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ध्यान देंः अगर आप प्याज खाने के शौकिन हैं तो रेस्टोरेंट जाने से पहले ये खबर पढ़ लें...

देशभर में प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से अब लोगों की थाली से भी प्याज दूर होता जा रहा है. इतना ही नहीं लोग दुकानों तक पहुंच कर भी प्याज लेने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में रेस्टोरेंट और ढाबे भी प्याज से दूरी बना रहे हैं. इतना ही नहीं अगर आप प्याज खाने के इच्छुक हैं तो आपको रेस्टोरेंट को अलग से चार्ज देना होगा.

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Published : Nov 29, 2019, 5:03 PM IST

कोटा. प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. अब खाने की थाली से प्याज दूर हो चुका है. शहर के कई रेस्टोरेंट ने प्याज के अलग से दाम वसूलना भी शुरू कर दिया है. ज्यादातर रेस्टोरेंट में जैन फूड की तर्ज पर खाना बनने लगा है. मेस चलाने वालों का भी कहना है, कि उन्होने भी सब्जी की ग्रेवी में प्याज डालना बंद कर दिया है. मावा, मूंगफली या दूध का इस्तेमाल कर ग्रेवी तैयार की जा रही है.

किचन से भी गायब हो रही प्याज

यह भी पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: प्याज खाने के शौकीन लोगों को अब होटल में देना होगा EXTRA CHARGE

नया प्याज नहीं आता सब्जी में उपयोग...

मेस संचालकों के मुताबिक नया प्याज थोड़ा सस्ता जरूर है, लेकिन उसका उपयोग सब्जियों में नहीं हो पाता है. प्याज 50 रुपए किलो तक महंगा हो तो मैनेज कर भी सकते हैं, लेकिन अब ये भी संभव नहीं. मेस संचालकों ने स्टूडेंट्स को लंच,डिनर में सलाद के साथ प्याज देना बंद कर दिया है. अब मूली, टमाटर और खीरा ही उन्हें दिया जा रहा है.

पहले फ्री, अब सलाद के भी ले रहे पैसे...

ढाबा संचालकों की मानें तो प्याज के महंगा होने से काफी फर्क पड़ा है. जो भी सब्जियां बना रहे हैं, वो महंगी पड़ रही है. ग्राहक के मांगने पर पहले फ्री में प्याज दे देते थे, लेकिन अब पैसे ले रहे हैं. इससे ग्राहकी पर भी फर्क पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- हाय रे प्याज! कितना रुलाएगी...कितना सताएगी, गृहणियां कह रहीं- प्याज की खुशबू निकाल लेते हैं, सूंघ लेते हैं और डालना छोड़ देते हैं

नहीं बन पा रहा प्याज का पराठा...

रीको गेस्ट हाउस के पास में पराठे का ठेला लगाने वाले राजेश अग्रवाल का कहना है, कि प्याज पहले 20 रुपए किलो मिल रहा था. अब इसके दाम बढ़कर 80 से 90 रुपए किलो पहुंच गए हैं. लिहाजा अब प्याज का पराठा बनाना बंद कर दिया है. ग्राहक दूसरे तरह के पराठे में भी प्याज डालने कहते हैं, लेकिन दाम ज्यादा होने की वजह से वे इनकार कर देते हैं.

पहले 25 पैसे अब 2 रुपए का खर्चा...

पोहे का ठेला लगाने वाले योगेश का कहना है, कि ग्राहक को पोहे में प्याज डालना जरूरी होता है. ऐसे में अब प्याज की मात्रा कम कर टमाटर और मिर्च डालने लगे हैं. एक प्लेट पोहे में करीब 25 पैसे का भी प्याज नहीं डालते थे, लेकिन अब 2 रुपए का प्याज लग जाता है.

कोटा. प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. अब खाने की थाली से प्याज दूर हो चुका है. शहर के कई रेस्टोरेंट ने प्याज के अलग से दाम वसूलना भी शुरू कर दिया है. ज्यादातर रेस्टोरेंट में जैन फूड की तर्ज पर खाना बनने लगा है. मेस चलाने वालों का भी कहना है, कि उन्होने भी सब्जी की ग्रेवी में प्याज डालना बंद कर दिया है. मावा, मूंगफली या दूध का इस्तेमाल कर ग्रेवी तैयार की जा रही है.

