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कोटा में कई गांव बने टापू, खाने पीने का सामान बहा, बाढ़ राहत में जुटी 25 टीमें

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Published : Aug 22, 2022, 9:05 PM IST

Updated : Aug 23, 2022, 7:57 AM IST

कोटा संभाग में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते हालात विकट हो गए हैं. एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं. लोगों के खाने पीने का सामान बह गया है. कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं. अंता में एक व्यक्ति के नाले में बहने के समाचार हैं. प्रशासन ने राहत कार्य के लिए 25 से ज्यादा टीमें लगाई हैं. कालीसिंध नदी के बहाव क्षेत्र का गांव मोहम्मदपुरा खाली करवा लिया गया है.

Water discharge from Kota Barrage
कोटा में कई गांव बने टापू, खाने पीने का सामान बहा, बाढ़ राहत में जुटी 25 टीमें

कोटा. राजस्थान के कोटा संभाग में भारी बारिश का दौर और कोटा बैराज से पानी की निकासी के चलते एक दर्जन से ज्यादा मार्ग बाधित हैं. जिनमें नेशनल हाईवे, मेगा हाईवे व स्टेट हाईवे बाधित शामिल हैं. वहीं, एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं. हजारों की संख्या में लोग टापू बने गांवों में फंस गए हैं, जिन्हें निकालने का काम जारी है.

इसके अलावा कालीसिंध नदी के बहाव में बसे गांव मोहम्मदपुरा को खाली करा लिया है. ग्रामीणों को पास के ही एक स्कूल में शरण दी गई है. कच्चे-पक्के करीब दो दर्जन से ज्यादा मकान कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में गिर गए हैं. साथ ही बारां जिले के अंता में बरसाती नाले में एक व्यक्ति के बहने का मामला सामने आया है. बाढ़ से बचाव राहत के लिए करीब 25 से ज्यादा टीमें जुटी हुई हैं. जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और कोटा में नगर निगम की रेस्क्यू टीम शामिल है. एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि नाले में बहे व्यक्ति की मौत हो गई है. उसके शव की तलाश की जा रही है. बैराज से की जा रही 4 लाख क्यूसेक पानी की निकासी के चलते खतरा बना हुआ (Water discharge from Kota Barrage) है.

कोटा संभाग में भारी बारिश और बांधों से पानी निकासी बनी मुसीबत...

पढ़ें: कोटा बैराज समेत चंबल के बांधों से जल निकासी फिर शुरू, लाखों क्यूसेक छोड़ा जाएगा पानी

कोटा के निचले इलाकों में पानी भर गया है. वहीं, दूसरी तरफ रिवरफ्रंट के काम को भी नुकसान पहुंचा है. रिवर फ्रंट में समानांतर ब्रिज के नीचे एक गार्डन बनाया जा रहा है. इस गार्डन की सेफ्टी के लिए रिटेनिंग वाल बनाई गई थी, लेकिन रिटेनिंग वॉल के नीचे से पानी रिस कर गार्डन में पहुंच गया है. इसके अलावा करीब साढ़े 3 किलोमीटर लंबे रिवर फ्रंट के कई घाटों को भी नुकसान पहुंचा है. यहां पर लगाए गए पत्थर भी भयंकर बारिश के बहाव में बह गए हैं. कई जगह पर रिवरफ्रंट पर बनाया गया स्ट्रक्चर भी डूब की जद में आ गए हैं, जिन्हें भी नुकसान पहुंचा है.

