ETV Bharat / city

Kota Riverfront On Chambal: पूरे विश्व में अद्भुत होगा कोटा का रिवरफ्रंट, 20 माह में ही ले चुका आकार...जानिए क्या है खास?

कोटा में चंबल पर आकार ले रहा रिवरफ्रंट बेमिसाल होगा. महज 20 माह में ही रिवरफ्रंट आकार ले चुका है. कारीगर दिनरात इसे बनाने में लगे हुए हैं. यहां पांच विश्व कीर्तिमान भी स्थापित किए जा रहे हैं. रिवरफ्रंट बनने से पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी से विकास होगा. आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया का दावा है कि पूरे विश्व से इस रिवरफ्रंट को देखने कोटा आएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

author img

By

Published : Jan 20, 2022, 7:49 PM IST

Kota Riverfront On Chambal
Kota Riverfront On Chambal

कोटा. चंबल नदी पर बन रहा प्रदेश का पहला रिवरफ्रंट आकार लेने लगा है. नगर विकास न्यास करीब 1000 करोड़ रुपए का खर्च कर हेरिटेज रिवरफ्रंट तैयार करवा रहा है. इसमें 27 घाटों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. अब इन घाटों पर तैयार होने वाले फसाड़ के काम तेजी से पूरा हो सकेगा. इसे डिजाइन कर रहे आर्किटेक्ट का कहना है कि बच्चों, सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और सभी उम्र के लोगों को देखते हुए इस रिवरफ्रंट को फिजिकली फ्रेंडली बनाया जा रहा है.

इस रिवरफ्रंट में ऐसी कलाकृतियां स्थापित की जा रहीं हैं जो कि विश्वस्तरीय होंगी. आर्किटेक्ट का दावा है कि देश और दुनिया को भी आश्चर्यचकित कर देने वाली कलाकृतियां यहां स्थापित की जाएंगी. आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने दावा किया है विश्व और भारत में जितने भी रिवरफ्रंट बने हैं उनमें सालों लग गए, लेकिन कोटा का रिवरफ्रंट महज 20 महीने में ही पूरा आकार ले चुका है. आने वाले कुछ महीनों में यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.

Kota Riverfront On Chambal

पढ़ें. Special : गुलाबी शहर की पीली मीनार 'ईसरलाट'...दुश्मनों की 7 सेनाओं को एक साथ हराने की अद्भुत कीर्तिगाथा

इसका जो स्वरूप निकल के आ रहा है उसे देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग भारत आएंगे. यहां पर पांच विश्व कीर्तिमान भी स्थापित हो रहे हैं. यह विश्व में कहीं और नहीं है जो बिल्कुल अद्भुत होगा. रिवरफ्रंट शुरू होने के बाद होटल इंडस्ट्री के अलावा अन्य कई पर्यटन से जुड़े व्यापार भी कोटा में तेजी से बढ़ेंगे. यह भी कहा जा रहा है कि कोटा की अर्थव्यवस्था में पर्यटन अब स्थाई रूप से जुड़ जाएगा. जो भी पर्यटक राजस्थान आएगा वह कोटा में रिवरफ्रंट देखने के लिए जरूर आएगा.

विश्व की सबसे बड़ी घंटी के साथ स्थापित होगा नया घंटाघर
विश्व की सबसे बड़ी घंटी भी यहां पर स्थापित की जाएगी. बेल टावर पर स्थापित होने वाली यह घंटी 9.5 मीटर व्यास की होगी. एक घंटाघर का निर्माण भी यहां किया जा रहा है. इसके अलावा सौर घड़ी भी बनाई जा रही है. विश्व की सबसे बड़ी घंटी अभी चीन और उसके बाद मॉस्को में है. कोटा की जो घंटी होगी वह इन दोनों से भी बड़ी होगी जिसे बजाकर लोग आनंद ले सकेंगे.

kota Riverfront taken shape in 20 months
kota Riverfront taken shape in 20 months

पढ़ें. जयपुर में किंग एडवर्ड मेमोरियल : इतिहास के पन्नों में दर्ज यादगार को यूनेस्को के डर से दिया जा रहा मूल स्वरूप...

