कोटा. अंतरराष्ट्रीय दशहरे मेले को लेकर कोटा में 6 महीने पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इससे पहले नवरात्र के प्रथम दिन आशापूर्णा मंदिर में नगर निगम की तरफ से ही पूजा करवाई जाती है. जिसमें खुद महापौर मौजूद रहते हैं, लेकिन गुरुवार को नवरात्र के पहले दिन हुई इस पूजा में कोटा दक्षिण महापौर राजीव अग्रवाल और उत्तर महापौर मंजू मेहरा नदारद रहे.
यहां तक कि उपमहापौर पवन मीणा और फरीदुद्दीन कुरैशी भी पूजा में शामिल नहीं हुए. इस संबंध में भाजपा पार्षदों ने दोनों महापौर को परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया है. भाजपा पार्षदों ने दोनों महापौर सहित कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि मेले के शुभारंभ की बरसों पुरानी परंपराओं को इस बार तोड़ा गया है. पार्षदों ने निगम के महापौर व उपमहापौर पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और राजनीतिक स्वार्थ के लिए परंपराएं तोड़ने का आरोप लगाया है.
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भाजपा पार्षद विवेक राजवंशी ने कहा कि बोर्ड किसी भी दल का हो परम्परा निभाई जाती है. लेकिन दक्षिण निगम के महापौर राजीव अग्रवाल, उपमहापौर पवन मीणा व उत्तर की महापौर मंजू मेहरा, उपमहापौर सोनू कुरेशी व अधिकारयों ने इससे दूरी बनाकर परंपरा को तोड़ा है. पूजा के दौरान नगर निगम दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़, कांग्रेस के पार्षद सहवरित, चंद्रशेखर, देवेश तिवारी व अमोलक देवी मौजूद थी.