पढ़ें: कोटा : चंबल नदी के चारों डैम से होगी पानी की निकासी, गांधी सागर बांध लबालब...छोड़ा गया 25 हजार क्यूसेक पानी

हाड़ौती में हुए सैकड़ों लोगों की रेस्क्यू: मुख्य अग्निशमन अधिकारी उत्तर राकेश व्यास व दक्षिण दीपक कुमार राजोरा के नेतृत्व में करीब 10 टीमें शहर के कई इलाकों में रेस्क्यू कर रही (Rescue teams in Kota) हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ की भी 10 टीमें कोटा में रेस्क्यू कर रही हैं. साथ ही रेस्क्यू के लिए जयपुर से बुलाई गई दो टीम भी कोटा पहुंच गई हैं. इन्होंने अनंतपुरा, गांवड़ी, थेकड़ा, देवली अरब, प्रेमनगर, बालाजी नगर व ज्ञानविहार सहित कई जगह रेस्क्यू किया है. कोटा शहर में करीब 700 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है. इसके अलावा कैथून कस्बे में भी एसडीआरएफ की दो टीमों ने लगातार बचाव कार्य कर रही हैं. एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल करण सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की 11 टीम कोटा में रेस्क्यू के लिए जुटी हुई हैं. जिनमें दोनों टीम बारां, बूंदी और झालावाड़ में भेजी गई हैं.

खाने पीने का सामान बहा: टापू बने हुए गांवों में स्थिति विकट हो गई है. कई लोगों के घर बारिश के चलते टूट गए हैं. ऐसे में इन लोगों के सामने अब खाने-पीने के साथ मकान की भी समस्या हो गई है. क्योंकि तेज बारिश के चलते उनके खाने-पीने के सामान भी खराब हो गए हैं. जिला कलेक्टर ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देशित किया है कि जरूरत पड़ने पर स्कूल को आश्रय स्थल बनाया जाए. कोटा शहर में भी घरों में पानी भर जाने के चलते खाने-पीने के सामान बह गए हैं. साथ ही जरूरी सामानों को लेकर ही उन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है. ऐसे में इन लोगों तक जिला प्रशासन ने राहत पहुंचाने के लिए भोजन की व्यवस्था भी की है.

पढ़ें: Flood Like Situation in Kota : मानसून की झमाझम से हाड़ौती के 38 डैम हुए लबालब, बड़े बांधों से गेट खोलकर हो रही पानी की निकासी...

बढ़ सकती है निकासी : जल संसाधन विभाग के कोटा बैराज डिवीजन के एक्सईएन भारत रत्न गौड़ का कहना है कि वर्तमान में 420000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. पानी की निकासी को धीरे-धीरे बढ़ाया गया है. आगे भी निकासी बढ़ा दी जाएगी. इसके लिए बैराज के 14 गेटों को खोला गया है. गांधी सागर, राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध से भी 1 लाख 60 हजार से लेकर 3 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. चंबल नदी में कोटा के बाद में कालीसिंध और पार्वती नदियों का पानी भी मिलता है. ऐसे में इनमें भी लाखों क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

सेल्फी लेने के चक्कर में नदी में गिरा युवक : चंबल नदी में कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिसे देखने के लिए नदी के किनारे पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और फोटो खींचने और सेल्फी लेने के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं. इसी बीच लाडपुरा बुर्ज पर एक युवक सेल्फी लेने के लिए पहुंचा था. इसी दौरान बैलेंस बिगड़ गया और वह नदी में गिर गया। हालांकि यह युवक तैरना जानता था. ऐसे में वह नदी के तेज बहाव के साथ भी करता रहा और आगे जाकर रियासत कालीन पुलिया के पास नदी के किनारे पर आ गया, जिससे कि उसकी जान बच गई.

यह युवक तैरना नहीं जानता तो, उसकी जान को भी खतरा हो सकता था. हालांकि, यह युवक कौन था, इस संबंध में कोई जानकारी न तो प्रशासन और पुलिस के पास है. स्थानीय नागरिक भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं. इसके गिरने के बाद कुछ लोगों ने उसका वीडियो शूट जरूर किया है. लाडपुरा बुर्ज पर यह हादसा होना बताया जा रहा है. यह इलाका रामपुरा कोतवाली थाना इलाके में आता है. वहां के एसएचओ हंसराज मीणा का कहना ने ऐसी किसी तरह की घटना से इनकार किया है.

