कोटा. राजस्थान में कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशयिलिटी ब्लॉक के लिए राज्य के सरकार ने 10 करोड़ का बजट जारी कर दिया है, जो कि स्टेट शेयर का बजट प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सुपर स्पेशयिलिटी ब्लॉक के लिए जारी किया गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज मंगलवार को इस संबंध में राशि जारी करने की स्वीकृति दी है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि कुछ उपकरण लंबित थे, वह हम खरीदेंगे. इसमें मुख्य रूप से न्यूरो रिहैबिलिटेशन के एडवांस उपकरण खरीदे जाएंगे. जिनमें न्यूरो ऑटोनॉमिक लैब स्थापित की जाएगी. इसके अलावा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में गैस्ट्रोस्कोप, कोलोनोस्कोपी के अलावा कई एंडोस्कोप शामिल है.
वहीं, यूरोलॉजी विभाग में भी यूरोडायनेमिक स्टडी उपकरण की खरीद मरीजों के उपचार के लिए की जाएगी. साथ ही 500 एमए की एक एक्सरे मशीन भी इसमें आएगी. साथ ही फ्रोजन सेक्शन बायोप्सी मशीन आएगी. बची हुई मद से कुछ फर्नीचर भी खरीदे जाएंगे. इसमें वीडियो यूरोडायनेमिक स्टडी होती है, जिसमें पेशाब की थैली में प्रेशर जनरेशन की ताकत कितनी है और स्प्रिंटर में पेशाब के फ्लो को रोकने की पावर कितनी है यह देखा जाता है. यानी कि इसे फंक्शनल स्टडी ऑफ यूरिनरी ब्लैडर कहते हैं.
करोड़ों के उपकरण पहले से मौजूद...
इससे पहले मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियिलिटी ब्लॉक के अधीक्षक डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि बड़े उपकरणों में 3डी लेप्रोस्कोप, यूरो और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के लिए लेजर, न्यूरो सर्जरी के लिए नेवीगेशन सिस्टम, फ्लैट पैनल सियाम मशीन, प्लाज्मा स्टरलाइजर आ चुके हैं. न्यूरो नेवीगेशन सिस्टम सर्जरी में काम आता है, जिसमें सर्जन ऑपरेशन के रास्ते को ठीक से देख पाता है और दिमाग के जिस हिस्से में वह सर्जरी करने जाना चाहता है, वह सही है.
यूरोलॉजी में 3डी लेप्रोस्कोप है, जिससे कि दूरबीन से सर्जरी जटिल सर्जरी गुर्दे की कर सकते है. वहीं, लेजर से किडनी में पथरी, प्रोस्टेट और ट्यूमर की सर्जरी की जा सकती है. इसी तरह से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में लेजर से पथरी और ट्यूमर की सर्जरी की जा सकती है.