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लॉकडाउन: आर्थिक सहायता का पैसा निकलवाने की मची होड़, बैंकों के बाहर लगी कतारें - Corona virus in Kota

कोटा में कुछ लोगों को उनके बैंक खाते में एक हजार रुपए आने की सूचना मोबाइल संदेश के जरिए मिली. इसके बाद सोमवार को बैंकों के बाहर लंबी कतारें लग गईं. कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैले, इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनानी है. लेकिन बैंकों के बाहर हालात ऐसे थे कि लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग के ही खड़े थे.

कोटा में लॉकडाउन, Kota News
नहीं दिखी सोशल डिस्टेंसिंग
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Published : Mar 30, 2020, 6:25 PM IST

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के कारण मजदूरों और निचले तबके के लोगों के सामने आर्थिक तंगी आ गई है. इससे निपटने के लिए सरकार ने सभी मजदूरों और नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों के खाते में 1000 रुपए और पेंशन भी जल्दी डालने का आश्वासन दिया था.

नहीं दिखी सोशल डिस्टेंसिंग

जानकारी के अनुसार कुछ लोगों को उनके बैंक खाते में एक 1000 रुपए आने की सूचना मोबाइल संदेश के जरिए मिली. इसके बाद सोमवार को बैंकों के बाहर लंबी कतारें लग गई. वहीं, अफवाह फैली कि सभी लोगों के खाते में पैसा आ गया है. ऐसे में लोग उस पैसे को निकलवाने के लिए बड़ी संख्या में बैंकों की तरफ दौड़ गए.

पढ़ें- केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य की सभी सीमाएं सील, पलायन करने वालों का प्रवेश बंद

वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालना करने को कहा गया. लेकिन बैंकों के बाहर 200 मीटर लंबी लाइनें लग गई और इसमें बिना सोशल डिस्टेंसिंग के ही लोग खड़े हुए थे. बैंक के बाहर एक ही गार्ड मौजूद था जो बार-बार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने की समझाइश कर रहे थे.

बता दें कि इन लाइनों में अधिकांश महिलाएं खड़ी थी क्योंकि जन आधार कार्ड से जुड़े खातों और जनधन के खातों में महिलाएं ही मुखिया है. करीब एक से डेढ़ घंटे में एक व्यक्ति का नंबर आ रहा था. बैंक के भीतर भी सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए महज 2 लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा था.

महिलाओं का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार ने 1000 रुपए खाते में डाले हैं, ऐसे में वह पैसे निकलवाने के लिए ही बैंक आई हैं. साथ ही उनके खाते में पैस आ गया के सवाल पर उनका कहना था कि इसकी जानकारी नहीं है, बैंक में जाकर ही पता चलेगा.

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के कारण मजदूरों और निचले तबके के लोगों के सामने आर्थिक तंगी आ गई है. इससे निपटने के लिए सरकार ने सभी मजदूरों और नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों के खाते में 1000 रुपए और पेंशन भी जल्दी डालने का आश्वासन दिया था.

नहीं दिखी सोशल डिस्टेंसिंग

जानकारी के अनुसार कुछ लोगों को उनके बैंक खाते में एक 1000 रुपए आने की सूचना मोबाइल संदेश के जरिए मिली. इसके बाद सोमवार को बैंकों के बाहर लंबी कतारें लग गई. वहीं, अफवाह फैली कि सभी लोगों के खाते में पैसा आ गया है. ऐसे में लोग उस पैसे को निकलवाने के लिए बड़ी संख्या में बैंकों की तरफ दौड़ गए.

पढ़ें- केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य की सभी सीमाएं सील, पलायन करने वालों का प्रवेश बंद

वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालना करने को कहा गया. लेकिन बैंकों के बाहर 200 मीटर लंबी लाइनें लग गई और इसमें बिना सोशल डिस्टेंसिंग के ही लोग खड़े हुए थे. बैंक के बाहर एक ही गार्ड मौजूद था जो बार-बार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने की समझाइश कर रहे थे.

बता दें कि इन लाइनों में अधिकांश महिलाएं खड़ी थी क्योंकि जन आधार कार्ड से जुड़े खातों और जनधन के खातों में महिलाएं ही मुखिया है. करीब एक से डेढ़ घंटे में एक व्यक्ति का नंबर आ रहा था. बैंक के भीतर भी सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए महज 2 लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा था.

महिलाओं का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार ने 1000 रुपए खाते में डाले हैं, ऐसे में वह पैसे निकलवाने के लिए ही बैंक आई हैं. साथ ही उनके खाते में पैस आ गया के सवाल पर उनका कहना था कि इसकी जानकारी नहीं है, बैंक में जाकर ही पता चलेगा.

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