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कोटा के डॉक्टर ने गोरखपुर की काजल को दी नई जिंदगी - कोटा एमबीएस अस्पताल खबर

कोटा के एमबीएस अस्पताल के डॉक्टर ने गोरखपुर की काजल को एक नई जिंदगी दी है. काजल को कमर में ट्यूमर हो जाने की वजह से वह लगभग दोनों पैरों से अपाहिज हो चुकी थी.

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Published : Dec 20, 2019, 8:05 PM IST

कोटा. जिले के एमबीएस अस्पताल में गोरखपुर निवासी सोलह साल की काजल पिछले दो माह से कमर के बायीं तरफ दर्द से परेशान थी. जिसकी वजह से उसने गोरखपुर में नीजी और सरकारी चिकित्सालय में इलाज करवाया, लेकिन उसकी तकलीफ़ में सुधार न आकर उलटा उसके दोनों पेरों में कमजोरी आ गई.

कोटा के डॉक्टर का सफल ऑपरेशन

इसके बाद काजल ने गोरखपुर में पैरों की MRI की जांच करवाई. जब इसकी एमआरआई की जांच कोटा के डॉक्टर को दिखाई, तो उन्होंने तुरंत एबीएस अस्पताल में भर्ती कर गत शनिवार को उसका सफल ऑपरेशन किया. अब वह दो महीने में चलने लग जाएगी. एमबीएस के न्यूरो विभाग के सह आचार्य डॉ.एस एन गौतम ने बताया कि MRI की जांच में उसके स्पाइन में D11 से लेकर L3 तक ट्यूमर के होने का पता चला जो की नसों को दबाए हुआ था. जिसकी वजह से पेरों में कमज़ोरी आ गई थी.

यह भी पढ़ें- डूंगरपुर: गर्भ में पल रहे बच्चों की लिंग जांच करवाने वाले एक साल से फरार चल रहे 2 दलाल गिरफ्तार

यह ट्यूमर स्पाइन से बाहर आकर रिटरोपेरीटोनीयल स्पेस में फैल रहा था और काफी बड़ा हो (लगभग 8*8*7 cm) गया था. जो बाए तरफ के गुर्दे को ऊपर ओर बाहर की ओर खिसक चुका था और शरीर की मुख्य धमनी जिसको ऐओटा कहते हैं, बाएं गुर्दे के बीच में बढ़ रहा था. मरीज़ को गोरखपुर में ऑपरेशन की सलाह दी परंतु, खतरा अधिक होने ओर ख़र्चा ज्यादा होने की वजह से मरीज़ को रिश्तेदार कोटा ले आए. मरीज़ को देखने के बाद ऑपरेशन के लिए Mbs हास्पिटल में भर्ती कर लिया ओर गत शनिवार को उसका ऑपरेशन किया ऑपरेशन चार घंटे चला.

कोटा. जिले के एमबीएस अस्पताल में गोरखपुर निवासी सोलह साल की काजल पिछले दो माह से कमर के बायीं तरफ दर्द से परेशान थी. जिसकी वजह से उसने गोरखपुर में नीजी और सरकारी चिकित्सालय में इलाज करवाया, लेकिन उसकी तकलीफ़ में सुधार न आकर उलटा उसके दोनों पेरों में कमजोरी आ गई.

कोटा के डॉक्टर का सफल ऑपरेशन

इसके बाद काजल ने गोरखपुर में पैरों की MRI की जांच करवाई. जब इसकी एमआरआई की जांच कोटा के डॉक्टर को दिखाई, तो उन्होंने तुरंत एबीएस अस्पताल में भर्ती कर गत शनिवार को उसका सफल ऑपरेशन किया. अब वह दो महीने में चलने लग जाएगी. एमबीएस के न्यूरो विभाग के सह आचार्य डॉ.एस एन गौतम ने बताया कि MRI की जांच में उसके स्पाइन में D11 से लेकर L3 तक ट्यूमर के होने का पता चला जो की नसों को दबाए हुआ था. जिसकी वजह से पेरों में कमज़ोरी आ गई थी.

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यह ट्यूमर स्पाइन से बाहर आकर रिटरोपेरीटोनीयल स्पेस में फैल रहा था और काफी बड़ा हो (लगभग 8*8*7 cm) गया था. जो बाए तरफ के गुर्दे को ऊपर ओर बाहर की ओर खिसक चुका था और शरीर की मुख्य धमनी जिसको ऐओटा कहते हैं, बाएं गुर्दे के बीच में बढ़ रहा था. मरीज़ को गोरखपुर में ऑपरेशन की सलाह दी परंतु, खतरा अधिक होने ओर ख़र्चा ज्यादा होने की वजह से मरीज़ को रिश्तेदार कोटा ले आए. मरीज़ को देखने के बाद ऑपरेशन के लिए Mbs हास्पिटल में भर्ती कर लिया ओर गत शनिवार को उसका ऑपरेशन किया ऑपरेशन चार घंटे चला.

Intro:
कोटा के डॉक्टर ने किया गोरखपुर की लड़की का सफल ऑपरेशन,
कोटा के एमबीएस अस्पताल में गोरखपुर निवासी सोलह वर्षीय काजल का पिछले दो माह से कमर के बायीं तरफ़ दर्द से परेशान थी जिसकी वजह से उसने गोरखपुर में निजी एवं सरकारी चिकित्सालय में इलाज करवाया पर उसकी तकलीफ़ में सुधार ना आकर उलटा पिछले पंद्रह दिन से उसके दोनो पेरों में कमज़ोरी ओर चलने फिरने में परेशानी आ गई जिसके चलते गोरखपुर में उसकी MRI की जाँच करवाई गई।जब इसकी एमआरआई की जांच कोटा के डॉक्टर को दिखाई तो उन्होंने तुरंत एबीएस अस्पताल में भर्ती कर गत शनिवार को उसका सफल ऑपरेशन किया गया।अब वह दो महीने में चलने लग जायगी।
Body:एमबीएस के न्यूरो विभाग के सह आचार्य डॉ.एस एन गौतम ने बताया कि MRI की जाँच में उसके स्पाइन में D 11से लेकर L3तक टूमर के होने का पता चला जो की नसों को दबाए हुआ था ,जिसकी वजह से पेरों में कमज़ोरी आ गई थी ।टूमर स्पाइन से बाहर आकर रिटरोपेरीटोनीयल स्पेस में फ़ेल रहा था ओर काफ़ी बड़ा हो (लगभग 8*8*7 cm) गया था , वो बायीं तरफ़ के गुर्दे को ऊपर ओर बाहर की ओर खिसका चुका था तथा शरीर की मुख्य धमनी जिसको की ऐओटा कहते हे ओर बायें गुर्दे के बीच में बड़ रहा था।मरीज़ को गोरखपुर में ऑपरेशन की सलाह दी परंतु ख़तरा अधिक होने ओर ख़र्चा ज़्यादा होने की वजह से मरीज़ को रिश्तेदार कोटा ले आए ।मरीज़ को देखने के बाद ऑपरेशन के लिए Mbs हास्पिटल में भर्ती कर लिया ओर गत शनिवार को उसका ऑपरेशन किया ऑपरेशन चार घंटे चला।
Conclusion:कोटा के डॉक्टरों ने यह सफल आपरेशन कर देश में अलग मिशाल कायम की है।
बाईट-डॉ.एस एन गौतम, सह आचार्य एवं विभागाध्यक्ष
नूरोसर्जरी विभाग
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