सबसे रोचक होगा नया चंबल गार्डन व भारत की सबसे ऊंची संगमरमर की प्रतिमा लगेगी
बैराज पर चंबल नदी को मां की तरह स्थापित बताया जा रहा है. यहां पर एक 42 मीटर ऊंची और 20 मीटर के पेडेस्टल पर संगमरमर की मूर्ति स्थापित की जाएगी. यह भारत में सबसे ऊंची संगमरमर की प्रतिमा होगी. इस पूरे गार्डन का भी निर्माण यहां पर किया जाएगा. यह कोटा का नया और रोचक चंबल माता गार्डन होगा. इस गार्डन का निर्माण मैसूर के वृंदावन गार्डन की तर्ज पर किया जाएगा. इस गार्डन में ही एक म्यूजियम भी बनाया जा रहा है जहां पर कोटा के विकास और कला एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही विश्व स्तरीय फाउंटेन शो बनाया जा रहा है. यह 40 मीटर के करीब लंबा है.

Kota riverfront will be amazing in the world
Kota riverfront will be amazing in the world

पढ़ें. Special : विकास की भेंट चढ़ गए जयपुर के ऐतिहासिक कुंड..पहले चौराहा बने और अब मेट्रो स्टेशन का हिस्सा

विश्व का सबसे विशाल नन्दी लगेगा
चंबल रिवर फ्रंट पर सकतपुरा के नजदीक भारतीय वास्तुशिल्प के अनुसार एक मैदान बनाया जा रहा हैय. इसमें लाल सैंड स्टोन से नंदी की आकृति को स्थापित किया जाएगा. यहां पर विश्व की सबसे बड़ी नदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह भारतीय संस्कृति की पहेलियों का ज्ञान पर्यटकों को तक पहुंचाएगा. यहां पर सेल्फी प्वाइंट के अलावा कई चीजें होंगी.

भारत का पहला एलईडी गार्डन बनेगा
रिवर फ्रंट पर नई तकनीक की मदद से एलईडी गार्डन बनाया जाएगा जिसमे पेड़ों को इफेक्ट के साथ प्रदर्शित किया जाएगा. यहां पर एक बड़ा झरना भी स्थापित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि डिजनी लैंड में भी ऐसा ही गार्डन है.

पढ़ें. Kadam Tree in Keoladeo : कदंब पौधे के गुणों से इंदिरा गांधी हुई थीं इम्प्रेस, छठे राष्ट्रपति और प्रिंस चार्ल्स भी थे मुरीद, घना में 40 साल पहले दोनों हस्तियों ने रोपे थे पौधे

एसटीपी रोकेगा नदी का प्रदूषण
चंबल नदी में बैराज के बाद नयापुरा की छोटी रियासत कालीन पुलिया तक 14 बड़े नाले गिरते हैं. इनमें से 40 एमएलडी पानी चंबल नदी में मिल जाता है जिसे नदी दूषित भी हो रही है, लेकिन चंबल नदी पर बन रहे रिवरफ्रंट के घाटों पर यहां एक एक बड़ी पाइप लाइन भी डाली गई है जिनको इन नालों से कनेक्ट कर दिया जाएगा. इन नालों में आने वाले पानी को एसटीपी के जरिए साफ कर वापस चंबल नदी में छोड़ा जाएगा. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि चंबल नदी पर बन रहा रिवरफ्रंट प्रदूषण भी रोकेगा.

राजस्थानी और वर्ल्ड स्ट्रीट
रिवर फ्रंट पर एक 240 मीटर लंबी वर्ल्ड स्ट्रीट बनाई जा रही है. जहां पर विश्व के प्रसिद्ध मॉन्यूमेंट्स भी स्थापित किए जा रहे हैं. यहां पर एक बड़ा 12 मीटर ऊंचा ग्लोब भी बनाया जा रहा है. इसके साथ ही राजस्थानी स्ट्रीट बनाई जा रही है. इसमें राजस्थान के 9 इलाकों मारवाड़, मेवाड़, ढूंढाड़, बांगड़, बृज, हाड़ौती, किशनगढ़, शेखावटी और गोदवार की संस्कृति को 360 मीटर की लंबाई में प्रदर्शित किया जाएगा. यहां पर हाथी, घोड़ा और ऊंट की सवारी का आनंद भी पर्यटक ले सकेंगे.

पढ़ें. Special: अलवर की गड्ढों वाली सड़क, इन पर पर चलने के लिए लोग चुकाते हैं टोल टैक्स

मुक्तिधाम और पुरानी हेरिटेज की सार संभाल भी
कोटा बैराज से नयापुरा की पुलिया तक तीन 3 किलोमीटर दोनों तरफ रिवर फंड का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में इस दौरान आने वाले पुराने हेरिटेज और धार्मिक स्थलों का भी जीणोद्धार किया गया है। कुन्हाड़ी व रामपुरा शमशान की जगह भी विकसित की जा रही है। वहां पर भारतीय संस्कृति और वास्तुशिल्प के जरिए निर्माण करवाया जा रहा है। साथ ही पुराने आने वाले घाटों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। बड़ी व छोटी समाध पर भी इसी तरह का निर्माण किया जा रहा है.