किचन से भी गायब हो रही प्याज

यह भी पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: प्याज खाने के शौकीन लोगों को अब होटल में देना होगा EXTRA CHARGE

नया प्याज नहीं आता सब्जी में उपयोग...

मेस संचालकों के मुताबिक नया प्याज थोड़ा सस्ता जरूर है, लेकिन उसका उपयोग सब्जियों में नहीं हो पाता है. प्याज 50 रुपए किलो तक महंगा हो तो मैनेज कर भी सकते हैं, लेकिन अब ये भी संभव नहीं. मेस संचालकों ने स्टूडेंट्स को लंच,डिनर में सलाद के साथ प्याज देना बंद कर दिया है. अब मूली, टमाटर और खीरा ही उन्हें दिया जा रहा है.

पहले फ्री, अब सलाद के भी ले रहे पैसे...

ढाबा संचालकों की मानें तो प्याज के महंगा होने से काफी फर्क पड़ा है. जो भी सब्जियां बना रहे हैं, वो महंगी पड़ रही है. ग्राहक के मांगने पर पहले फ्री में प्याज दे देते थे, लेकिन अब पैसे ले रहे हैं. इससे ग्राहकी पर भी फर्क पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- हाय रे प्याज! कितना रुलाएगी...कितना सताएगी, गृहणियां कह रहीं- प्याज की खुशबू निकाल लेते हैं, सूंघ लेते हैं और डालना छोड़ देते हैं

नहीं बन पा रहा प्याज का पराठा...

रीको गेस्ट हाउस के पास में पराठे का ठेला लगाने वाले राजेश अग्रवाल का कहना है, कि प्याज पहले 20 रुपए किलो मिल रहा था. अब इसके दाम बढ़कर 80 से 90 रुपए किलो पहुंच गए हैं. लिहाजा अब प्याज का पराठा बनाना बंद कर दिया है. ग्राहक दूसरे तरह के पराठे में भी प्याज डालने कहते हैं, लेकिन दाम ज्यादा होने की वजह से वे इनकार कर देते हैं.

पहले 25 पैसे अब 2 रुपए का खर्चा...

पोहे का ठेला लगाने वाले योगेश का कहना है, कि ग्राहक को पोहे में प्याज डालना जरूरी होता है. ऐसे में अब प्याज की मात्रा कम कर टमाटर और मिर्च डालने लगे हैं. एक प्लेट पोहे में करीब 25 पैसे का भी प्याज नहीं डालते थे, लेकिन अब 2 रुपए का प्याज लग जाता है.

Intro:शहर के कई रेस्टोरेंट में प्याज के अलग से दाम वसूलना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ कोटा में संचालित होने वाले हजारों मैस में तो सब्जियों में प्याज डालना ही बंद कर दिया है. अधिकांश जगह जैन फूड की तर्ज पर खाना बनने लगा है. सब्जियों में प्याज के सब्सीट्यूट के तौर पर अन्य सामग्री से ग्रेवी तैयार की जाने लगी है. सब्जी की ग्रेवी में प्याज डालना बंद कर दिया है. मावा, मूंगफली दाना या दूध का उपयोग कर ग्रेवी तैयार करवा रहे हैं.


