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कोटा: ACB कोर्ट ने सहायक वाणिज्य कर अधिकारी को 5 साल की सुनाई सजा, 50 लाख का लगाया जुर्माना

कोटा एसीबी कोर्ट ने आठ साल से चल रहे मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तत्कालीन सहायक वाणिज्य कर अधिकारी को अवैध रूप से लाखों रुपए की संपत्ति अर्जित करने के मामले में 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही पचास लाख का जुर्माना लगाया है.

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बी कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा
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Published : Aug 6, 2020, 9:22 PM IST

कोटा. वाणिज्य कर अधिकारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने अवैध रूप से लाखों रुपए की संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसका एसीबी कोर्ट में मामला चल रहा था. मामले में कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

सहायक निदेशक अशोक कुमार जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2003 में वाणिज्य कर विभाग के सहायक अधिकारी के पद पर कोटा में पदस्थापित मोहनलाल स्वर्णकार के बारे में ब्यूरो को सूचना मिली थी. सूचना के मुताबिक सरकारी सेवा में पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट आचरण के जरिए अपनी आय की तुलना में कई गुना अधिक संपत्तियां बनाई हुई थी. उन्होंने बताया कि मोहनलाल स्वर्णकार मूल रूप से टोंक जिले का निवासी है, जो कि एक साधारण परिवार से आता है.

एसीबी कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा

यह भी पढ़ेंः बहरोड़ नगर पालिका में एसीबी की कार्रवाई, 85 हजार की रिश्वत लेते 4 गिरफ्तार

वहीं मोहनलाल स्वर्णकार साल 1989 में वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुआ था. साल 1997 में इसकी सहायक वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति हुई थी. भ्रष्ट आचरण के चलते उसने आय से अधिक संपत्ति बना ली थी, जिसका संतोषजनक आधार नहीं मिला. उन्होंने बताया कि कोटा में गणेश तालाब निवासी मोहनलाल की संपत्तियों पर तलाशी की कार्रवाई के दौरान कई कागजात जब्त किए गए. साथ ही मामला दर्जकर अनुसंधान किए जाने के बाद न्यायालय में पेश किया गया था.

आरोपी सहायक वाणिज्य कर अधिकारी की संपत्ति आय से 58.2 प्रतिशत अधिक मिली है. इस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध होना मानते हुए न्यायालय में साल 2012 में आरोप पत्र पेश किया गया था, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई है.

कोटा. वाणिज्य कर अधिकारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने अवैध रूप से लाखों रुपए की संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसका एसीबी कोर्ट में मामला चल रहा था. मामले में कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

सहायक निदेशक अशोक कुमार जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2003 में वाणिज्य कर विभाग के सहायक अधिकारी के पद पर कोटा में पदस्थापित मोहनलाल स्वर्णकार के बारे में ब्यूरो को सूचना मिली थी. सूचना के मुताबिक सरकारी सेवा में पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट आचरण के जरिए अपनी आय की तुलना में कई गुना अधिक संपत्तियां बनाई हुई थी. उन्होंने बताया कि मोहनलाल स्वर्णकार मूल रूप से टोंक जिले का निवासी है, जो कि एक साधारण परिवार से आता है.

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वहीं मोहनलाल स्वर्णकार साल 1989 में वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुआ था. साल 1997 में इसकी सहायक वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति हुई थी. भ्रष्ट आचरण के चलते उसने आय से अधिक संपत्ति बना ली थी, जिसका संतोषजनक आधार नहीं मिला. उन्होंने बताया कि कोटा में गणेश तालाब निवासी मोहनलाल की संपत्तियों पर तलाशी की कार्रवाई के दौरान कई कागजात जब्त किए गए. साथ ही मामला दर्जकर अनुसंधान किए जाने के बाद न्यायालय में पेश किया गया था.

आरोपी सहायक वाणिज्य कर अधिकारी की संपत्ति आय से 58.2 प्रतिशत अधिक मिली है. इस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध होना मानते हुए न्यायालय में साल 2012 में आरोप पत्र पेश किया गया था, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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