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रियलिटी चेक: कोटा में बिना परमिट चलती मिली बाल वाहिनी, खतरे में नन्हें-मुन्नों की जान

प्रदेशभर में ईटीवी भारत की ओर से स्कूल बसों की रियलिटी चेक कराया जा रहा है. जिसके तहत कोटा में स्कूली बसों की कैसी स्थिति है. इसकी पड़ताल की गई. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम के साथ परिवहन विभाग ने बाल वाहिनियों की जांच की.

kota school bus, कोटा स्कूल बस
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Published : Sep 2, 2019, 11:40 PM IST

कोटा. परिवहन विभाग ने बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने में लगी बाल वाहिनी और अन्य वाहनों की जांच की. जिसमें सामने आया कि इन वाहनों में नन्हे मुन्ने की जान खतरे में है. सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों में बाल वाहिनी के परमिट की शर्तों की अवहेलना हो रही थी. कई बसें तो ऐसी थी जो स्टेट कैरिज के परमिट से चलाई जा रही थी और उनमें बच्चे भरकर स्कूल से लाने ले जाने का काम कर रही थी. इनमें बाल वाहिनियों को संचालन करने के लिए बनाई गई गाइडलाइन की पालना नहीं हो रही थी. हालात ऐसे हैं कि आरटीओ की टीम में 12 से ज्यादा वाहनों की जांच की. जिनमें से पांच वाहनों में गंभीर खामियां मिली है. साथ ही एक वाहन चालक वैन को भगाकर ले गया. जिसका पंचनामा घर पर भेजा जाएगा.

कोटा में स्कूल बसों का रियलिटी चेक

कोटा से केशोरायपाटन का स्टेट कैरिज परमिट चल रही बाल वाहिनी में
घटोत्कच सर्किल पर परिवहन विभाग ने एक बस को रुकवा जांच की तो सामने आया कि उसमें बच्चे बैठे हुए थे. जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोज इसी बस से स्कूल जाते और आते हैं. ऐसे में जब कागजातों की जांच की तो सामने आया कि बस के पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं है. उसके पास स्टेट कैरिज का परमिट है, जो कोटा से केशोरायपाटन का है. जबकि बस बाल वाहिनी का काम कर रही है. इसी तरह से अनंतपुरा क्षेत्र के एक स्कूल कि बस को आरटीओ टीम ने रुकवाया तो, उसमें भी इसी तरह की बात सामने आई. बस को स्टेशन से लेकर अनंतपुरा तक का परमिट है, लेकिन वह बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रही है. इन बसों में बाल वाहिनी को लाने ले जाने का एक भी नियम की पालना नहीं हो रही थी.

पढ़ें- रियलिटी चेक: कुछ खामियां छोड़कर बाकी नियमों का पालन करती दिखी राजसमंद में बाल वाहिनी बसें

एक माह पहले चेताया फिर भी तोड़ रहा नियम
वहीं इंद्र विहार स्थित एक स्कूल की बाल वाहिनी बस को जुलाई माह में भी नियम तोड़ते हुए परिवहन विभाग की टीम ने पकड़ा था. उसके पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं था. साथ ही पंचनामा और चालान बनाते हुए सुधार के निर्देश दिए थे. एक महीने बाद फिर जब परिवहन विभाग ने बस को रुकवा कर जांच की, तो परमिट ड्राइवर के पास नहीं था. साथ वर्दी में भी नहीं था.

पढ़ें- रियलिटी चेक: जोधपुर में स्कूल बसों द्वारा गाइडलाइन फॉलो नहीं करने पर कट रहा चालान

नियम तोड़ रही थी बाल वाहिनी
परिवहन विभाग को जो बसें नियम तोड़ती मिली. उनमें अधिकांश में बाल वाहिनी नहीं लिखा हुआ था. स्कूल ड्राइवर और कंडक्टर वर्दी में नहीं थे. बस पर पीछे स्कूल का एड्रेस नहीं लिखा हुआ था. बाल वाहिनियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका था. फिटनेस बसों के पास नहीं था. साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स भी बसों में नहीं मिले हैं. कंडक्टर ड्राइवर वर्दी में नहीं थे. साथ ही उनका नंबर भी बस के भीतर नहीं लिखा हुआ था. चाइल्ड लाइन का नंबर भी बसों में नहीं था.

पढ़ें- रियलिटी चेक: अजमेर में बिना गाइडलाइन के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ती स्कूल बसें...आरटीओ ने की कार्रवाई

एलपीजी से चलती मिली वैन
बच्चों को लाने और ले जाने में कई निजी स्कूलों में वैन भी लगी हुई है. जिनकी जांच भी आरटीओ टीम ने की. जिसमें सामने आया कि वैन अवैध एलपीजी से चलती मिली. एक वैन चालक बच्चों को ठूंस ठूंस कर लेकर जा रहा था. जैसे ही आरटीओ निरीक्षक ने रोकने का प्रयास किया, तो यह चालक वैन को भगाकर ले गया. ऐसे में उसका पंचनामा बनाया गया है. जिसे उसके घर भेजा जाएगा.