23 को भी रहेगी स्कूलों में छुट्टी : जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और बूंदी कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने भारी बारिश की चेतावनी और कई इलाके जलमग्न होने के बाद सोमवार को सभी निजी और सरकारी स्कूल में अवकाश की घोषणा कर दी थी. इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों में भी छुट्टी की घोषणा की गई थी. इसके बाद दोनों ही जिले में 23 अगस्त को भी भारी बारिश की चेतावनी के चलते छुट्टी की घोषणा आज ही कर दी गई है. ऐसे में मंगलवार को भी सभी जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश रहेगा. वहीं, बारां जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता ने भी आदेश जारी करते हुए 23 और 24 अगस्त को भारी वर्षा की संभावना के चलते आगामी 2 दिन की सरकारी और निजी विद्यालयों में छुट्टी की घोषणा कर दी है. जबकि झालावाड़ जिला कलेक्टर ने भी 23 अगस्त को जिले के शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की है.

नेशनल हाईवे 52 पर भी आया पानी, रास्ता हुआ जाम : जयपुर जबलपुर नेशनल हाईवे 52 पर भी कोटा जिले के हिंडोली के नजदीक तालाब गांव के तालाब का पानी पहुंच गया है. इसके चलते आवागमन बाधित हो गया है. ऐसे में इन वाहनों को कस्बे से होकर निकाला जा रहा है. जिसके चलते नेशनल हाईवे पर जाम भी लग गया है. जिसमें कुछ एंबुलेंस भी फंसी हुई है. पुलिस और प्रशासन भी इन्हें लेकर सतर्क होकर जाम खुलवाने की कोशिश में जुटा रहा.

झालावाड़ में कालीसिंध बांध के 24 गेट खोले : भारी बारिश के चलते झालावाड़ जिले में भी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कालीसिंध बांध में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. ऐसे में बांध के सभी 25 गेट खोल कर पानी की निकासी की जाएगी. बताया जा रहा है कि करीब 3,80,000 क्यूसेक पानी कालीसिंध नदी में छोड़ा जाएगा. इसका सर्वाधिक असर कोटा जिले के इटावा उपखंड में देखने को मिलेगा. वहीं, दूसरी तरफ आहू नदी भी उफान पर है.

12 लोगों का रेस्क्यू- झालावाड़ जिले में पिछले 48 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश ने आम आदमी के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है. जहां जिले के सभी बांधों के गेटों को खोलकर पानी की निकासी की जा रही है तो वहीं कई गांवों का सम्पर्क जिले से कट गया है. सोमवार को एस.डी.आर.एफ.टीम ने एक ही परिवार के 12 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. जिला कलेक्टर भारती दीक्षित ने लोगों से बारिश में सावधानी बरतने की अपील की है.

कोटा. राजस्थान के कोटा संभाग में भारी बारिश का दौर और कोटा बैराज से पानी की निकासी के चलते एक दर्जन से ज्यादा मार्ग बाधित हैं. जिनमें नेशनल हाईवे, मेगा हाईवे व स्टेट हाईवे बाधित शामिल हैं. वहीं, एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं. हजारों की संख्या में लोग टापू बने गांवों में फंस गए हैं, जिन्हें निकालने का काम जारी है.

इसके अलावा कालीसिंध नदी के बहाव में बसे गांव मोहम्मदपुरा को खाली करा लिया है. ग्रामीणों को पास के ही एक स्कूल में शरण दी गई है. कच्चे-पक्के करीब दो दर्जन से ज्यादा मकान कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में गिर गए हैं. साथ ही बारां जिले के अंता में बरसाती नाले में एक व्यक्ति के बहने का मामला सामने आया है. बाढ़ से बचाव राहत के लिए करीब 25 से ज्यादा टीमें जुटी हुई हैं. जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और कोटा में नगर निगम की रेस्क्यू टीम शामिल है. एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि नाले में बहे व्यक्ति की मौत हो गई है. उसके शव की तलाश की जा रही है. बैराज से की जा रही 4 लाख क्यूसेक पानी की निकासी के चलते खतरा बना हुआ (Water discharge from Kota Barrage) है.

कोटा संभाग में भारी बारिश और बांधों से पानी निकासी बनी मुसीबत...

