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22 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है चिंटू...जेल से करवा दी थी MP में हत्या

असलम शेर खान उर्फ चिंटू के खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं. वह कोटा के गुमानपुरा थाना का हिस्ट्रीशीटर भी है. इसमें दो हत्याओं के मामले भी हैं, जिसमें एक मामले में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके बाद वह जेल में 5 साल बंद रहा है. उसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट, एससी-एसटी एक्ट सहित कई अन्य मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. उसके खिलाफ पहला मुकदमा 1998 में दर्ज हुआ. जिसके बाद से ही वह लगातार अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है.

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दो मर्डर सहित 12 मुकदमे दर्ज
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Published : Jan 27, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 10:53 PM IST

कोटा. नगर विकास न्यास के अमले ने आज बुधवार को हिस्ट्रीशीटर असलम शेर खान उर्फ चिंटू के मकान को तोड़ने की कार्रवाई की गई है. जिसमें उसके मकान को जगह-जगह से छिन्न-भिन्न कर दिया गया है. हालांकि, जेसीबी का उपयोग केवल आगे की तरफ तोड़फोड़ के लिए किया गया, लेकिन उसके ऊपर की मंजिल को ही तोड़ा गया है.

कोटा में हिस्ट्रीशीटर असलम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई...

अपराध नहीं करने की शर्त पर जेल से मिली थी जमानत...

असलम शेर खान 2009 में हुई हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा जेल में काट रहा था. इसके बाद उसे 2014 में ही न्यायालय ने जमानत दी थी, जिसमें अपराध नहीं करने का प्रार्थना पत्र उसने पेश किया था. हालांकि, इसके बाद भी वह अपराधों में संलग्न रहा. जिसके मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं कि आरोपी को पुलिस 21 दिन में गिरफ्तार कर हाईकोर्ट में पेश करे, साथ ही उसकी जमानत को भी रद्द किया गया है. इस मामले में पुलिस ने भी उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित करवाया है. इसके अलावा भी अन्य 3 प्रकरणों में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, जिनमें जमानत को रदद् किया गया है.

8 साल तक नहीं किया अपराध, फिर फायरिंग से आया चर्चा में...

असलम शेर खान के खिलाफ वर्ष 2010 में ही मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद से ही वह जेल में था. हालांकि, 2014 में जमानत मिलने के बाद भी उसने किसी तरह का कोई कृत्य बाहर नहीं किया. वहीं, अचानक से वर्ष 2018 में नाग-नागिन मंदिर के पास हुई अश्विनी गोल्डी पर फायरिंग के मामले में वह मुख्य आरोपी था. इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था. यह मुकदमा अभी भी न्यायालय में लंबित है.

पढ़ें : कोटा : 1 लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर का आशियाना जमीं पर, UP और MP की तर्ज पर UIT ने शुरू की तोड़ने की कार्रवाई

गवाह को घर से उठाकर ले गया था असलम...

असलम शेर खान ने प्रॉपर्टी डीलर अश्वनी उर्फ गोल्डी पर बर्खास्त एएसआई रविंद्र मलिक और दानिश व अन्य के साथ मिलकर फायरिंग की थी. इसमें गोल्डी बाल-बाल बच गया था. इस मामले में छावनी निवासी नितेश खटीक भी गवाह है, जिस पर असलम व उसके साथियों ने गवाही बदलने का दबाव बनाया था. इस मामले में नितेश की तरफ से कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें असलम भी शामिल है. साथ ही यह लोग उसे उठाकर भी ले गए थे. इस मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिसमें एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई हैं.

जेल से करवा दी थी मध्य प्रदेश में हत्या...

असलम शेर खान उर्फ चिंटू खुद हत्या के मामले में जेल में बंद था, जिस समय उस पर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा थाने में एक हत्या के मामले का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें आरोप लगे थे कि वह कोटा की जेल में बंद है और यहीं से उसने मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति की हत्या करवा दी है. इस मामले में उसके खिलाफ हत्या सहित आईटी एक्ट और अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें आर्म्स एक्ट की भी धाराएं जोड़ी गई थीं.

कोटा. नगर विकास न्यास के अमले ने आज बुधवार को हिस्ट्रीशीटर असलम शेर खान उर्फ चिंटू के मकान को तोड़ने की कार्रवाई की गई है. जिसमें उसके मकान को जगह-जगह से छिन्न-भिन्न कर दिया गया है. हालांकि, जेसीबी का उपयोग केवल आगे की तरफ तोड़फोड़ के लिए किया गया, लेकिन उसके ऊपर की मंजिल को ही तोड़ा गया है.

कोटा में हिस्ट्रीशीटर असलम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई...

अपराध नहीं करने की शर्त पर जेल से मिली थी जमानत...

असलम शेर खान 2009 में हुई हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा जेल में काट रहा था. इसके बाद उसे 2014 में ही न्यायालय ने जमानत दी थी, जिसमें अपराध नहीं करने का प्रार्थना पत्र उसने पेश किया था. हालांकि, इसके बाद भी वह अपराधों में संलग्न रहा. जिसके मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं कि आरोपी को पुलिस 21 दिन में गिरफ्तार कर हाईकोर्ट में पेश करे, साथ ही उसकी जमानत को भी रद्द किया गया है. इस मामले में पुलिस ने भी उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित करवाया है. इसके अलावा भी अन्य 3 प्रकरणों में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, जिनमें जमानत को रदद् किया गया है.

8 साल तक नहीं किया अपराध, फिर फायरिंग से आया चर्चा में...

असलम शेर खान के खिलाफ वर्ष 2010 में ही मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद से ही वह जेल में था. हालांकि, 2014 में जमानत मिलने के बाद भी उसने किसी तरह का कोई कृत्य बाहर नहीं किया. वहीं, अचानक से वर्ष 2018 में नाग-नागिन मंदिर के पास हुई अश्विनी गोल्डी पर फायरिंग के मामले में वह मुख्य आरोपी था. इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था. यह मुकदमा अभी भी न्यायालय में लंबित है.

पढ़ें : कोटा : 1 लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर का आशियाना जमीं पर, UP और MP की तर्ज पर UIT ने शुरू की तोड़ने की कार्रवाई

गवाह को घर से उठाकर ले गया था असलम...

असलम शेर खान ने प्रॉपर्टी डीलर अश्वनी उर्फ गोल्डी पर बर्खास्त एएसआई रविंद्र मलिक और दानिश व अन्य के साथ मिलकर फायरिंग की थी. इसमें गोल्डी बाल-बाल बच गया था. इस मामले में छावनी निवासी नितेश खटीक भी गवाह है, जिस पर असलम व उसके साथियों ने गवाही बदलने का दबाव बनाया था. इस मामले में नितेश की तरफ से कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें असलम भी शामिल है. साथ ही यह लोग उसे उठाकर भी ले गए थे. इस मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिसमें एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई हैं.

जेल से करवा दी थी मध्य प्रदेश में हत्या...

असलम शेर खान उर्फ चिंटू खुद हत्या के मामले में जेल में बंद था, जिस समय उस पर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा थाने में एक हत्या के मामले का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें आरोप लगे थे कि वह कोटा की जेल में बंद है और यहीं से उसने मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति की हत्या करवा दी है. इस मामले में उसके खिलाफ हत्या सहित आईटी एक्ट और अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें आर्म्स एक्ट की भी धाराएं जोड़ी गई थीं.

Last Updated : Jan 27, 2021, 10:53 PM IST
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