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Hemaram Choudhary on Politics : पायलट कैंप के मंत्री बोले- आज की राजनीति पैसे के बलबूते पर, ईमानदार आदमी के लिए यह सहज नहीं...

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Published : Mar 27, 2022, 9:47 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 8:54 AM IST

मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि वह 40 साल पहले विधायक बन गए थे. कई बार विधायक और मंत्री भी रहे हैं, लेकिन आज के समय में लोकतंत्र की व्यवस्था के अनुसार मंत्री, विधायक व जनप्रतिनिधियों के लिए ईमानदारी से काम करना बहुत ही कठिन है और चुनौतीपूर्ण (Hemaram Choudhary on current political system) है. पायलट कैंप के मंत्री ने और क्या कहा, सुनिए...

Hemaram Choudhary on politic
पायलट कैंप के मंत्री चौधरी बोले: आज की राजनीति पैसे के बलबूते पर, ईमानदार आदमी के लिए यह सहज नहीं...

कोटा. प्रदेश में 3 साल पहले कांग्रेस की सरकार बनने के पहले ही कांग्रेस में दो फाड़ हो गए थे. इसमें एक कैंप पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और दूसरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है. दोनों के बीच में लंबी तकरार अघोषित रूप से जारी है. रविवार को पायलट कैंप के खासम खास और वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी कोटा दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के लोकतंत्र में पैसे का बोलबाला है. पुराने लोकतंत्र का पूरा सिस्टम बदल गया है. इसीलिए ईमानदार व्यक्ति के लिए राजनीति करना सहज नहीं है. यह उन्होंने कोटा में गोडावण संरक्षण के लिए आयोजित प्रदर्शनी और कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंच से बोला. कार्यक्रम में अध्यक्षता सांगोद के विधायक भरत सिंह कर रहे थे.

इस दौरान आज की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए मंत्री चौधरी ने कहा कि वह 40 साल पहले विधायक बन गए थे. कई बार विधायक और मंत्री भी रहे, लेकिन आज के समय में लोकतंत्र की व्यवस्था के अनुसार मंत्री, विधायक व जनप्रतिनिधियों के लिए ईमानदारी से काम करना बहुत ही कठिन है और चुनौतीपूर्ण है. पुराने समय का लोकतंत्र का सिस्टम बदल गया है. आज राजनीति पैसों के बलबूते पर हो रही है. ऐसे में ईमानदारी का स्थान कहां रहेगा. इमानदारों लोगों के लिए राजनीति करना सहज नहीं है. उन्होंने विधायक भरत सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में काम किया और इरादे कायम रहे हैं. जबकि अच्छे अच्छे लोगों को परिस्थितियां गिरा देती हैं या भटका देती हैं.

आज की राजनीति पैसे के बलबूते पर

पढ़ें: सोरसन में गोडावण संरक्षित क्षेत्र का निर्णय एक्टपर्ट कमेटी करेगी, भरत सिंह या प्रमोद जैन भाया नहीं : हेमाराम चौधरी

मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि राजनीति में वे 1980 से (Hemaram Choudhary on his long political career) हैं. लंबा राजनीतिक अनुभव उनके पास है, लेकिन वन एवं पर्यावरण विभाग उनके लिए नया है. उन्होंने कहा कि मुझे कहने में कोई शिकन नहीं है कि मैं इस विभाग में पारंगत नहीं हूं. मैं राजस्व विभाग में ठीक से जानकारी मिली थी. मंत्री चौधरी ने कहा कि वन्यजीव प्रेमी जो कार्य करते हैं, वहां पर धन की कोई गुंजाइश नहीं है. बिना धन की चाह के भी बहुत अच्छा काम यह लोग कर रहे हैं. जबकि जहां पर धन दिखता है, वहां पर एक की जरूरत होने पर भी 1000 व्यक्ति पहुंच जाते हैं, लेकिन जहां पर ऐसी गुंजाइश नहीं है. वहां 10 आदमी की जरूरत होने पर भी एक बड़ी मुश्किल से आता है, लेकिन बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी जुटे रहते हैं. यह अच्छा है.

पढ़ें: Jhalana leopard Reserve: वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने किया झालाना लेपर्ड रिजर्व का दौरा, तेदुओं के संरक्षण के लिए की गई व्यवस्था का लिया जायजा

खाली पदों पर अतिरिक्त चार्ज मांगते हैं, क्या इंटरेस्ट होता है? : चौधरी ने कहा कि कई पद खाली हैं, इस पर अधिकारी अतिरिक्त चार्ज दिला देने की रिक्वेस्ट करते हैं. इसका क्या अभिप्राय है कि एक अधिकारी आपसे कहे कि वहां पर जगह खाली है. किसी अन्य को लगाकर व्यवस्था करें. काम प्रभावित होता है, लेकिन जो व्यक्ति यह कहे कि काम प्रभावित होता है. साथ ही यह बोल दे कि मुझे वहां का अतिरिक्त चार्ज दिला दो, उसका क्या इंटरेस्ट होता है. मैं भी समझता हूं. किसी गलत अधिकारी को गलती से मजबूरी में लगाना पड़े तो मैं लगा भी दूं, लेकिन जानबूझकर मैं ऐसी गलतियां नहीं करूंगा.

