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शिक्षा नगरी को पॉलीथिन मुक्त बनाने में जुटी आरएसी, बांटे 10 हजार कपड़े के थैले

कोटा में आरएसी बटालियन द्वितीय अब शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की परिकल्पना करते हुए कपड़े के थैले बनाकर शहरवासियों को वितरित कर रही है. उसने लक्ष्य बनाया है कि वह 25 हजार से ज्यादा कपड़े के बैग कोटा शहर में वितरित करेंगे. ताकि लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें.

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Published : Oct 31, 2019, 2:46 PM IST

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कोटा. शिक्षा नगरी कोटा को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए आरएसी बटालियन द्वितीय सामने आई है. पहले ऑक्सीजोन बनाकर शहर को शुद्ध हवा देने का प्रयास करने वाली आरएसी बटालियन द्वितीय अब शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की परिकल्पना करते हुए कपड़े के थैले बनाकर शहरवासियों को वितरित कर रही है.

शिक्षा नगरी को पॉलीथिन मुक्त बनाने में जुटी आरएसी

आरएसी बटालियन द्वितीय ने लक्ष्य बनाया है कि वह 25 हजार से ज्यादा कपड़े के बैग कोटा शहर में वितरित करेंगे, ताकि लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें. इस मुहिम में आरएसी के 800 जवान और अधिकारी शामिल है. जिन्होंने अपने ही घर से कपड़ा लेकर इसकी शुरुआत की थी. करीब 1600 साड़ियां जवानों के परिवारों से एकत्रित की गई. उनसे जवानों ने ही कपड़े के बैग बनाए हैं. जिन्हें वे शहर के अलग-अलग एरिया में वितरित कर रहे हैं. अब तक 10 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले बनाकर वितरित कर चुके हैं.

यह भी पढें- मंत्री धारीवाल का स्पीकर बिरला से आग्रह, कोटा को एनजीटी से दिलवाएं मुक्ति

अधिकांश बैग शहर के मुख्य बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाकर निशुल्क वितरित किए गए हैं. आरएसी के जवानों ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर नयापुरा स्थित महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम के बाहर भी स्टाल लगाकर कपड़े की थैली का वितरण किया है.

शहरवासियों से मांग रहे पुराने कपड़े व साड़ियां

अपने लक्ष्य 25 हजार कपड़े के थैले शहरवासियों को बांटने के लिए अब आरएसी के अधिकारियों व जवानों ने अपील की है कि शहर की महिलाओं की पुरानी साड़ियां, जो किसी उपयोग में नहीं आ रही है. ऐसी पुरानी साड़ियां आरएसी के जवानों को दें, ताकि वे उससे कपड़े के थैले बना कर शहरवासियों को देंगे. उनकी कोशिश है कि शहर में ज्यादा से ज्यादा लोग कपड़े के थैले का उपयोग करें. जिससे शहर सिंगल यूज पॉलीथिन मुक्त हो जाए.

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए आरएसी बटालियन द्वितीय सामने आई है. पहले ऑक्सीजोन बनाकर शहर को शुद्ध हवा देने का प्रयास करने वाली आरएसी बटालियन द्वितीय अब शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की परिकल्पना करते हुए कपड़े के थैले बनाकर शहरवासियों को वितरित कर रही है.

शिक्षा नगरी को पॉलीथिन मुक्त बनाने में जुटी आरएसी

आरएसी बटालियन द्वितीय ने लक्ष्य बनाया है कि वह 25 हजार से ज्यादा कपड़े के बैग कोटा शहर में वितरित करेंगे, ताकि लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें. इस मुहिम में आरएसी के 800 जवान और अधिकारी शामिल है. जिन्होंने अपने ही घर से कपड़ा लेकर इसकी शुरुआत की थी. करीब 1600 साड़ियां जवानों के परिवारों से एकत्रित की गई. उनसे जवानों ने ही कपड़े के बैग बनाए हैं. जिन्हें वे शहर के अलग-अलग एरिया में वितरित कर रहे हैं. अब तक 10 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले बनाकर वितरित कर चुके हैं.

