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महाशिवरात्रि उत्सव 2025: सद्गुरु ने शुभकामनाओं के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया - MAHA SHIVARATRI 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में 26 फरवरी को होने वाले महाशिवरात्रि त्योहार की शानदार सफलता की कामना की है.

Maha Shivaratri festival 2025 Sadhguru Thanks To PM Modi For His Wishes
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सद्गुरु जग्गी वासुदेव (File Photo - ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 23, 2025, 10:22 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु के कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का त्योहार भव्य तरीके से मनाया जाएगा. इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार विशेष अतिथि के रूप में भाग लेंगे.

महाशिवरात्रि से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्योहार की शानदार सफलता की कामना की है. बीते दिनों उन्होंने इस संबंध में सद्गुरु जग्गी वासुदेव को एक पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में लिखा, 'ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में आयोजित महाशिवरात्रि समारोह 2025 के पावन अवसर पर ईशा फाउंडेशन के सभी लोगों और भगवान शिव के असंख्य भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई. सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक के रूप में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि अपने आध्यात्मिक उत्थान गुण के लिए गहरी श्रद्धा और भक्ति को जगाता है. उपवास, ध्यान और आत्ममंथन का अवसर, यह अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है. महाशिवरात्रि, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह की महान रात्रि है - शिव और शक्ति का एक ब्रह्मांडीय मिलन है. यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भक्ति, प्रार्थना और स्वयं पर नियंत्रण के माध्यम से, भक्त आध्यात्मिक रूप से प्रगति कर सकते हैं, साथ ही सर्वोच्च दिव्य ऊर्जा के साथ संबंध स्थापित कर सकते हैं."

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, "महाशिवरात्रि जैसे त्योहार भूगोल, संस्कृति, समय और स्थान की बाधाओं को पार करते हुए मानवता को आंतरिक शांति, संतुलन और सद्भाव के सामान्य धागों से बांधते हैं. यह प्रकृति के प्रति श्रद्धा को विकसित करने और उसके साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहने का संदेश भी देता है. हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में आदियोगी की प्रतिमाएं स्थापित करने की पहल के बारे में जानना विशेष रूप से उत्साहजनक है."

उन्होंने आगे लिखा, "भगवान शिव का पारलौकिक रूप भक्तों और अनुयायियों को स्वयं के प्रति जागरूकता विकसित करने और उच्च चेतना विकसित करने के लिए सतत प्रयास करने के लिए प्रेरित करता रहे. भगवान शिव के दिव्य चरणों में मानवता पर अपनी कृपा बरसाने की प्रार्थना के साथ, सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी के नेतृत्व में 2025 में मनाया जाने वाला ईशा महाशिवरात्रि उत्सव शानदार सफलता के साथ मनाया जाए. सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी को अपार सफलता मिले."

सद्गुरु ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया
वहीं, ईशा योग केंद्र के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने महाशिवरात्रि पर्व पर प्रधानमंत्री मोदी को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने रविवार को अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा है, 'प्रधानमंत्री जी आपकी हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. सभी को भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि की भव्यता का अनुभव करना चाहिए. इस सभ्यता के निर्माण और मानवता के भविष्य के लिए आदियोगी का योगदान ऐसा है कि आदियोगी अतीत की एक शख्सियत बनकर नहीं रहेंगे बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा बनेंगे, जो ऊपर से नहीं बल्कि भीतर से कल्याण और उत्थान की तलाश करेंगे. सभी मानवीय अनुभवों का स्रोत हमारे भीतर है और सभी मानवीय समस्याओं और जटिलताओं का समाधान भी हमारे भीतर है. यह आदियोगी के योगदान का मूल है और यह स्वाभाविक रूप से इस दुनिया का भविष्य होगा. एक बार फिर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद."

यह भी पढ़ें- 'ठाकरे को मर्सिडीज देकर उनकी पार्टी में बड़ा पद मिलता है', नीलम गोरे के आरोप पर उद्धव ने दिया जवाब

चेन्नई: तमिलनाडु के कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का त्योहार भव्य तरीके से मनाया जाएगा. इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार विशेष अतिथि के रूप में भाग लेंगे.

महाशिवरात्रि से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्योहार की शानदार सफलता की कामना की है. बीते दिनों उन्होंने इस संबंध में सद्गुरु जग्गी वासुदेव को एक पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में लिखा, 'ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में आयोजित महाशिवरात्रि समारोह 2025 के पावन अवसर पर ईशा फाउंडेशन के सभी लोगों और भगवान शिव के असंख्य भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई. सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक के रूप में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि अपने आध्यात्मिक उत्थान गुण के लिए गहरी श्रद्धा और भक्ति को जगाता है. उपवास, ध्यान और आत्ममंथन का अवसर, यह अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है. महाशिवरात्रि, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह की महान रात्रि है - शिव और शक्ति का एक ब्रह्मांडीय मिलन है. यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भक्ति, प्रार्थना और स्वयं पर नियंत्रण के माध्यम से, भक्त आध्यात्मिक रूप से प्रगति कर सकते हैं, साथ ही सर्वोच्च दिव्य ऊर्जा के साथ संबंध स्थापित कर सकते हैं."

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, "महाशिवरात्रि जैसे त्योहार भूगोल, संस्कृति, समय और स्थान की बाधाओं को पार करते हुए मानवता को आंतरिक शांति, संतुलन और सद्भाव के सामान्य धागों से बांधते हैं. यह प्रकृति के प्रति श्रद्धा को विकसित करने और उसके साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहने का संदेश भी देता है. हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में आदियोगी की प्रतिमाएं स्थापित करने की पहल के बारे में जानना विशेष रूप से उत्साहजनक है."

उन्होंने आगे लिखा, "भगवान शिव का पारलौकिक रूप भक्तों और अनुयायियों को स्वयं के प्रति जागरूकता विकसित करने और उच्च चेतना विकसित करने के लिए सतत प्रयास करने के लिए प्रेरित करता रहे. भगवान शिव के दिव्य चरणों में मानवता पर अपनी कृपा बरसाने की प्रार्थना के साथ, सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी के नेतृत्व में 2025 में मनाया जाने वाला ईशा महाशिवरात्रि उत्सव शानदार सफलता के साथ मनाया जाए. सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी को अपार सफलता मिले."

सद्गुरु ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया
वहीं, ईशा योग केंद्र के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने महाशिवरात्रि पर्व पर प्रधानमंत्री मोदी को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने रविवार को अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा है, 'प्रधानमंत्री जी आपकी हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. सभी को भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि की भव्यता का अनुभव करना चाहिए. इस सभ्यता के निर्माण और मानवता के भविष्य के लिए आदियोगी का योगदान ऐसा है कि आदियोगी अतीत की एक शख्सियत बनकर नहीं रहेंगे बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा बनेंगे, जो ऊपर से नहीं बल्कि भीतर से कल्याण और उत्थान की तलाश करेंगे. सभी मानवीय अनुभवों का स्रोत हमारे भीतर है और सभी मानवीय समस्याओं और जटिलताओं का समाधान भी हमारे भीतर है. यह आदियोगी के योगदान का मूल है और यह स्वाभाविक रूप से इस दुनिया का भविष्य होगा. एक बार फिर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद."

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