कोटा. जिले के कोटा मेडिकल कॉलेज के महाराव भीम सिंह हॉस्पिटल में नेत्रदान केन्द्र का शुभारंभ गुरुवार को मरीज सत्यनारायण से फीता कटवाकर करवाया गया. मरीज को नेत्र प्रत्यारोपण से नेत्र ज्योति मिली है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. स्वाति तोमर मेडिकल डायरेक्टर आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना रहे.
न्यूरो इंटरवेंशन सभागार में आयोजित समारोह में डॉ. सरदाना ने कहा कि अजमेर और उदयपुर के बाद सबसे अधिक कॉर्निया कोटा से लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि तीनों अस्पताल में रोगी अधिक हैं, ऐसे में चिकित्सक और स्टॉफ के सहयोग से काउंसिलिंग की जाएगी. लोग चिकित्सक की बात जल्दी मानते हैं तो नेत्रदान होने में आसानी होगी.
वहीं डॉ. तोमर का कहना है कि राजस्थान के साथ देश में लाखों लोग कॉर्निया के लिए लाइन में खड़े हैं, जितनी आवश्यकता है उसका आधा भी लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जयपुर के बाद सरकारी क्षेत्र में ये दूसरा सेंटर हैं, जहां नेत्र कलेक्ट किए जा सकेंगे. उन्होंने और भी सेंटर खोले जाने की आवश्यकता बताई.
उन्होंने चिकित्सकों को आव्हान किया कि जिसकी भी मौत अस्पताल में होती है तो उसे नेत्रदान के लिए प्रेरित करें. कॉर्निया अस्पतालों से आसानी से लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक नेत्र से 4 लोगों को रोशनी मिल सकती है. डॉ. स्वाति तोमर ने कहा कि देश भर के सेंटरों पर महज 30 से 40 हजार कोर्निया ही पूरे साल में कलेक्ट हो पाते हैं, जबकि 1 साल में करीब 10 लाख नए लोग अंधता का शिकार हो जाते हैं.
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इस अवसर पर अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने विभाग को आश्वस्त किया कि आने वाले समय में जो भी आवश्यकता होगी, उसे पूरा किया जाएगा. संयुक्त निदेशक डॉ. आरके लवानिया ने कहा कि कई बार सरकारी तंत्र में देर हो सकती है, लेकिन सफलता मिलती जरूर है. ये सेंटर कोटा को नई पहचान दिलाएगा. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेन्द्र तंवर ने इस तरह के सेंटर और भी कई जगह खोले जाने की बात कही.
इस अवसर पर आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान कोटा चैप्टर के डॉ. केके कंजोलिया, नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जय श्री सिंह, सीनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक मीणा, डॉ. भारती आहुजा, हम लोग संस्था के डॉ. सुधीर गुप्ता, लायंस क्लब, जैन सोशल ग्रुप, इनरव्हील क्लब, यूथ पीस सोसाइटी, कर्मयोगी संस्था, परिवार सेवा संस्था, यूथ एक्शन फॉर सोसाइटी, शांति सेवा समिति, समर्पण संस्था के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.