पढ़ें: Forest Minister in Action: अवैध वन खनन और अतिक्रमण के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए- हेमाराम चौधरी

पर्यावरण से ज्यादा जरूरी लोगों के लिए पैसा हो गया: चौधरी ने कहा कि वन्यजीव प्रेमी महावीर चौधरी अमलसरा ने सोरसन की पूरी स्थिति का जिक्र किया. इस पर मैं भी कहना चाहता हूं कि आज की भागमभाग भरी दुनिया में सबका एक ही लक्ष्य पैसा कमाना हो गया है. पैसा ही सबसे बड़ा है, क्योंकि इसके जरिए हवेली कोठी और साधन संसाधन लोग जुटा लेते हैं. पैसे के चक्कर में सब कुछ खत्म हो रहा है. पर्यावरण दूषित व जलवायु परिवर्तन हो रही है. मैं समझता हूं कि उद्योग लगने चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि पूरा वायुमंडल दूषित हो जाए. मनुष्य के सांस लेना भी मुश्किल हो जाए. भिवाड़ी में भयंकर प्रदूषण है, वहां लोगों का जीना मुश्किल है व सांस लेना भी घातक हो रहा है.

पढ़ें: हेमाराम चौधरी प्रकरण में राजेंद्र राठौड़ ने भेजा विधानसभा सचिव को पत्र, लिखी ये बात

सोरसन के मुद्दे के वह जनता के दरबार में उठाएंगे: कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे विधायक भरत सिंह ने कहा कि हाड़ौती के जंगल के सामने रणथंभौर कुछ भी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि सोरसन संरक्षित वन क्षेत्र के मुद्दे को कोर्ट में ले जाने की सलाह दी है, लेकिन उन्होंने यह कदम उठाया तो अधिकारी इससे फ्री हो जाएंगे. मामला कोर्ट में जाने के बाद में अधिकारी इसका हवाला दे देंगे कि मामला न्यायालय में है, इसलिए हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. इस कारण इस मामले को जनता की कोर्ट में लेकर गया हूं.

उन्होंने कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वन मंत्री इस कार्यक्रम में नहीं आते तो एक भी अधिकारी नहीं आता. केवल शेडूराम यादव जरूर इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे थे. इसके साथ ही भरत सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने विधानसभा में इस बार भागीदारी नहीं निभाई है. क्योंकि मैं इन सब विषयों पर विधानसभा में पहले बोल चुका हूं, फिर बोलता तो कुछ हासिल नहीं होता. भरत सिंह ने कहा कि सोरसन में अगर खनन के दौरान विस्फोट होगा, तो वहां जाकर खड़े हो जाएंगे. लोग उनके साथ में सहयोग करेंगे तो ठीक है, नहीं तो वह अकेले ही इस मुद्दे को लेकर खड़े रहेंगे.

कोटा. प्रदेश में 3 साल पहले कांग्रेस की सरकार बनने के पहले ही कांग्रेस में दो फाड़ हो गए थे. इसमें एक कैंप पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और दूसरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है. दोनों के बीच में लंबी तकरार अघोषित रूप से जारी है. रविवार को पायलट कैंप के खासम खास और वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी कोटा दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के लोकतंत्र में पैसे का बोलबाला है. पुराने लोकतंत्र का पूरा सिस्टम बदल गया है. इसीलिए ईमानदार व्यक्ति के लिए राजनीति करना सहज नहीं है. यह उन्होंने कोटा में गोडावण संरक्षण के लिए आयोजित प्रदर्शनी और कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंच से बोला. कार्यक्रम में अध्यक्षता सांगोद के विधायक भरत सिंह कर रहे थे.

इस दौरान आज की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए मंत्री चौधरी ने कहा कि वह 40 साल पहले विधायक बन गए थे. कई बार विधायक और मंत्री भी रहे, लेकिन आज के समय में लोकतंत्र की व्यवस्था के अनुसार मंत्री, विधायक व जनप्रतिनिधियों के लिए ईमानदारी से काम करना बहुत ही कठिन है और चुनौतीपूर्ण है. पुराने समय का लोकतंत्र का सिस्टम बदल गया है. आज राजनीति पैसों के बलबूते पर हो रही है. ऐसे में ईमानदारी का स्थान कहां रहेगा. इमानदारों लोगों के लिए राजनीति करना सहज नहीं है. उन्होंने विधायक भरत सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में काम किया और इरादे कायम रहे हैं. जबकि अच्छे अच्छे लोगों को परिस्थितियां गिरा देती हैं या भटका देती हैं.