रिवरफ्रंट कमांड और एक्सिस मैनेजमेंट का भी बनेगा पूरा सिस्टम
पर्यटन की सुविधाएं विकसित करने के लिए चंबल नदी में बोटिंग, बैलून राइड, ऑडियो गाइडेड टूर, नाइट एलिमिनेशन की सुविधाएं भी दी जाएंगी. नयापुरा चंबल की पुलिया के नीचे से रिवर फ्रंट की एंट्री होगी. जहां पर प्रताप चौक भी बनाया जा रहा है. यहां पर टूरिस्ट इनफॉरमेशन सेंटर के साथ-साथ बड़ी पार्किंग बनाई जा रही हैं. पूरे चंबल रिवरफ्रंट के मैनेजमेंट का ऑफिस सिक्योरिटी, कमांड और फैसिलिटी मैनेजमेंट सेंटर भी स्थापित किया जाएगा. यहां पर एक भव्य पेडेस्टल के ऊपर भारतीय संस्कृति के अनुसार को शिल्पकारी की जाएगी.

हर थीम पर स्थापित होगा घाट
शिला घाट 210 मीटर लंबा है. यहां पुरानी चंबल के किनारे स्थित चट्टानों को ही तैयार कर हाड़ौती की वास्तुशिल्प के अनुसार निर्माण करवाया जा रहा है. यहां पर एक पैदल वॉक पथ बनाया गया है.
मंदिर घाट में 60 मीटर की लंबाई में मंदिरों का जीर्णोद्धार कर भव्य स्वरूप देकर स्थापित किया जा रहा है.
भारतीय संस्कृति के घाट में दादा-दादी, नाना-नानी की महत्ता को दिखाते हुए निर्माण हो रहा है. यहां मॉर्निंग वॉक के लिए भी जगह बनाई जाएगी.
मशाल घाट पर इस्लामिक आर्किटेक्चर के तहत निर्माण होगा. यहां पर कई मशालें लगाई जाएंगी जिसका प्रतिबिंब नदी में दिखेगा.
बनारस के तर्ज पर छतरी घाट बनाया जा रहा है. यहां पर हाड़ौती की शिल्प की छतरियों का निर्माण होगा. यहां गो सेवा की प्रेरणा के लिए गाय और बछड़े का स्कल्पचर भी तैयार होगा.
आध्यात्मिक घाट में भारतीय जीवनशैली योगा अध्यात्म से जुड़ी भारतीय मुद्रा और संस्कृति के स्कल्पचर्स स्थापित होंगे. यहां भगवत गीता पर आधारित स्कल्पचर भी लगाए जाएंगे.
कला और चित्रकारी घाट में भी मोजैक टाइल्स से फसाड़ का निर्माण हो रहा है. यहां पर प्लेटफार्म बनाए गए हैं जहां पर लाइव चित्रकारी भी कर सकेंगे.
जवाहर घाट पर जवाहरलाल नेहरू का चिंतन करते हुए 12 मीटर ऊंची एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
सिंह घाट पर 300 मीटर लंबाई में एक बड़ा प्लाजा बनाया जा रहा है. जहां पर कोटा के हस्तशिल्प और कोटा डोरिया के साथ-साथ लोकल प्रोडक्ट की दुकानों का निर्माण होगा. यहां पर शेरों की नौ अलग-अलग अद्भुत मूर्तियां स्थापित की जाएगी.
फव्वारा चौक में हाड़ौती और मेवाड़ की झलक होगी. सहेलियों की बाड़ी की छतरियों की तर्ज पर भवनों का निर्माण होगा. इस चौक में कोटावासी नदी किनारे कई कार्यक्रम भी कर सकेंगे.
साहित्य घाट में वास्तुशिल्प एक पुस्तक के रूप में स्थापित की जाएगी. यहां पर पांच मंजिला हवेली को पुस्तकालय के रूप में बनाया जा रहा है. आधुनिक तकनीक से यहां पर पुस्तकों को पढ़ा जा सकेगा. यहां पर कई महान कवियों और लेखकों की आकृति भी बनाकर स्थापित होगी.
सांस्कृतिक घाट में भी संगीत और कला प्रेमियों के लिए सुविधाएं और प्लेटफार्म बनाए गए हैं. यहां एक ओपन थिएटर म्यूजिकल और अन्य परफॉर्मेंस के लिए बनाया गया है.
बालघाट पर बच्चों के खेलने के लिए झूले और आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है. विश्व स्तरीय लीनियर फाउंटेन शो भी स्थापित होगा.
हाड़ौती घाट में भी कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ के पुरातत्व को स्थापित किया जाएगा.