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अधिकांश बैग शहर के मुख्य बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाकर निशुल्क वितरित किए गए हैं. आरएसी के जवानों ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर नयापुरा स्थित महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम के बाहर भी स्टाल लगाकर कपड़े की थैली का वितरण किया है.

शहरवासियों से मांग रहे पुराने कपड़े व साड़ियां

अपने लक्ष्य 25 हजार कपड़े के थैले शहरवासियों को बांटने के लिए अब आरएसी के अधिकारियों व जवानों ने अपील की है कि शहर की महिलाओं की पुरानी साड़ियां, जो किसी उपयोग में नहीं आ रही है. ऐसी पुरानी साड़ियां आरएसी के जवानों को दें, ताकि वे उससे कपड़े के थैले बना कर शहरवासियों को देंगे. उनकी कोशिश है कि शहर में ज्यादा से ज्यादा लोग कपड़े के थैले का उपयोग करें. जिससे शहर सिंगल यूज पॉलीथिन मुक्त हो जाए.

Intro:ऑक्सीजोन बनाकर को शुद्ध हवा देने का प्रयास करने वाली आरएसी बटालियन द्वितीय अब शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की परिकल्पना करते हुए कपड़े के थैले बनाकर शहरवासियों को वितरित कर रही है.
आरएसी बटालियन द्वितीय ने लक्ष्य बनाया है कि वह 25 हजार से ज्यादा कपड़े के बैग कोटा शहर में वितरित करेंगे, ताकि लोग सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें.


Body:कोटा.
शिक्षा नगरी कोटा को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए आरएसी बटालियन द्वितीय सामने आई है. पहले ऑक्सीजोन बनाकर शहर को शुद्ध हवा देने का प्रयास करने वाली आरएसी बटालियन द्वितीय अब शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की परिकल्पना करते हुए कपड़े के थैले बनाकर शहरवासियों को वितरित कर रही है.
आरएसी बटालियन द्वितीय ने लक्ष्य बनाया है कि वह 25 हजार से ज्यादा कपड़े के बैग कोटा शहर में वितरित करेंगे, ताकि लोग सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें. इस मुहिम में आरएसी के 800 जवान और अधिकारी शामिल है. जिन्होंने अपने ही घर से कपड़ा लेकर इसकी शुरुआत की थी. करीब 1600 साड़ियां जवानों के परिवारों से एकत्रित की गई. उनसे जवानों ने ही कपड़े के बैग बनाए हैं. जिन्हें वे शहर के अलग-अलग एरिया में वितरित कर रहे हैं. अब तक 10 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले बनाकर वितरित कर चुके हैं. अधिकांश बैग शहर के मुख्य बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाकर निशुल्क दिए गए हैं. आरएसी के जवानों ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर नयापुरा स्थित महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम के बाहर भी स्टाल लगाकर कपड़े की थैली का वितरण किया है. वहां आई महिलाओं से कपड़े की थैली के लिए पुरानी साड़ियां देने की मांग की है.


Conclusion:शहरवासियों से मांग रहे पुराने कपड़े व साड़ियां
अपने लक्ष्य 25 हजार कपड़े के थैले शहरवासियों को बांटने के लिए अब आरएसी के अधिकारियों व जवानों ने अपील की है कि शहर की महिलाओं पुरानी साड़ियां उन तक पहुंचाएं, जो किसी उपयोग में नहीं आ रही है. ऐसी पुरानी साड़ियां से आरएसी के जवानों को दें, ताकि वे बदले में शहरवासियों को कपड़े के थैले बना कर देंगे और शहर में ज्यादा से ज्यादा कपड़े के थैले का उपयोग शहरवासी करें. जिससे शहर सिंगल यूज पॉलीथिन मुक्त हो जाए.


बाइट-- पवन जैन, डिप्टी कमांडेंट, आरएसी दितीय बटालियन
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