसमें विमान अपने लैंडिंग गियर को पूरी तरह या आंशिक रूप से खोले बिना ही जमीन पर उतारा जाता है. इसे गियर-अप लैंडिंग भी कहा जाता है. आपात स्थिति में विमान के लैंडिंग गियर पूरी तरह से काम नहीं कर रहे होते हैं या खोले नहीं जा सकते.

बेली लैंडिंग का मतलब है कि विमान अपने पेट (नीचे वाले हिस्से) के हिस्से से रनवे पर लैंड करता है. विमान के उतरने के लिए इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है. हालांकि, इसमें सुरक्षित उतरने या फिर अनसेफ लैंडिंग की गुंजाइश दोनों होती है. इसके कई गंभीर परिणाम भी होते हैं. इससे विमान और रनवे को नुकसान पहुंचता है. साथ ही झटका लगने से यात्रियों और कर्मचारियों को चोट भी पहुंच सकती है.

जानें कैसे होती है बेली लैंडिंग?
बेली लैंडिंग के समय विमान का पायलट बहुत सावधानी से फ्लाइट को नियंत्रित करता है जिससे उसे धीरे और सुरक्षित तरीके से जमीन पर उतारा जा सके. जब विमान का बेली रनवे से टच होता है तो पायलट रनवे की लंबाई का इस्तेमाल करते हुए विमान को धीरे-धीरे रोकने की कोशिश करता है. बेली लैंडिंग से विमान को नुकसान भी पहुंच सकता है.

हाइड्रोलिक फेलिअर कैसे होता है
विमान में हाइड्रोलिक फेलिअर तब होती है जब लैंडिंग गियर, ब्रेक और फ्लैप जैसे महत्वपूर्ण भागों को नियंत्रित करने के लिए दबावयुक्त लिक्विड का उपयोग करने वाला सिस्टम सही से काम करना बंद कर देता है.

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Last Updated : Oct 11, 2024, 8:32 PM IST
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