आज की राजनीति पैसे के बलबूते पर

पढ़ें: सोरसन में गोडावण संरक्षित क्षेत्र का निर्णय एक्टपर्ट कमेटी करेगी, भरत सिंह या प्रमोद जैन भाया नहीं : हेमाराम चौधरी

मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि राजनीति में वे 1980 से (Hemaram Choudhary on his long political career) हैं. लंबा राजनीतिक अनुभव उनके पास है, लेकिन वन एवं पर्यावरण विभाग उनके लिए नया है. उन्होंने कहा कि मुझे कहने में कोई शिकन नहीं है कि मैं इस विभाग में पारंगत नहीं हूं. मैं राजस्व विभाग में ठीक से जानकारी मिली थी. मंत्री चौधरी ने कहा कि वन्यजीव प्रेमी जो कार्य करते हैं, वहां पर धन की कोई गुंजाइश नहीं है. बिना धन की चाह के भी बहुत अच्छा काम यह लोग कर रहे हैं. जबकि जहां पर धन दिखता है, वहां पर एक की जरूरत होने पर भी 1000 व्यक्ति पहुंच जाते हैं, लेकिन जहां पर ऐसी गुंजाइश नहीं है. वहां 10 आदमी की जरूरत होने पर भी एक बड़ी मुश्किल से आता है, लेकिन बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी जुटे रहते हैं. यह अच्छा है.

पढ़ें: Jhalana leopard Reserve: वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने किया झालाना लेपर्ड रिजर्व का दौरा, तेदुओं के संरक्षण के लिए की गई व्यवस्था का लिया जायजा

खाली पदों पर अतिरिक्त चार्ज मांगते हैं, क्या इंटरेस्ट होता है? : चौधरी ने कहा कि कई पद खाली हैं, इस पर अधिकारी अतिरिक्त चार्ज दिला देने की रिक्वेस्ट करते हैं. इसका क्या अभिप्राय है कि एक अधिकारी आपसे कहे कि वहां पर जगह खाली है. किसी अन्य को लगाकर व्यवस्था करें. काम प्रभावित होता है, लेकिन जो व्यक्ति यह कहे कि काम प्रभावित होता है. साथ ही यह बोल दे कि मुझे वहां का अतिरिक्त चार्ज दिला दो, उसका क्या इंटरेस्ट होता है. मैं भी समझता हूं. किसी गलत अधिकारी को गलती से मजबूरी में लगाना पड़े तो मैं लगा भी दूं, लेकिन जानबूझकर मैं ऐसी गलतियां नहीं करूंगा.

पढ़ें: Forest Minister in Action: अवैध वन खनन और अतिक्रमण के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए- हेमाराम चौधरी

पर्यावरण से ज्यादा जरूरी लोगों के लिए पैसा हो गया: चौधरी ने कहा कि वन्यजीव प्रेमी महावीर चौधरी अमलसरा ने सोरसन की पूरी स्थिति का जिक्र किया. इस पर मैं भी कहना चाहता हूं कि आज की भागमभाग भरी दुनिया में सबका एक ही लक्ष्य पैसा कमाना हो गया है. पैसा ही सबसे बड़ा है, क्योंकि इसके जरिए हवेली कोठी और साधन संसाधन लोग जुटा लेते हैं. पैसे के चक्कर में सब कुछ खत्म हो रहा है. पर्यावरण दूषित व जलवायु परिवर्तन हो रही है. मैं समझता हूं कि उद्योग लगने चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि पूरा वायुमंडल दूषित हो जाए. मनुष्य के सांस लेना भी मुश्किल हो जाए. भिवाड़ी में भयंकर प्रदूषण है, वहां लोगों का जीना मुश्किल है व सांस लेना भी घातक हो रहा है.

पढ़ें: हेमाराम चौधरी प्रकरण में राजेंद्र राठौड़ ने भेजा विधानसभा सचिव को पत्र, लिखी ये बात

सोरसन के मुद्दे के वह जनता के दरबार में उठाएंगे: कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे विधायक भरत सिंह ने कहा कि हाड़ौती के जंगल के सामने रणथंभौर कुछ भी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि सोरसन संरक्षित वन क्षेत्र के मुद्दे को कोर्ट में ले जाने की सलाह दी है, लेकिन उन्होंने यह कदम उठाया तो अधिकारी इससे फ्री हो जाएंगे. मामला कोर्ट में जाने के बाद में अधिकारी इसका हवाला दे देंगे कि मामला न्यायालय में है, इसलिए हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. इस कारण इस मामले को जनता की कोर्ट में लेकर गया हूं.

उन्होंने कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वन मंत्री इस कार्यक्रम में नहीं आते तो एक भी अधिकारी नहीं आता. केवल शेडूराम यादव जरूर इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे थे. इसके साथ ही भरत सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने विधानसभा में इस बार भागीदारी नहीं निभाई है. क्योंकि मैं इन सब विषयों पर विधानसभा में पहले बोल चुका हूं, फिर बोलता तो कुछ हासिल नहीं होता. भरत सिंह ने कहा कि सोरसन में अगर खनन के दौरान विस्फोट होगा, तो वहां जाकर खड़े हो जाएंगे. लोग उनके साथ में सहयोग करेंगे तो ठीक है, नहीं तो वह अकेले ही इस मुद्दे को लेकर खड़े रहेंगे.

Last Updated : Mar 28, 2022, 8:54 AM IST
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