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महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा शादियों के खाने का जायका, बदल गया है मीनू... नॉर्मल की लागत भी आ रही पनीर की सब्जी के बराबर

बीते महीने की तुलना में इस महीने सब्जियों के दाम दोगुने के आसपास हो गए (vegetables price increased) हैं. जिसके चलते अब शादियों पर भी इनका असर साफ देखने को मिल रहा है. दाम बढ़ जाने के चलते शादियों और फंक्शन में लोगों ने सब्जियों का मीनू ही बदल दिया है. पहले जहां पर हरी और ताजा सब्जियों पर ज्यादा जोर दिया जाता था, अब दाल, छोले व चोले को शादियों के मीनू में शामिल किया जा रहा है.

Marriage food menu changed due to dearer vegetables
महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा शादियों के खाने का जायका, बदल गया है मीनू.
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Published : Apr 12, 2022, 9:02 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 10:45 PM IST

कोटा. शादियों का सीजन दोबारा शुरू हो गया है और सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. बीते महीने की तुलना में इस महीने सब्जियों के दाम दोगुने के आसपास हो गए हैं. जिसके चलते अब शादियों पर भी इनका असर साफ देखने को मिल रहा है. दाम बढ़ जाने के चलते शादियों और फंक्शन में लोगों ने सब्जियों का मीनू ही बदल दिया है. पहले जहां पर हरी और ताजा सब्जियों पर ज्यादा जोर दिया जाता था, लेकिन अब इसे बदलते हुए दाल, छोले व चोले को शादियों के मीनू में शामिल कर रहे (Marriage food menu changed due to expensive vegetables) हैं.

कोटा के कैटरर्स सचिन माहेश्वरी का मानना है कि दाम बढ़ने के चलते आजकल लोग हरी सब्जी से परहेज कर रहे हैं. हरी सब्जियों की जगह सूखी और ठोस सब्जियों पर लोगों का जोर है. सचिन का कहना है कि बाजार से सब्जी खरीदने के बाद में उसकी धुलाई और छंटाई होती है और उसके बाद कटिंग होती है. इसमें सब्जी केवल 25 से 30 फीसदी ही काम आती है. बनने के बाद यह मात्रा और कम हो जाती है. ऐसे में वर्तमान भाव के अनुसार 80 रुपए किलो की गोभी बनने के बाद 300 रुपए के आसपास पड़ रही है. जबकि पनीर भी मार्केट में इसी भाव से आ रहा है. ऐसे में लोग पनीर और दूसरी सब्जी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. कैटर्स का कहना है कि जिन लोगों की शादियों और अन्य फंक्शन की बुकिंग पहले से ली हुई थी, तब के अनुसार हमने सब्जियों के दाम और अन्य दाम दिए थे. लेकिन महंगाई बढ़ जाने के चलते अब 5 से 15 प्रतिशत तक ज्यादा लागत आ रही है.

महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा शादियों के खाने का जायका, बदल गया है मीनू.

पढ़ें: फलों से महंगी सब्जियां : केला पर भारी प्याज, अनार और सेब से महंगे टिंडे...नींबू के आगे सब पस्त

शादियों और रेस्टोरेंट का बिगड़ा बजट: रेस्टोरेंट्स और शादी ब्याह में सब्जी सप्लाई के काम से जुड़े नरेंद्र गोचर का कहना है कि बीते साल नवंबर-दिसंबर से अप्रैल माह की तुलना में दाम 30 से 40 फीसदी ज्यादा हैं. इस बार खेतों में माल नहीं होने के चलते सभी सब्जी महंगी हुई है. इसके चलते रेस्टोरेंट, शादी व पार्टियों का बजट गड़बड़ा गया है. शिमला मिर्च 30 से 40 रुपए किलो थी, लेकिन आज आवक कम होने की वजह से 80 से 100 रुपए किलो तक बिक रही है. छोटी मंडी में 120 रुपए किलो तक भाव हो गए हैं. नींबू जनवरी में 30 से 40 रुपए किलो था, अभी 220 रुपए किलो के आसपास मिल रहा है. प्याज की नई फसल आने के कारण दाम कम हुए हैं. आलू सस्ता होना चाहिए था, लेकिन डिमांड होने की वजह से दाम बढ़ रहे हैं.