पढ़ें: कोटा बैराज समेत चंबल के बांधों से जल निकासी फिर शुरू, लाखों क्यूसेक छोड़ा जाएगा पानी

कोटा के निचले इलाकों में पानी भर गया है. वहीं, दूसरी तरफ रिवरफ्रंट के काम को भी नुकसान पहुंचा है. रिवर फ्रंट में समानांतर ब्रिज के नीचे एक गार्डन बनाया जा रहा है. इस गार्डन की सेफ्टी के लिए रिटेनिंग वाल बनाई गई थी, लेकिन रिटेनिंग वॉल के नीचे से पानी रिस कर गार्डन में पहुंच गया है. इसके अलावा करीब साढ़े 3 किलोमीटर लंबे रिवर फ्रंट के कई घाटों को भी नुकसान पहुंचा है. यहां पर लगाए गए पत्थर भी भयंकर बारिश के बहाव में बह गए हैं. कई जगह पर रिवरफ्रंट पर बनाया गया स्ट्रक्चर भी डूब की जद में आ गए हैं, जिन्हें भी नुकसान पहुंचा है.

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हाड़ौती में हुए सैकड़ों लोगों की रेस्क्यू: मुख्य अग्निशमन अधिकारी उत्तर राकेश व्यास व दक्षिण दीपक कुमार राजोरा के नेतृत्व में करीब 10 टीमें शहर के कई इलाकों में रेस्क्यू कर रही (Rescue teams in Kota) हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ की भी 10 टीमें कोटा में रेस्क्यू कर रही हैं. साथ ही रेस्क्यू के लिए जयपुर से बुलाई गई दो टीम भी कोटा पहुंच गई हैं. इन्होंने अनंतपुरा, गांवड़ी, थेकड़ा, देवली अरब, प्रेमनगर, बालाजी नगर व ज्ञानविहार सहित कई जगह रेस्क्यू किया है. कोटा शहर में करीब 700 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है. इसके अलावा कैथून कस्बे में भी एसडीआरएफ की दो टीमों ने लगातार बचाव कार्य कर रही हैं. एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल करण सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की 11 टीम कोटा में रेस्क्यू के लिए जुटी हुई हैं. जिनमें दोनों टीम बारां, बूंदी और झालावाड़ में भेजी गई हैं.

खाने पीने का सामान बहा: टापू बने हुए गांवों में स्थिति विकट हो गई है. कई लोगों के घर बारिश के चलते टूट गए हैं. ऐसे में इन लोगों के सामने अब खाने-पीने के साथ मकान की भी समस्या हो गई है. क्योंकि तेज बारिश के चलते उनके खाने-पीने के सामान भी खराब हो गए हैं. जिला कलेक्टर ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देशित किया है कि जरूरत पड़ने पर स्कूल को आश्रय स्थल बनाया जाए. कोटा शहर में भी घरों में पानी भर जाने के चलते खाने-पीने के सामान बह गए हैं. साथ ही जरूरी सामानों को लेकर ही उन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है. ऐसे में इन लोगों तक जिला प्रशासन ने राहत पहुंचाने के लिए भोजन की व्यवस्था भी की है.

पढ़ें: Flood Like Situation in Kota : मानसून की झमाझम से हाड़ौती के 38 डैम हुए लबालब, बड़े बांधों से गेट खोलकर हो रही पानी की निकासी...

बढ़ सकती है निकासी : जल संसाधन विभाग के कोटा बैराज डिवीजन के एक्सईएन भारत रत्न गौड़ का कहना है कि वर्तमान में 420000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. पानी की निकासी को धीरे-धीरे बढ़ाया गया है. आगे भी निकासी बढ़ा दी जाएगी. इसके लिए बैराज के 14 गेटों को खोला गया है. गांधी सागर, राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध से भी 1 लाख 60 हजार से लेकर 3 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. चंबल नदी में कोटा के बाद में कालीसिंध और पार्वती नदियों का पानी भी मिलता है. ऐसे में इनमें भी लाखों क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

सेल्फी लेने के चक्कर में नदी में गिरा युवक : चंबल नदी में कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिसे देखने के लिए नदी के किनारे पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और फोटो खींचने और सेल्फी लेने के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं. इसी बीच लाडपुरा बुर्ज पर एक युवक सेल्फी लेने के लिए पहुंचा था. इसी दौरान बैलेंस बिगड़ गया और वह नदी में गिर गया। हालांकि यह युवक तैरना जानता था. ऐसे में वह नदी के तेज बहाव के साथ भी करता रहा और आगे जाकर रियासत कालीन पुलिया के पास नदी के किनारे पर आ गया, जिससे कि उसकी जान बच गई.

