कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कोटा की टीम ने मंगलवार रात बड़ी कार्रवाई करते हुए रेलवे के एक इंजीनियर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जो कि ठेके पर लगी हुई पिकअप वैन के बिलों के बकाया भुगतान करने की एवज में 7 प्रतिशत के अनुसार रिश्वत ले रहा था, जो कि 35 हजार रुपए लिए थे. एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार के अनुसार उन्हें एक परिवादी ने बीते साल 12 नवंबर को शिकायत दी थी, जो कि अपना नाम भी उजागर नहीं करना चाहता था.
ऐसे में उसका नाम गोपनीय रखा गया है, जिसके मालिक की पिकअप वैन रेलवे में संचालित होती है और जिनके बकाया बिलों का भुगतान करने के लिए रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा पैसे मांग रहे थे. वह लगातार इनका भुगतान नहीं कर रहे थे. परिवादी का कहना है कि जब भी वह सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा से बिलों के भुगतान की बात करता था, तब वह कहते थे कि तेरे मालिक पर मुझे भरोसा नहीं है, मेरा और बिल बनाकर पास करवाने वाले अधिकारी व कर्मचारियों का 7 प्रतिशत से लेकर आएगा तो तेरे अटके बिल पास कर भुगतान करवा दूंगा, वरना यूं ही ये अटके रहेंगे.
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इस गोपनीय शिकायत का सत्यापन एसीबी ने 7 जनवरी और 18 फरवरी को करवाया था. इसमें शिकायत की पुष्टि हुई रिश्वत मांग सत्यापन के दौरान आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने 10,000 रुपए प्रति माह के बिल के हिसाब से प्राप्त किए. साथ ही इसमें भी बिलों के भुगतान का कमीशन 7 प्रतिशत से देने के लिए कहा. इसके बाद रिश्वत की राशि लेने के लिए आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा ने 23 मार्च की देर रात्रि को परिवादी को रिश्वत की राशि लेकर अपने घर पर बुलाया. जहां पर उसने आरोपी इंजीनियर घनश्याम शर्मा को 35 हजार रुपये बतौर रिश्वत घर के बाहर ही संभला दिए.
रिश्वत की राशि बरामद...
इसका इशारा मिलते ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उसके कब्जे से रिश्वत की राशि को भी बरामद कर लिया है. इस पूरी कार्रवाई में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, निरीक्षक अजीत बागडोलिया, नरेश चौहान, वरिष्ठ लिपिक दिलीप सिंह, कांस्टेबल भरत सिंह, देवेंद्र सिंह, मनोज कुमार, नरेंद्र सिंह, ब्रजराज सिंह व सरोज शामिल थे.