Body:कोटा.
प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी है. ऐसे में अब खाने की थाली से दूर हो चुका है. शहर के कई रेस्टोरेंट में प्याज के अलग से दाम वसूलना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ कोटा में संचालित होने वाले हजारों मैस में तो सब्जियों में प्याज डालना ही बंद कर दिया है. अधिकांश जगह जैन फूड की तर्ज पर खाना बनने लगा है. सब्जियों में प्याज के सब्सीट्यूट के तौर पर अन्य सामग्री से ग्रेवी तैयार की जाने लगी है. महावीर नगर तृतीय में में संचालित करने वाली लकी का कहना है कि प्याज को देखकर लगता है कि सब्जी में डालना संभव नहीं है. अगर हम बच्चे से 50 रुपए डाइट का पैसा ले रहे हैं, जबकि 50 रुपए में तो 1 किलो प्याज आ रहा है. उसी हिसाब से मैनेज करना मुश्किल हो रहा है. हम लोग सब्जी की ग्रेवी में प्याज डालना बंद कर दिया है. मावा, मूंगफली दाना या दूध का उपयोग कर ग्रेवी तैयार करवा रहे हैं.

पहले फ्री, अब ले रहे पैसे
डीसीएम मेन रोड पर ढाबा संचालित करने वाले राजेश सैनी का कहना है कि प्याज के महंगे होने से काफी फर्क पड़ा है. जो भी सब्जियां हम बना रहे वह महंगी पड़ रही है. प्याज का जो कट्टा पहले 500 रुपए में आता था, अब 3500 रुपए का आ रहा है. इससे ग्राहकों को भी परेशानी हो रही है. ग्राहक मांगता है तो पहले फ्री देते थे, लेकिन अब पैसे ले रहे हैं. इससे ग्राहकी पर भी फर्क पड़ रहा है.

नया प्याज नहीं आता सब्जी में उपयोग
मैस संचालक लकी ने कहा कि नया जो प्याज आ रहा है. वह थोड़ा सस्ता जरूर है, लेकिन उसका उपयोग सब्जियों में नहीं हो पाता है. नया प्याज सब्जी में तेल को पी जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि जब प्याज 50 रुपए किलो था तो मैनेज किया, अब वह बूते से बाहर हो गया है.


महावीर नगर द्वितीय में भोजन मैस संचालित करने वाली अनुपम शर्मा क्या करना है कि हमने स्टूडेंट्स को लंच डिनर में सलाद के साथ प्याज देना बंद कर दिया है. अब मूली, टमाटर व खीरा ही उन्हें दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घर की किचन में भी इसका काफी फर्क पड़ा है. आसमान छूती कीमतों से पब्लिक भी परेशान हो रही है. पहले फ्री देते थे, अब मैस ओर खाना खाने आने वाले बच्चे भी पूछते हैं कि प्याज क्यों नहीं दे रहे. तो उन्हें कैसे बताएं कि कीमतें आसमान पर है.

बंद कर दिया प्याज का पराठा
रीको गेस्ट हाउस के पास में पराठे का ठेला लगाने वाले राजेश अग्रवाल का कहना है कि प्याज पहले 20 रुपए किलो मिल रहा था अब इसके दाम बढ़कर 80 से 90 रुपए किलो पहुंच गए हैं अब प्याज का पराठा बनाना बंद कर दिया है ग्राहक दूसरे तरह के पराठे में भी प्याज डलवाने की बात करते हैं लेकिन महंगा होने के कारण हम नहीं डाल पाते हैं




Conclusion:पहले 25 पैसे अब 2 रुपए का खर्चा
इंद्रविहार एरिया में पोहे का ठेला लगाने वाले योगेश का कहना है कि ग्राहक को पोहे में प्याज डालना जरूरी होता है. ऐसे में अब प्याज की मात्रा कम करके टमाटर व मिर्च डालने लगे हैं. ग्राहक प्याज दोबारा मांगता है, तो थोड़े से डाल देते हैं और अधिकांश बार तो मना ही करना पड़ता है. उनका कहना है कि एक प्लेट पोहे में करीब 25 पैसे का भी प्याज नहीं डालता था अब 2 रुपए का प्याज डल जाता है.



बाइट का क्रम
बाइट-- राजेश सैनी, ढाबा संचालक
बाइट-- लकी, मैस संचालक
बाइट-- अनुपम शर्मा, मैस संचालिका
बाइट-- योगेश, पोहा वेंडर
बाइट-- पंकज प्रजापति, पराठा ठेला संचालक
बाइट-- राजेश अग्रवाल, पराठा ठेला संचालक
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