यह युवक तैरना नहीं जानता तो, उसकी जान को भी खतरा हो सकता था. हालांकि, यह युवक कौन था, इस संबंध में कोई जानकारी न तो प्रशासन और पुलिस के पास है. स्थानीय नागरिक भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं. इसके गिरने के बाद कुछ लोगों ने उसका वीडियो शूट जरूर किया है. लाडपुरा बुर्ज पर यह हादसा होना बताया जा रहा है. यह इलाका रामपुरा कोतवाली थाना इलाके में आता है. वहां के एसएचओ हंसराज मीणा का कहना ने ऐसी किसी तरह की घटना से इनकार किया है.

23 को भी रहेगी स्कूलों में छुट्टी : जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और बूंदी कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने भारी बारिश की चेतावनी और कई इलाके जलमग्न होने के बाद सोमवार को सभी निजी और सरकारी स्कूल में अवकाश की घोषणा कर दी थी. इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों में भी छुट्टी की घोषणा की गई थी. इसके बाद दोनों ही जिले में 23 अगस्त को भी भारी बारिश की चेतावनी के चलते छुट्टी की घोषणा आज ही कर दी गई है. ऐसे में मंगलवार को भी सभी जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश रहेगा. वहीं, बारां जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता ने भी आदेश जारी करते हुए 23 और 24 अगस्त को भारी वर्षा की संभावना के चलते आगामी 2 दिन की सरकारी और निजी विद्यालयों में छुट्टी की घोषणा कर दी है. जबकि झालावाड़ जिला कलेक्टर ने भी 23 अगस्त को जिले के शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की है.

नेशनल हाईवे 52 पर भी आया पानी, रास्ता हुआ जाम : जयपुर जबलपुर नेशनल हाईवे 52 पर भी कोटा जिले के हिंडोली के नजदीक तालाब गांव के तालाब का पानी पहुंच गया है. इसके चलते आवागमन बाधित हो गया है. ऐसे में इन वाहनों को कस्बे से होकर निकाला जा रहा है. जिसके चलते नेशनल हाईवे पर जाम भी लग गया है. जिसमें कुछ एंबुलेंस भी फंसी हुई है. पुलिस और प्रशासन भी इन्हें लेकर सतर्क होकर जाम खुलवाने की कोशिश में जुटा रहा.

झालावाड़ में कालीसिंध बांध के 24 गेट खोले : भारी बारिश के चलते झालावाड़ जिले में भी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कालीसिंध बांध में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. ऐसे में बांध के सभी 25 गेट खोल कर पानी की निकासी की जाएगी. बताया जा रहा है कि करीब 3,80,000 क्यूसेक पानी कालीसिंध नदी में छोड़ा जाएगा. इसका सर्वाधिक असर कोटा जिले के इटावा उपखंड में देखने को मिलेगा. वहीं, दूसरी तरफ आहू नदी भी उफान पर है.

12 लोगों का रेस्क्यू- झालावाड़ जिले में पिछले 48 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश ने आम आदमी के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है. जहां जिले के सभी बांधों के गेटों को खोलकर पानी की निकासी की जा रही है तो वहीं कई गांवों का सम्पर्क जिले से कट गया है. सोमवार को एस.डी.आर.एफ.टीम ने एक ही परिवार के 12 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. जिला कलेक्टर भारती दीक्षित ने लोगों से बारिश में सावधानी बरतने की अपील की है.

Last Updated : Aug 23, 2022, 7:57 AM IST
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