पढ़ें: मुहाना मंडी में गिरी सब्जियों की बिक्री, आज 50% तक ही बिकी सब्जियां

फास्ट फूड का मीनू, रूटीन व पुराने आइटम की बढ़ी डिमांड: कैटर्स का कहना है कि फर्स्ट बार में ज्यादातर लाल व पीली शिमला मिर्च, ब्रोकली, नीली पत्ता गोभी, गोभी डाली जाती है. जिनका भाव करीब 300 रुपए किलो के आसपास चल रहा है. जबकि पहले 100 से 120 रुपए प्रति किलो ही आ रही थी. अब जब तीन गुने दाम इनके हो गए हैं, तो इनके सप्लायर भी मंगवाने से ही से कन्नी काट रहे हैं. क्योंकि माल नहीं मिलने पर उन्हें नुकसान होता है. हमें भी महंगाई होने के चलते हमें दिक्कत आ रही है. इसी कारण से कस्टमर मीनू भी बदल रहे हैं. जैसे कि कोई अगर चाऊमीन बना रहा है, तो इसकी जगह दही पपड़ी परोस दी जाए. इसके अलावा फिर सिंगल सब्जी के उपयोग वाले आइटम का चलन बढ़ गया है. लोग आलू की टिकिया बनवा लेते हैं. क्योंकि चाउमीन, पास्ता व मन्चूरियन में जहां करीब 10 तरह की सब्जी काम आती है. आलू की टिकिया में ऐसा नहीं होता.

इंपॉर्टेंट फ्रूट्स से बढ़ता है टेस्ट, लेकिन महंगे होने से कर रहे परहेज: कैटर्स का कहना है कि फ्रूट क्रीम में डालने वाली कीवी, स्ट्रॉबेरी व पाइनएप्पल भी बाजार से लगभग गायब हैं या फिर इतने महंगे हैं कि इनसे हमारी लागत बढ़ जाएगी. यह सभी इंपोर्टेंट फल की जगह हम सस्ते को फलों का ही उपयोग अभी कर रहे हैं. जिनमें पपीता, ऑरेंज, एप्पल, केला और अंगूर का ही उपयोग किया जा रहा है. दूसरी तरफ फ्रूट चाट में भी इसी तरह से अमरूद व चीकू जैसे रूटीन में मिलने वाले फलों को ही दिया जा रहा है. इंपोर्टेड फ्रूट्स आइटम उपयोग में नहीं लिए जा रहे हैं. उनका कहना है कि कस्टमर भी महंगाई से परहेज कर रहे हैं.

पढ़ें: Special: फलों से ज्यादा महंगी हुईं सब्जियां, आम आदमी की पहुंच से हुई दूर

सीजन में भी नॉन सीजन से ज्यादा भाव : सब्जी सप्लायर नरेंद्र गोचर ने बताया कि भिंडी वर्तमान में 60 से 80 रुपए किलो मिल रही है, लेकिन अब भिंडी का सीजन आ गया है. इसका भाव 30 से 40 रुपए ही रहना चाहिए. इसी तरह से करेले और गिलकी के दाम भी हैं. जबकि इन सब्जियों का नॉन सीजन में यह भाव रहता था. जबकि सीजन में भी यही है. गोभी और पत्ता गोभी का सीजन अब खत्म हो गया है, लेकिन इनकी रेस्टोरेंट और शादी पार्टियों में काफी डिमांड है. ऐसे में इनके भाव तो 70 से 80 रुपए किलो के आसपास रहने वाले हैं. आगे चलकर दाम और बढ़ सकते हैं.

डेढ़ महीने में ही 4 हजार का अंतर: हाड़ौती हलवाई केटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अन्नू अग्रवाल ब्याईजी का कहना है कि डेढ़ माह पहले उन्होंने 800 व्यक्तियों के कार्यक्रम में भोजन बनाया था. जिसमें 7000 रुपए के आसपास का सब्जियों का बिल आया था. उन्होंने रविवार को ही एक अन्य आयोजन में दोबारा इतने ही लोगों का खाना बनाया था. जिसमें सब्जियों का बिल 10800 रुपए पहुंच गया. उनका कहना है कि केवल सब्जियों में 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी हुई है. यह करीब 35 से 40 फीसदी है. उनका कहना है कि पहले सभी सब्जियों के भाव 30 रुपए किलो से नीचे थे, अब सब्जियों में सभी के दाम दोगुने के लगभग हैं. इक्की-दुक्की सब्जियां जैसे प्याज और मिर्च थोड़ी सी सस्ती हुई है, लेकिन बाकी सभी के भाव बढ़े हैं.

कोटा. शादियों का सीजन दोबारा शुरू हो गया है और सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. बीते महीने की तुलना में इस महीने सब्जियों के दाम दोगुने के आसपास हो गए हैं. जिसके चलते अब शादियों पर भी इनका असर साफ देखने को मिल रहा है. दाम बढ़ जाने के चलते शादियों और फंक्शन में लोगों ने सब्जियों का मीनू ही बदल दिया है. पहले जहां पर हरी और ताजा सब्जियों पर ज्यादा जोर दिया जाता था, लेकिन अब इसे बदलते हुए दाल, छोले व चोले को शादियों के मीनू में शामिल कर रहे (Marriage food menu changed due to expensive vegetables) हैं.

कोटा के कैटरर्स सचिन माहेश्वरी का मानना है कि दाम बढ़ने के चलते आजकल लोग हरी सब्जी से परहेज कर रहे हैं. हरी सब्जियों की जगह सूखी और ठोस सब्जियों पर लोगों का जोर है. सचिन का कहना है कि बाजार से सब्जी खरीदने के बाद में उसकी धुलाई और छंटाई होती है और उसके बाद कटिंग होती है. इसमें सब्जी केवल 25 से 30 फीसदी ही काम आती है. बनने के बाद यह मात्रा और कम हो जाती है. ऐसे में वर्तमान भाव के अनुसार 80 रुपए किलो की गोभी बनने के बाद 300 रुपए के आसपास पड़ रही है. जबकि पनीर भी मार्केट में इसी भाव से आ रहा है. ऐसे में लोग पनीर और दूसरी सब्जी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. कैटर्स का कहना है कि जिन लोगों की शादियों और अन्य फंक्शन की बुकिंग पहले से ली हुई थी, तब के अनुसार हमने सब्जियों के दाम और अन्य दाम दिए थे. लेकिन महंगाई बढ़ जाने के चलते अब 5 से 15 प्रतिशत तक ज्यादा लागत आ रही है.

महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा शादियों के खाने का जायका, बदल गया है मीनू.

पढ़ें: फलों से महंगी सब्जियां : केला पर भारी प्याज, अनार और सेब से महंगे टिंडे...नींबू के आगे सब पस्त

शादियों और रेस्टोरेंट का बिगड़ा बजट: रेस्टोरेंट्स और शादी ब्याह में सब्जी सप्लाई के काम से जुड़े नरेंद्र गोचर का कहना है कि बीते साल नवंबर-दिसंबर से अप्रैल माह की तुलना में दाम 30 से 40 फीसदी ज्यादा हैं. इस बार खेतों में माल नहीं होने के चलते सभी सब्जी महंगी हुई है. इसके चलते रेस्टोरेंट, शादी व पार्टियों का बजट गड़बड़ा गया है. शिमला मिर्च 30 से 40 रुपए किलो थी, लेकिन आज आवक कम होने की वजह से 80 से 100 रुपए किलो तक बिक रही है. छोटी मंडी में 120 रुपए किलो तक भाव हो गए हैं. नींबू जनवरी में 30 से 40 रुपए किलो था, अभी 220 रुपए किलो के आसपास मिल रहा है. प्याज की नई फसल आने के कारण दाम कम हुए हैं. आलू सस्ता होना चाहिए था, लेकिन डिमांड होने की वजह से दाम बढ़ रहे हैं.