कोटा. चंबल नदी पर बन रहा प्रदेश का पहला रिवरफ्रंट आकार लेने लगा है. नगर विकास न्यास करीब 1000 करोड़ रुपए का खर्च कर हेरिटेज रिवरफ्रंट तैयार करवा रहा है. इसमें 27 घाटों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. अब इन घाटों पर तैयार होने वाले फसाड़ के काम तेजी से पूरा हो सकेगा. इसे डिजाइन कर रहे आर्किटेक्ट का कहना है कि बच्चों, सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और सभी उम्र के लोगों को देखते हुए इस रिवरफ्रंट को फिजिकली फ्रेंडली बनाया जा रहा है.

इस रिवरफ्रंट में ऐसी कलाकृतियां स्थापित की जा रहीं हैं जो कि विश्वस्तरीय होंगी. आर्किटेक्ट का दावा है कि देश और दुनिया को भी आश्चर्यचकित कर देने वाली कलाकृतियां यहां स्थापित की जाएंगी. आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने दावा किया है विश्व और भारत में जितने भी रिवरफ्रंट बने हैं उनमें सालों लग गए, लेकिन कोटा का रिवरफ्रंट महज 20 महीने में ही पूरा आकार ले चुका है. आने वाले कुछ महीनों में यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.

Kota Riverfront On Chambal

पढ़ें. Special : गुलाबी शहर की पीली मीनार 'ईसरलाट'...दुश्मनों की 7 सेनाओं को एक साथ हराने की अद्भुत कीर्तिगाथा

इसका जो स्वरूप निकल के आ रहा है उसे देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग भारत आएंगे. यहां पर पांच विश्व कीर्तिमान भी स्थापित हो रहे हैं. यह विश्व में कहीं और नहीं है जो बिल्कुल अद्भुत होगा. रिवरफ्रंट शुरू होने के बाद होटल इंडस्ट्री के अलावा अन्य कई पर्यटन से जुड़े व्यापार भी कोटा में तेजी से बढ़ेंगे. यह भी कहा जा रहा है कि कोटा की अर्थव्यवस्था में पर्यटन अब स्थाई रूप से जुड़ जाएगा. जो भी पर्यटक राजस्थान आएगा वह कोटा में रिवरफ्रंट देखने के लिए जरूर आएगा.

विश्व की सबसे बड़ी घंटी के साथ स्थापित होगा नया घंटाघर
विश्व की सबसे बड़ी घंटी भी यहां पर स्थापित की जाएगी. बेल टावर पर स्थापित होने वाली यह घंटी 9.5 मीटर व्यास की होगी. एक घंटाघर का निर्माण भी यहां किया जा रहा है. इसके अलावा सौर घड़ी भी बनाई जा रही है. विश्व की सबसे बड़ी घंटी अभी चीन और उसके बाद मॉस्को में है. कोटा की जो घंटी होगी वह इन दोनों से भी बड़ी होगी जिसे बजाकर लोग आनंद ले सकेंगे.

kota Riverfront taken shape in 20 months
kota Riverfront taken shape in 20 months

पढ़ें. जयपुर में किंग एडवर्ड मेमोरियल : इतिहास के पन्नों में दर्ज यादगार को यूनेस्को के डर से दिया जा रहा मूल स्वरूप...

सबसे रोचक होगा नया चंबल गार्डन व भारत की सबसे ऊंची संगमरमर की प्रतिमा लगेगी
बैराज पर चंबल नदी को मां की तरह स्थापित बताया जा रहा है. यहां पर एक 42 मीटर ऊंची और 20 मीटर के पेडेस्टल पर संगमरमर की मूर्ति स्थापित की जाएगी. यह भारत में सबसे ऊंची संगमरमर की प्रतिमा होगी. इस पूरे गार्डन का भी निर्माण यहां पर किया जाएगा. यह कोटा का नया और रोचक चंबल माता गार्डन होगा. इस गार्डन का निर्माण मैसूर के वृंदावन गार्डन की तर्ज पर किया जाएगा. इस गार्डन में ही एक म्यूजियम भी बनाया जा रहा है जहां पर कोटा के विकास और कला एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही विश्व स्तरीय फाउंटेन शो बनाया जा रहा है. यह 40 मीटर के करीब लंबा है.

