कोटा. राजस्थान के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) कोटा दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने जयपुर ग्रेटर (Jaipur Greater) की महापौर सौम्या गुर्जर (mayor soumya gurjar) और तीन पार्षदों को निलंबित करने के मामले में कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस (Police) इस मामले में अलग जांच करेगी.
धारीवाल ने कहा कि नगर निगम कमिश्नर ने भी मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है, जिसकी अलग जांच होगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता है. जांच रिपोर्ट में अगर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि जो भी कार्रवाई हुई है वह कानून सम्मत है.
शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने कहा कि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं में हंगामा होना अलग बात है और छोटी-मोटी बातें होना अलग बात है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो जांच रिपोर्ट सामने आई है, उसके अनुसार मारपीट, गाली-गलौच, धक्का-मुक्की भी हुई है और जाति सूचक शब्दों से भी अपमानित किया गया है. यह सब एक तरह का अपराध है. उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी को जांच रिपोर्ट के अनुसार काम करना पड़ता है.
यूडीएच मंत्री धारीवाल ने कहा कि कोर्ट में जाने से किसी को कोई नहीं रोक सकता है. वहीं, बीजेपी (Rajasthan BJP) के आंदोलन की चेतावनी पर धारीवाल ने कहा कि बीजेपी ने खूब आंदोलन किए हैं और करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि वे जांच में पूरी तरह से दोषी पाए गए हैं, इसीलिए कार्रवाई की गई है. पहली बार किसी महापौर (mayor) पर इस तरह की कार्रवाई प्रदेश में होने पर धारीवाल ने कहा कि इस तरह का हादसा भी पहली बार ही हुआ है. इस तरह का हादसा हमने न देखा और न सुना है.
ये है पूरा मामला
दरअसल, बीते शुक्रवार को महापौर सौम्या गुर्जर और आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह के बीच एक बैठक के दौरान तीखी बहस हुई थी. बताया जा रहा है कि कि डोर-टू-डोर (Door to door) कचरा उठाने वाली कंपनियों के भुगतान के मुद्दे पर हुई बैठक के दौरान जब मेयर से उनकी और आयुक्त के बीच तकरार हुई, तो वो बाहर जाने लगे. आयुक्त सिंह का आरोप है, इस दौरान भाजपा के तीन पार्षदों ने उनसे अभद्र व्यवहार और मारपीट भी की, घटना के बाद आयुक्त ने तीन पार्षदों के खिलाफ थाने में शिकायत दी और जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई.