कोटा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 का रविवार को आयोजन हो रहा ( NEET UG exam 2022 to be held on 17th July ) है. देशभर में 18 लाख 72 हजार से ज्यादा बच्चों ने रजिस्ट्रेशन इस परीक्षा के लिए करवाया था. कड़ी सुरक्षा में परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर प्रवेश दिया गया. सुबह 11:00 बजे से ही परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों का प्रवेश शुरू हो गया और दोपहर 1:30 बजे परीक्षार्थियों का प्रवेश बंद कर दिया गया. लेकिन कई स्कूलों में स्कूल से 50 मीटर दूर ही बैरिकेडिंग की हुई है. जहां पर केवल विद्यार्थी को ही अंदर प्रवेश दिया गया. साथ ही छात्र-छात्राओं के अलग-अलग कतार लगी रही. वहीं कोटा के दादाबाड़ी थाना इलाका स्थित मोदी स्कूल में बने सेंटर पर विवाद हुआ. यहां कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा देने के लिए पहुंच गई. जिन्हें रोका गया, लेकिन परीक्षार्थियों ने हिजाब में ही परीक्षा देने की मांग रखी. जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों, सेंटर सुपरिटेंडेंट के साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के ऑब्जर्वर ने भी छात्राओं से अंडरटेकिंग ली है. जिसके बाद उन्हें प्रवेश दे दिया.
इससे पहले काफी समझाइश की गई. यहां तक कि वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने भी छात्राओं को समझाया, लेकिन वह नहीं मानी. इन छात्राओं से अंडरटेकिंग ली गई है कि उनके परीक्षा देने के बाद परिणाम या अन्य संबंधित कोई भी समस्या आती है, तो जिसके लिए भी खुद जिम्मेदार रहेंगे. यह पूरा निर्णय भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का ही होगा. जानकारी के मुताबिक इन छात्राओं को मुख्य द्वार पर ही रोक लिया गया और हिजाब पहनकर जाने से मना किया. काफी देर तक बहस के बाद ऑब्जर्वर को बुलाया गया, उसके बाद ऑब्जर्वर ने लिखित में लिया कि परीक्षा के दौरान किसी भी नियमों का उलंघन हुआ तो जिम्मेदारी स्वयं की होगी. इन स्टूडेंट्स ने लिखित में दिया, उसके बाद उन्हें प्रवेश दिया गया. जबकी नियमों के तहत स्टूडेंट फुल आस्तिन में भी नहीं आ सकते थे. परीक्षा के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन की पालना करवाते हुए परीक्षार्थियों को परीक्षा में प्रवेश दिया गया. प्रवेश का समय पूर्ण होने के बाद भी कि इक्के-दुक्के स्टूडेंट पहुंचे, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. प्रवेश का समय पूर्ण होने के बाद सेंटरों के आस-पास बैठे हुए लोगों को पुलिस ने सख्ती करते हुए हटा दिया.
एनटीए ने हर परीक्षा केंद्र पर ऑब्जर्वर नियुक्त किए: परीक्षा को संपन्न करवाने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने हर परीक्षा केंद्र पर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. इसके अलावा डिप्टी ऑब्जर्वर भी लगाए गए हैं. साथ ही सेंटर सुपरीटेंडेंट स्कूल के प्रबंधन को बनाया गया है. ताकि किसी भी तरह की व्यवस्था को सुदृढ़ करवाया जा सके, दूसरी तरफ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने फ्लाइंग स्क्वायड भी लगाए हैं. ये सेंटर पर जाकर जांच कर रहे हैं. नीट यूजी 2022 की परीक्षा पेन पेपर मोड पर आयोजित हो रही है. ऐसे में प्रश्नपत्र बैंकों में रखवाए गए थे. जहां से सेंटर सुपरिटेंडेंट और ऑब्जर्वर की निगरानी में उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया गया. सीसीटीवी कैमरे के जरिए दिल्ली से ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की टीम हर परीक्षा केंद्र की संघन मॉनिटरिंग कर रही है. इसके अलावा जैमर भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और इंटरनेट के जरिए होने वाली नकल को रोकने के लिए लगाए गए हैं.
परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नहीं ले जाने का निर्देश: सेंटर पर प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों को कोई उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नहीं ले जाने के लिए निर्देशित किया था. केवल आईडी कार्ड, फोटोग्राफ्स, एडमिट कार्ड, पानी की पारदर्शी बोतल और सैनिटाइजर ले जाना था. इसके बावजूद भी कई विद्यार्थी दिशा निर्देशों की पालना नहीं करते हुए पहुंचे. जिन्हें परेशानी का भी सामना करना पड़ा. विद्यार्थियों को मास्क और पेन भी परीक्षा केंद्र पर ही उपलब्ध करवाया गया है. मैटेलिक आइटम पहन के आए विद्यार्थियों को एंट्री नहीं देने के निर्देश थे, लेकिन कुछ छात्राएं नाक में पहनने की बाली और कान में गहने पहनकर पहुंच गई थी. जिन्हें वहां पर मौजूद सेंटर के स्टाफ ने निकलवाया है. गाइड लाइन से अलग कपड़े पहनकर परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों कोई भी प्रवेश नहीं दिया गया है. ऐसे में वह कपड़े बदलकर सेंटर पर दोबारा पहुंचे. ऐसे विद्यार्थियों के पेरेंट्स भी एकाएक एक चिंतित हो गए. परीक्षा केंद्रों पर एक एएसआई और 3 जवानों का जाप्ता तैनात किया गया है.
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कई परीक्षा केंद्रो पर परिजनों को दूर बैठ गया: कई परीक्षा केंद्रों पर पुलिस और सेंटर स्टॉफ ने परिजनों को भी दूर बैठा दिया. साथ ही कई बच्चे एडमिट कार्ड की फॉर्मेलिटीज को भी पूरा नहीं कर के आए थे, उसे मौके पर पूरा करवाया गया है. जिन भी विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन की है, उनके एडमिट कार्ड पर होलोग्राम चस्पा किया गया. नीट यूजी देश के 543 शहरों और 14 विदेशी शहरों में आयोजित हो रही है. कोटा शहर के 34 सेंटर पर सेंटर पर 19,000 से ज्यादा विद्यार्थी एग्जाम दे रहे हैं. ऐसे में हर परीक्षा केंद्रों पर करीब 500 से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं.
दूसरी तरफ नीट यूजी परीक्षा को लेकर मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे मेडिकोज की अटेंडेंस लेने का प्रचलन बीते दो-तीन साल से चल रहा था. क्योंकि पहले आयोजित हुई neet-ug की परीक्षा में डमी केंडिडेट के रूप में कुछ मेडिकल स्टूडेंट पकड़े गए थे, लेकिन इस बार ऐसे कोई भी दिशा-निर्देश मेडिकल कॉलेजों को नहीं मिले हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज में एकेडमिक इंचार्ज डॉ दीपिका मित्तल का कहना है कि हमने स्टूडेंट को पहले इसके लिए तैयार कर लिया था, लेकिन कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले. ऐसे में अटेंडेंस इस बार नहीं ली जा रही है.