Kota riverfront will be amazing in the world
Kota riverfront will be amazing in the world

पढ़ें. Special : विकास की भेंट चढ़ गए जयपुर के ऐतिहासिक कुंड..पहले चौराहा बने और अब मेट्रो स्टेशन का हिस्सा

विश्व का सबसे विशाल नन्दी लगेगा
चंबल रिवर फ्रंट पर सकतपुरा के नजदीक भारतीय वास्तुशिल्प के अनुसार एक मैदान बनाया जा रहा हैय. इसमें लाल सैंड स्टोन से नंदी की आकृति को स्थापित किया जाएगा. यहां पर विश्व की सबसे बड़ी नदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह भारतीय संस्कृति की पहेलियों का ज्ञान पर्यटकों को तक पहुंचाएगा. यहां पर सेल्फी प्वाइंट के अलावा कई चीजें होंगी.

भारत का पहला एलईडी गार्डन बनेगा
रिवर फ्रंट पर नई तकनीक की मदद से एलईडी गार्डन बनाया जाएगा जिसमे पेड़ों को इफेक्ट के साथ प्रदर्शित किया जाएगा. यहां पर एक बड़ा झरना भी स्थापित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि डिजनी लैंड में भी ऐसा ही गार्डन है.

पढ़ें. Kadam Tree in Keoladeo : कदंब पौधे के गुणों से इंदिरा गांधी हुई थीं इम्प्रेस, छठे राष्ट्रपति और प्रिंस चार्ल्स भी थे मुरीद, घना में 40 साल पहले दोनों हस्तियों ने रोपे थे पौधे

एसटीपी रोकेगा नदी का प्रदूषण
चंबल नदी में बैराज के बाद नयापुरा की छोटी रियासत कालीन पुलिया तक 14 बड़े नाले गिरते हैं. इनमें से 40 एमएलडी पानी चंबल नदी में मिल जाता है जिसे नदी दूषित भी हो रही है, लेकिन चंबल नदी पर बन रहे रिवरफ्रंट के घाटों पर यहां एक एक बड़ी पाइप लाइन भी डाली गई है जिनको इन नालों से कनेक्ट कर दिया जाएगा. इन नालों में आने वाले पानी को एसटीपी के जरिए साफ कर वापस चंबल नदी में छोड़ा जाएगा. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि चंबल नदी पर बन रहा रिवरफ्रंट प्रदूषण भी रोकेगा.

राजस्थानी और वर्ल्ड स्ट्रीट
रिवर फ्रंट पर एक 240 मीटर लंबी वर्ल्ड स्ट्रीट बनाई जा रही है. जहां पर विश्व के प्रसिद्ध मॉन्यूमेंट्स भी स्थापित किए जा रहे हैं. यहां पर एक बड़ा 12 मीटर ऊंचा ग्लोब भी बनाया जा रहा है. इसके साथ ही राजस्थानी स्ट्रीट बनाई जा रही है. इसमें राजस्थान के 9 इलाकों मारवाड़, मेवाड़, ढूंढाड़, बांगड़, बृज, हाड़ौती, किशनगढ़, शेखावटी और गोदवार की संस्कृति को 360 मीटर की लंबाई में प्रदर्शित किया जाएगा. यहां पर हाथी, घोड़ा और ऊंट की सवारी का आनंद भी पर्यटक ले सकेंगे.

पढ़ें. Special: अलवर की गड्ढों वाली सड़क, इन पर पर चलने के लिए लोग चुकाते हैं टोल टैक्स

मुक्तिधाम और पुरानी हेरिटेज की सार संभाल भी
कोटा बैराज से नयापुरा की पुलिया तक तीन 3 किलोमीटर दोनों तरफ रिवर फंड का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में इस दौरान आने वाले पुराने हेरिटेज और धार्मिक स्थलों का भी जीणोद्धार किया गया है। कुन्हाड़ी व रामपुरा शमशान की जगह भी विकसित की जा रही है। वहां पर भारतीय संस्कृति और वास्तुशिल्प के जरिए निर्माण करवाया जा रहा है। साथ ही पुराने आने वाले घाटों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। बड़ी व छोटी समाध पर भी इसी तरह का निर्माण किया जा रहा है.

रिवरफ्रंट कमांड और एक्सिस मैनेजमेंट का भी बनेगा पूरा सिस्टम
पर्यटन की सुविधाएं विकसित करने के लिए चंबल नदी में बोटिंग, बैलून राइड, ऑडियो गाइडेड टूर, नाइट एलिमिनेशन की सुविधाएं भी दी जाएंगी. नयापुरा चंबल की पुलिया के नीचे से रिवर फ्रंट की एंट्री होगी. जहां पर प्रताप चौक भी बनाया जा रहा है. यहां पर टूरिस्ट इनफॉरमेशन सेंटर के साथ-साथ बड़ी पार्किंग बनाई जा रही हैं. पूरे चंबल रिवरफ्रंट के मैनेजमेंट का ऑफिस सिक्योरिटी, कमांड और फैसिलिटी मैनेजमेंट सेंटर भी स्थापित किया जाएगा. यहां पर एक भव्य पेडेस्टल के ऊपर भारतीय संस्कृति के अनुसार को शिल्पकारी की जाएगी.

हर थीम पर स्थापित होगा घाट
शिला घाट 210 मीटर लंबा है. यहां पुरानी चंबल के किनारे स्थित चट्टानों को ही तैयार कर हाड़ौती की वास्तुशिल्प के अनुसार निर्माण करवाया जा रहा है. यहां पर एक पैदल वॉक पथ बनाया गया है.
मंदिर घाट में 60 मीटर की लंबाई में मंदिरों का जीर्णोद्धार कर भव्य स्वरूप देकर स्थापित किया जा रहा है.
भारतीय संस्कृति के घाट में दादा-दादी, नाना-नानी की महत्ता को दिखाते हुए निर्माण हो रहा है. यहां मॉर्निंग वॉक के लिए भी जगह बनाई जाएगी.
मशाल घाट पर इस्लामिक आर्किटेक्चर के तहत निर्माण होगा. यहां पर कई मशालें लगाई जाएंगी जिसका प्रतिबिंब नदी में दिखेगा.
बनारस के तर्ज पर छतरी घाट बनाया जा रहा है. यहां पर हाड़ौती की शिल्प की छतरियों का निर्माण होगा. यहां गो सेवा की प्रेरणा के लिए गाय और बछड़े का स्कल्पचर भी तैयार होगा.
आध्यात्मिक घाट में भारतीय जीवनशैली योगा अध्यात्म से जुड़ी भारतीय मुद्रा और संस्कृति के स्कल्पचर्स स्थापित होंगे. यहां भगवत गीता पर आधारित स्कल्पचर भी लगाए जाएंगे.
कला और चित्रकारी घाट में भी मोजैक टाइल्स से फसाड़ का निर्माण हो रहा है. यहां पर प्लेटफार्म बनाए गए हैं जहां पर लाइव चित्रकारी भी कर सकेंगे.
जवाहर घाट पर जवाहरलाल नेहरू का चिंतन करते हुए 12 मीटर ऊंची एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
सिंह घाट पर 300 मीटर लंबाई में एक बड़ा प्लाजा बनाया जा रहा है. जहां पर कोटा के हस्तशिल्प और कोटा डोरिया के साथ-साथ लोकल प्रोडक्ट की दुकानों का निर्माण होगा. यहां पर शेरों की नौ अलग-अलग अद्भुत मूर्तियां स्थापित की जाएगी.
फव्वारा चौक में हाड़ौती और मेवाड़ की झलक होगी. सहेलियों की बाड़ी की छतरियों की तर्ज पर भवनों का निर्माण होगा. इस चौक में कोटावासी नदी किनारे कई कार्यक्रम भी कर सकेंगे.
साहित्य घाट में वास्तुशिल्प एक पुस्तक के रूप में स्थापित की जाएगी. यहां पर पांच मंजिला हवेली को पुस्तकालय के रूप में बनाया जा रहा है. आधुनिक तकनीक से यहां पर पुस्तकों को पढ़ा जा सकेगा. यहां पर कई महान कवियों और लेखकों की आकृति भी बनाकर स्थापित होगी.
सांस्कृतिक घाट में भी संगीत और कला प्रेमियों के लिए सुविधाएं और प्लेटफार्म बनाए गए हैं. यहां एक ओपन थिएटर म्यूजिकल और अन्य परफॉर्मेंस के लिए बनाया गया है.
बालघाट पर बच्चों के खेलने के लिए झूले और आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है. विश्व स्तरीय लीनियर फाउंटेन शो भी स्थापित होगा.
हाड़ौती घाट में भी कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ के पुरातत्व को स्थापित किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.