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किस्मत का खेल निराला: वो तो सालों पहले बिछड़कर अब हो गई थी ना-उम्मीद...

महाराष्ट्र के अकोला के आकोट से सात साल पहले भाई से कहासुनी के बाद घर से भागी किशोरी को शनिवार को कोटा बाल कल्याण समिति ने भाई से मिलवाया. किशोरी घर से निकलने के बाद कोटा आ गई थी और यहां पर एक महिला के पास रहने लगी. बाद में महिला जब परेशान करने लगी, तो किसी तरह से बालिका गृह पहुंची. वहां पर काफी प्रयास के बाद आखिरकार परिजनों से उसे मिलवाया गया.

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सालों बाद मिले भाई-बहन
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Published : Jun 13, 2021, 1:46 PM IST

कोटा. किस्मत भी कैसे-कैसे खेल दिखाती है. कभी रिश्तों में दूर ला देती है और जब अपनों से मिलने की उम्मीद भी नाउम्मीद बन जाती है, तो उम्मीद की किरण दिखाकर एक पल में सालों पहले बिछड़ों को मिला देती है. रिश्तों की ऐसी ही भावुक कर देने वाली हकीकत एक ऐसे भाई-बहन की है, जो सात 7 पहले बिछड़े और जब सालों बाद मिले, तो रिश्तों के अपनेपन ने अजनबी सरीखे मिले भाई-बहन को रिश्ते का एहसास करा ​ही दिया, तो आसुंओं की धार के बीच जो शब्द मुंह से निकले-आज मुझे नई जिंदगी मिल गई.

सात साल पहले भाई से बिछड़ी बहन मिली भाई से

पूरा मामला कुछ यूं है कि कोटा के अलग-अलग बालिकागृहों में बीते 7 सालों से रह रही किशोरी को उसके भाई से शनिवार को मिलवाया गया. वह अपने परिजनों के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी. बस इतना पता चला कि महाराष्ट्र के अकोला के आकोट में वह रहती थी. आखिर में उसकी लगातार काउंसलिंग के बाद भी जब वह कोई जानकारी नहीं दे सकी, तो इसके बाद बाल कल्याण समिति ने पुलिस को निर्देशित किया और पुलिस ने परिजनों का पता लगाया. उसके बाद जब भाई उसे लेने के लिए कोटा पहुंचा, तो भाई को देखकर बहन भावुक हो गई. बाल कल्याण समिति कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अब भाई की बहन सुपुर्द करने के आदेश करेगी. जिसके बाद दोनो भाई-बहन घर के लिए रवाना होंगे.

भाई से कहासुनी के बाद भागी थी घर से

बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन ने बताया कि किशोरी आफरीन के माता-पिता का तलाक हो गया था. जिसके बाद वह अपनी अम्मी व भाई के साथ रहने लग गई, लेकिन भाई से हुई कहासुनी के बाद घर से निकल गई. परिजनों को संबंध में कोई जानकारी नहीं दी. भटकते-भटकते वह कोटा पहुंच गई, जहां पर एक महिला के संपर्क में आ गई, जिसने उसे काफी परेशान किया. बाद में वह चाइल्ड लाइन के जरिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश की गई, जिसे सितंबर 2014 में श्री करणी नगर विकास समिति के बालिका गृह में आश्रय दिया गया था.

पढ़ें:Special : अयोध्या में स्थापित होगी महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा, राजस्थान की बढ़ेगी शौर्य गाथा

उसके पास उम्र का सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते मेडिकल करवाया गया, जिसमें 2014 में उसकी उम्र 15 साल बताई गई. बाद में कई बार काउंसलिंग की गई जिसमें आफरीन अपने परिजनों के बारे में जानकारी नहीं दे पा रही थी. ऐसे में बाल अधिकारिता विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, संजय मेहरा व अधीक्षक प्रभा भार्गव ने एक बार फिर कोशिश की. जिसमें आफरीन ने खुद को महाराष्ट्र के अकोला जिले के आकोट का निवासी बताया.