कोटा. परिवहन विभाग ने बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने में लगी बाल वाहिनी और अन्य वाहनों की जांच की. जिसमें सामने आया कि इन वाहनों में नन्हे मुन्ने की जान खतरे में है. सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों में बाल वाहिनी के परमिट की शर्तों की अवहेलना हो रही थी. कई बसें तो ऐसी थी जो स्टेट कैरिज के परमिट से चलाई जा रही थी और उनमें बच्चे भरकर स्कूल से लाने ले जाने का काम कर रही थी. इनमें बाल वाहिनियों को संचालन करने के लिए बनाई गई गाइडलाइन की पालना नहीं हो रही थी. हालात ऐसे हैं कि आरटीओ की टीम में 12 से ज्यादा वाहनों की जांच की. जिनमें से पांच वाहनों में गंभीर खामियां मिली है. साथ ही एक वाहन चालक वैन को भगाकर ले गया. जिसका पंचनामा घर पर भेजा जाएगा.

कोटा में स्कूल बसों का रियलिटी चेक

कोटा से केशोरायपाटन का स्टेट कैरिज परमिट चल रही बाल वाहिनी में
घटोत्कच सर्किल पर परिवहन विभाग ने एक बस को रुकवा जांच की तो सामने आया कि उसमें बच्चे बैठे हुए थे. जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोज इसी बस से स्कूल जाते और आते हैं. ऐसे में जब कागजातों की जांच की तो सामने आया कि बस के पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं है. उसके पास स्टेट कैरिज का परमिट है, जो कोटा से केशोरायपाटन का है. जबकि बस बाल वाहिनी का काम कर रही है. इसी तरह से अनंतपुरा क्षेत्र के एक स्कूल कि बस को आरटीओ टीम ने रुकवाया तो, उसमें भी इसी तरह की बात सामने आई. बस को स्टेशन से लेकर अनंतपुरा तक का परमिट है, लेकिन वह बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रही है. इन बसों में बाल वाहिनी को लाने ले जाने का एक भी नियम की पालना नहीं हो रही थी.

पढ़ें- रियलिटी चेक: कुछ खामियां छोड़कर बाकी नियमों का पालन करती दिखी राजसमंद में बाल वाहिनी बसें

एक माह पहले चेताया फिर भी तोड़ रहा नियम
वहीं इंद्र विहार स्थित एक स्कूल की बाल वाहिनी बस को जुलाई माह में भी नियम तोड़ते हुए परिवहन विभाग की टीम ने पकड़ा था. उसके पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं था. साथ ही पंचनामा और चालान बनाते हुए सुधार के निर्देश दिए थे. एक महीने बाद फिर जब परिवहन विभाग ने बस को रुकवा कर जांच की, तो परमिट ड्राइवर के पास नहीं था. साथ वर्दी में भी नहीं था.

पढ़ें- रियलिटी चेक: जोधपुर में स्कूल बसों द्वारा गाइडलाइन फॉलो नहीं करने पर कट रहा चालान

नियम तोड़ रही थी बाल वाहिनी
परिवहन विभाग को जो बसें नियम तोड़ती मिली. उनमें अधिकांश में बाल वाहिनी नहीं लिखा हुआ था. स्कूल ड्राइवर और कंडक्टर वर्दी में नहीं थे. बस पर पीछे स्कूल का एड्रेस नहीं लिखा हुआ था. बाल वाहिनियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका था. फिटनेस बसों के पास नहीं था. साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स भी बसों में नहीं मिले हैं. कंडक्टर ड्राइवर वर्दी में नहीं थे. साथ ही उनका नंबर भी बस के भीतर नहीं लिखा हुआ था. चाइल्ड लाइन का नंबर भी बसों में नहीं था.

पढ़ें- रियलिटी चेक: अजमेर में बिना गाइडलाइन के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ती स्कूल बसें...आरटीओ ने की कार्रवाई

एलपीजी से चलती मिली वैन
बच्चों को लाने और ले जाने में कई निजी स्कूलों में वैन भी लगी हुई है. जिनकी जांच भी आरटीओ टीम ने की. जिसमें सामने आया कि वैन अवैध एलपीजी से चलती मिली. एक वैन चालक बच्चों को ठूंस ठूंस कर लेकर जा रहा था. जैसे ही आरटीओ निरीक्षक ने रोकने का प्रयास किया, तो यह चालक वैन को भगाकर ले गया. ऐसे में उसका पंचनामा बनाया गया है. जिसे उसके घर भेजा जाएगा.