पढ़ें: मुहाना मंडी में गिरी सब्जियों की बिक्री, आज 50% तक ही बिकी सब्जियां

फास्ट फूड का मीनू, रूटीन व पुराने आइटम की बढ़ी डिमांड: कैटर्स का कहना है कि फर्स्ट बार में ज्यादातर लाल व पीली शिमला मिर्च, ब्रोकली, नीली पत्ता गोभी, गोभी डाली जाती है. जिनका भाव करीब 300 रुपए किलो के आसपास चल रहा है. जबकि पहले 100 से 120 रुपए प्रति किलो ही आ रही थी. अब जब तीन गुने दाम इनके हो गए हैं, तो इनके सप्लायर भी मंगवाने से ही से कन्नी काट रहे हैं. क्योंकि माल नहीं मिलने पर उन्हें नुकसान होता है. हमें भी महंगाई होने के चलते हमें दिक्कत आ रही है. इसी कारण से कस्टमर मीनू भी बदल रहे हैं. जैसे कि कोई अगर चाऊमीन बना रहा है, तो इसकी जगह दही पपड़ी परोस दी जाए. इसके अलावा फिर सिंगल सब्जी के उपयोग वाले आइटम का चलन बढ़ गया है. लोग आलू की टिकिया बनवा लेते हैं. क्योंकि चाउमीन, पास्ता व मन्चूरियन में जहां करीब 10 तरह की सब्जी काम आती है. आलू की टिकिया में ऐसा नहीं होता.

इंपॉर्टेंट फ्रूट्स से बढ़ता है टेस्ट, लेकिन महंगे होने से कर रहे परहेज: कैटर्स का कहना है कि फ्रूट क्रीम में डालने वाली कीवी, स्ट्रॉबेरी व पाइनएप्पल भी बाजार से लगभग गायब हैं या फिर इतने महंगे हैं कि इनसे हमारी लागत बढ़ जाएगी. यह सभी इंपोर्टेंट फल की जगह हम सस्ते को फलों का ही उपयोग अभी कर रहे हैं. जिनमें पपीता, ऑरेंज, एप्पल, केला और अंगूर का ही उपयोग किया जा रहा है. दूसरी तरफ फ्रूट चाट में भी इसी तरह से अमरूद व चीकू जैसे रूटीन में मिलने वाले फलों को ही दिया जा रहा है. इंपोर्टेड फ्रूट्स आइटम उपयोग में नहीं लिए जा रहे हैं. उनका कहना है कि कस्टमर भी महंगाई से परहेज कर रहे हैं.

पढ़ें: Special: फलों से ज्यादा महंगी हुईं सब्जियां, आम आदमी की पहुंच से हुई दूर

सीजन में भी नॉन सीजन से ज्यादा भाव : सब्जी सप्लायर नरेंद्र गोचर ने बताया कि भिंडी वर्तमान में 60 से 80 रुपए किलो मिल रही है, लेकिन अब भिंडी का सीजन आ गया है. इसका भाव 30 से 40 रुपए ही रहना चाहिए. इसी तरह से करेले और गिलकी के दाम भी हैं. जबकि इन सब्जियों का नॉन सीजन में यह भाव रहता था. जबकि सीजन में भी यही है. गोभी और पत्ता गोभी का सीजन अब खत्म हो गया है, लेकिन इनकी रेस्टोरेंट और शादी पार्टियों में काफी डिमांड है. ऐसे में इनके भाव तो 70 से 80 रुपए किलो के आसपास रहने वाले हैं. आगे चलकर दाम और बढ़ सकते हैं.

डेढ़ महीने में ही 4 हजार का अंतर: हाड़ौती हलवाई केटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अन्नू अग्रवाल ब्याईजी का कहना है कि डेढ़ माह पहले उन्होंने 800 व्यक्तियों के कार्यक्रम में भोजन बनाया था. जिसमें 7000 रुपए के आसपास का सब्जियों का बिल आया था. उन्होंने रविवार को ही एक अन्य आयोजन में दोबारा इतने ही लोगों का खाना बनाया था. जिसमें सब्जियों का बिल 10800 रुपए पहुंच गया. उनका कहना है कि केवल सब्जियों में 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी हुई है. यह करीब 35 से 40 फीसदी है. उनका कहना है कि पहले सभी सब्जियों के भाव 30 रुपए किलो से नीचे थे, अब सब्जियों में सभी के दाम दोगुने के लगभग हैं. इक्की-दुक्की सब्जियां जैसे प्याज और मिर्च थोड़ी सी सस्ती हुई है, लेकिन बाकी सभी के भाव बढ़े हैं.

Last Updated : Apr 12, 2022, 10:45 PM IST
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