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सात साल पहले भाई से बिछड़ी बहन मिली कोटा में

आफरीन से मिले पते पर कोटा ग्रामीण पुलिस की मानव तस्करी यूनिट के कांस्टेबल आशिक हुसैन ने परिजनों के बारे में पड़ताल की और उसके भाई असलम को कोटा बुलाया. जब असलम कोटा पहुंचा तो उसने आफरीन के संबंध में कुछ दस्तावेज पेश किए जिसके बाद उसे आफरीन से मिलवाया गया. बिछड़ने के 7 साल बाद मिलने पर भाई बहन भावुक हो गए. भाई असलम ने बताया कि उसकी मां भी अब अलग रहने लग गई है और असलम की खुद की भी शादी हो गई है. ऐसे में वह अपनी बहन को अपने पास से रखेगा.

कोटा. किस्मत भी कैसे-कैसे खेल दिखाती है. कभी रिश्तों में दूर ला देती है और जब अपनों से मिलने की उम्मीद भी नाउम्मीद बन जाती है, तो उम्मीद की किरण दिखाकर एक पल में सालों पहले बिछड़ों को मिला देती है. रिश्तों की ऐसी ही भावुक कर देने वाली हकीकत एक ऐसे भाई-बहन की है, जो सात 7 पहले बिछड़े और जब सालों बाद मिले, तो रिश्तों के अपनेपन ने अजनबी सरीखे मिले भाई-बहन को रिश्ते का एहसास करा ​ही दिया, तो आसुंओं की धार के बीच जो शब्द मुंह से निकले-आज मुझे नई जिंदगी मिल गई.

सात साल पहले भाई से बिछड़ी बहन मिली भाई से

पूरा मामला कुछ यूं है कि कोटा के अलग-अलग बालिकागृहों में बीते 7 सालों से रह रही किशोरी को उसके भाई से शनिवार को मिलवाया गया. वह अपने परिजनों के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी. बस इतना पता चला कि महाराष्ट्र के अकोला के आकोट में वह रहती थी. आखिर में उसकी लगातार काउंसलिंग के बाद भी जब वह कोई जानकारी नहीं दे सकी, तो इसके बाद बाल कल्याण समिति ने पुलिस को निर्देशित किया और पुलिस ने परिजनों का पता लगाया. उसके बाद जब भाई उसे लेने के लिए कोटा पहुंचा, तो भाई को देखकर बहन भावुक हो गई. बाल कल्याण समिति कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अब भाई की बहन सुपुर्द करने के आदेश करेगी. जिसके बाद दोनो भाई-बहन घर के लिए रवाना होंगे.

भाई से कहासुनी के बाद भागी थी घर से

बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन ने बताया कि किशोरी आफरीन के माता-पिता का तलाक हो गया था. जिसके बाद वह अपनी अम्मी व भाई के साथ रहने लग गई, लेकिन भाई से हुई कहासुनी के बाद घर से निकल गई. परिजनों को संबंध में कोई जानकारी नहीं दी. भटकते-भटकते वह कोटा पहुंच गई, जहां पर एक महिला के संपर्क में आ गई, जिसने उसे काफी परेशान किया. बाद में वह चाइल्ड लाइन के जरिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश की गई, जिसे सितंबर 2014 में श्री करणी नगर विकास समिति के बालिका गृह में आश्रय दिया गया था.

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उसके पास उम्र का सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते मेडिकल करवाया गया, जिसमें 2014 में उसकी उम्र 15 साल बताई गई. बाद में कई बार काउंसलिंग की गई जिसमें आफरीन अपने परिजनों के बारे में जानकारी नहीं दे पा रही थी. ऐसे में बाल अधिकारिता विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, संजय मेहरा व अधीक्षक प्रभा भार्गव ने एक बार फिर कोशिश की. जिसमें आफरीन ने खुद को महाराष्ट्र के अकोला जिले के आकोट का निवासी बताया.

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सात साल पहले भाई से बिछड़ी बहन मिली कोटा में

आफरीन से मिले पते पर कोटा ग्रामीण पुलिस की मानव तस्करी यूनिट के कांस्टेबल आशिक हुसैन ने परिजनों के बारे में पड़ताल की और उसके भाई असलम को कोटा बुलाया. जब असलम कोटा पहुंचा तो उसने आफरीन के संबंध में कुछ दस्तावेज पेश किए जिसके बाद उसे आफरीन से मिलवाया गया. बिछड़ने के 7 साल बाद मिलने पर भाई बहन भावुक हो गए. भाई असलम ने बताया कि उसकी मां भी अब अलग रहने लग गई है और असलम की खुद की भी शादी हो गई है. ऐसे में वह अपनी बहन को अपने पास से रखेगा.

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