कोटा. कोटा मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कार्मिकों पर हुई कार्रवाई के विरोध में अधीक्षक और प्रिंसिपल आमने-सामने हो गए हैं. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने नर्सिंग कार्मिकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें एपीओ किया जाना सही बताया है. साथ ही इस मामले की जांच भी 4 सदस्य कमेटी से कर रहे हैं, जिनमें अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय और मेडिसिन की सीनियर प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी शारदा शामिल हैं. दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील इन नर्सिंग कार्मिकों के साथ होने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर नर्सिंग कार्मिकों पर आगे कार्रवाई की गई, तो वह खुद इस्तीफा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सौंप देंगे.
जानकारी के अनुसार कोटा मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने डिकॉय ऑपरेशन किया. जिसमें मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में भर्ती मरीज से दवाइयां बाहर से मंगवाई गईं. साथ ही रक्त जांच के नमूने भी बाहर से मरीज के जरिए करवाए गए. इन नमूनों की जांच करने आए व्यक्ति ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी की बात भी की. जिनको पुलिस ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की निशानदेही पर गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि इसके बाद मेडिकल कॉलेज के 3 नर्सिंग कार्मिकों को एपीओ कर दिया गया है. इस पर आज मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के कई कार्मिक विरोध में उतर आए.
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उन्होंने कहा कि इसमें उन कार्मिकों की कोई गलती नहीं है, जो व्यक्ति बाहर से रक्त का नमूना लेने आया था. उसी ने इंजेक्शन मरीजों को बेचा है. जबकि नर्सिंग कार्मिक को एपीओ कर दिया गया है. इन नर्सिंग कार्मिकों को एपीओ करने के विरोध में मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील ने वापस उन्हें काम पर लौटाया.
हालांकि इस दौरान करीब आधे घंटे तक उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. डॉ. सुशील का कहना है कि इस तरह से सीधे नर्सिंग कार्मिकों पर आपत्ति जता देना सही नहीं है. पहले इस मामले की जांच हो जानी चाहिए थी. हमने भी यही कहा है कि नर्सिंग कार्मिकों को केवल जगह ही बदली गई है. उन्हें हटाया नहीं गया है. मैं पूरी तरह से नर्सिंग कार्मिकों के साथ हूं. अगर इतनी मेहनत करने वाले नर्सिंग कर्मियों पर किसी भी तरह की विपत्ति आई तो मैं पहले इस्तीफा दे दूंगा. सभी नर्सिंग कर्मियों के साथ हूं.