Intro:स्कूल से लाने ले जाने में लगी बाल वाहिनी और अन्य वाहनों की जांच परिवहन विभाग ने की. जिसमें सामने आया कि इन वाहनों में नन्हे मुन्ने की जान खतरे में है. सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों में बाल वाहिनी के परमिट की शर्तों की अवहेलना हो रही थी. कई बसें तो ऐसी थी जो स्टेट कैरिज के परमिट से चलाई जा रही थी और उनमें बच्चे भरकर स्कूल से लाने ले जाने का काम कर रही थी. इनमे बालवाहिनियों को संचालन करने के लिए सरकार के बनाए एक भी नियम की पालना नहीं हो रही थी.


Body:कोटा.
परिवहन विभाग ने आज बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने में लगी बाल वाहिनी और अन्य वाहनों की जांच की. जिसमें सामने आया कि इन वाहनों में नन्हे मुन्ने की जान खतरे में है. सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों में बाल वाहिनी के परमिट की शर्तों की अवहेलना हो रही थी. कई बसें तो ऐसी थी जो स्टेट कैरिज के परमिट से चलाई जा रही थी और उनमें बच्चे भरकर स्कूल से लाने ले जाने का काम कर रही थी. इनमे बालवाहिनियों को संचालन करने के लिए सरकार के बनाए एक भी नियम की पालना नहीं हो रही थी. हालात ऐसे हैं कि आरटीओ की टीम में आज 12 से ज्यादा वाहनों की जांच की. जिनमें से पांच वाहनों में गंभीर खामियां मिली है. साथ ही एक वाहन चालक वैन को भगाकर ले गया. जिसका पंचनामा घर पर भेजा जाएगा.

कोटा से केशोरायपाटन का स्टेज कैरिज परमिट चल रही बाल वाहिनी में
घटोत्कच सर्किल पर परिवहन विभाग ने एक बस को रुकवा जांच की तो सामने आया कि उसमें बच्चे बैठे हुए थे. जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोज इसी बस से स्कूल जाते और आते हैं. ऐसे में जब कागजातों की जांच की तो सामने आया कि बस के पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं है. उसके पास स्टेट कैरिज का परमिट है, जो कोटा से केशोरायपाटन का है. जबकि बस बाल वाहिनी का काम कर रही है. इसी तरह से अनंतपुरा क्षेत्र के एक स्कूल कि बस को आरटीओ टीम ने रुकवाया तो, उसमें भी इसी तरह की बात सामने आई. बस को स्टेशन से लेकर अनंतपुरा तक का परमिट है, लेकिन वह बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रही है. इन बसों में बाल वाहिनी को लाने ले जाने का एक भी नियम की पालना नहीं हो रही थी.

एक माह पहले चेताया फिर भी तोड़ रहा नियम
इंद्र विहार स्थित एक स्कूल की बाल वाहिनी बस को जुलाई माह में भी नियम तोड़ते हुए परिवहन विभाग की टीम ने पकड़ा था. उसके पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं था. साथ ही पंचनामा और चालान बनाते हुए सुधार के निर्देश दिए थे. एक महीने बाद आज फिर जब परिवहन विभाग ने बस को रुकवा कर जांच की, तो परमिट ड्राइवर के पास नहीं था. साथ वर्दी में भी नहीं था.

यह तो रही थी बाल वाहिनी नियम
परिवहन विभाग को जो बसे नियम तोड़ती मिली. उनमें अधिकांश में बाल वाहिनी नहीं लिखा हुआ था. स्कूल ड्राइवर और कंडक्टर वर्दी में नहीं थे. बस पर पीछे स्कूल का एड्रेस नहीं लिखा हुआ था. बाल वाहिनियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका था. फिटनेस बसों के पास नहीं था. साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स भी बसों में नहीं मिले हैं. कंडक्टर ड्राइवर वर्दी में नहीं थे. साथ ही उनका नंबर भी बस के भीतर नहीं लिखा हुआ था. चाइल्ड लाइन का नंबर भी बसों में नहीं था.


Conclusion:एलपीजी से चलती मिली वैन
बच्चों को लाने और ले जाने में कई निजी स्कूलों में वैन भी लगी हुई है. जिनकी जांच भी आरटीओ टीम ने की. जिसमें सामने आया कि वैन अवैध एलपीजी से चलती मिली. एक वैन चालक बच्चों को ठूंस ठूंस कर लेकर जा रहा था. जैसे ही आरटीओ निरीक्षक ने रोकने का प्रयास किया, तो यह चालक वैन को भगाकर ले गया. ऐसे में उसका पंचनामा बनाया गया है. जिसे उसके घर भेजा जाएगा.


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बाइट-- बनवारीलाल लोदिया, निरीक्षक, आरटीओ, कोटा
बाइट-- बनवारीलाल लोदिया, निरीक्षक, आरटीओ, कोटा
बाइट-- बनवारीलाल लोदिया, निरीक्षक, आरटीओ, कोटा
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