कोटा. जिलें के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया. जहां महिला के प्रसव के एक दिन बाद ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी. लेकिन महिला के नवजात के पेट में पानी भरा था. इसके बावजूद भी चिकित्सको ने उसकी छुट्टी दे दी. जिस वजह से दूसरे दिन ही नवजात की मौत हो गई.
दरअसल कोटा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला ने प्रसव के दौरान बच्चे को जन्म दिया. नवजात शिशु के पेट मे पानी भरा होने के बाद भी डॉक्टरों ने महिला को प्रसव के दूसरे दिन ही अस्पताल से छुट्टी दे दी. जिस वजह से दूसरे दिन ही नवजात की घर पर मौत हो गई. वहीं गुरुवार को महिला और उसके परिजनों के साथ भाजपा के पूर्व पार्षद न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. लेकिन छुट्टी होने से अधीक्षक से मुलाकात नहीं हुई.
पढ़ेंः कोटा: महिला ने जबरन धर्म परिवर्तित करने का लगाया आरोप, पुलिस को दी शिकायत
मेडिकल कालेज अस्पताल में कि 31 दिसंबर को संतोषी नगर निवासी प्रियंका नायक को प्रसव हुआ था. उसने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया था. परिजनों का आरोप है कि बच्चे के पेट में पानी था लेकिन चिकित्सकों ने महिला को प्रसव के दुसरे दिन ही यानी 1 तारीख को दोपहर 1 बजे घर जाने के लिए छुट्टी दे दी. वहीं जबकि बच्चे के पेट में पानी था लेकिन उन्होंने उसका कोई उपचार नहीं किया. यह मामला पूर्व पार्षद बृजेश शर्मा नीटू और पूर्व पार्षद ओम गुंजल के समक्ष सामने आए तो स्थिति का जायजा लेने न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. जहां पर प्रियंका के पति ने उन्हें घटना से अवगत कराया. उन्होंने प्रसव से संबंधित पूरे दस्तावेज प्रस्तुत किए.
पढ़ेंः अल्पसंख्यकों को प्रदर्शन के लिए उकसा कर ले गई थी कांग्रेस और अन्य पार्टियां: वासुदेव देवनानी
भाजपा के पूर्व पार्षद ब्रजेश शर्मा नीटू ने बताया कि डाक्टरों ने महिला के पति को बताया था कि नवजात शिशु के पेट में पानी भरा हुआ है और नवजात की तबियत खराब हो सकती है. अस्पताल के स्टाफ को यह पता होने के बाद भी महिला को छुट्टी दे दि गई. परिजनों ने कहा कि जब यहां से गये उस समय बच्चा हरकत कह रहा था लेकिन घर पहुंचते ही आधे घंटे में बच्चे की मूवमेंट बंद हो गई. इस संबंध में मातृ और शिशु विभाग के चिकित्सक डॉ. पाटीदार से भी बात की.