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शराब ठेकेदारों को धमकाकर अवैध वसूली कर रहा था घूसखोर डीवाईएसपी

एसीबी द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार घूसखोर डीवाईएसपी ओमप्रकाश चंदेलिया शराब ठेकेदारों को डरा धमकाकर अवैध वसूली में लगा हुआ था. चंदेलिया शराब ठेकेदारों की दुकान को नहीं चलने देने और धंधा बंद करने की धमकी देता था.

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Published : Jun 6, 2019, 8:58 PM IST

एसीबी की गिरफ्त में आया घूसखोर डीवाईएसपी ओमप्रकाश चंदेलिया

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में आए घूसखोर लाखेरी पुलिस उप अधीक्षक के मामले में एक खुलासा हुआ है. आरोपी ओमप्रकाश चंदेलिया शराब ठेकेदारों को डरा धमकाकर अवैध वसूली में लगा हुआ था. चंदेलिया शराब ठेकेदारों की दुकान को नहीं चलने देने और धंधा बंद करने की धमकी देता था. जिसकी एक कॉल रिकॉर्डिंग भी सामने आई है. एसीबी को परिवाद देने वाले शराब ठेकेदार जोगेंद्र सिंह को भी आरोपी ने रिश्वत नहीं देने पर झूठा मुकदमा बनाकर फंसाने और दुकान पर ताला लगवाने की बात कही थी.

शराब ठेकेदारों को धमकाकर अवैध वसूली कर रहा था घूसखोर डीवाईएसपी

कोटा एसीबी की टीम पिछले 2 दिनों से रिश्वतखोर पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश को पकड़ने के लिए लगी हुई थी. आरोपी ने परिवादी जोगेंद्र सिंह से रिश्वत की राशि लेने के लिए हां भर दी. लेकिन आरोपी के ईद की ड्यूटी और अन्य कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते एसीबी ट्रैप की कार्रवाई नहीं कर पाई और टीम वापस कोटा लौट आई. लेकिन गुरुवार को एसीबी की टीम सुबह जल्दी लाखेरी पहुंच गई. परिवादी ने आरोपी के घर जाकर रिश्वत की राशि दी, तो एसीबी ने इशारा पाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

घूसखोर को गिरफ्तार करने के लिए एसीबी के एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार के नेतृत्व में बनी टीम में निरीक्षक अजीत बागडोलिया, दलवीर सिंह, कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह, भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, मनोज कुमार, देवेंद्र व हेमंत सिंह शामिल थे.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में आए घूसखोर लाखेरी पुलिस उप अधीक्षक के मामले में एक खुलासा हुआ है. आरोपी ओमप्रकाश चंदेलिया शराब ठेकेदारों को डरा धमकाकर अवैध वसूली में लगा हुआ था. चंदेलिया शराब ठेकेदारों की दुकान को नहीं चलने देने और धंधा बंद करने की धमकी देता था. जिसकी एक कॉल रिकॉर्डिंग भी सामने आई है. एसीबी को परिवाद देने वाले शराब ठेकेदार जोगेंद्र सिंह को भी आरोपी ने रिश्वत नहीं देने पर झूठा मुकदमा बनाकर फंसाने और दुकान पर ताला लगवाने की बात कही थी.

शराब ठेकेदारों को धमकाकर अवैध वसूली कर रहा था घूसखोर डीवाईएसपी

कोटा एसीबी की टीम पिछले 2 दिनों से रिश्वतखोर पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश को पकड़ने के लिए लगी हुई थी. आरोपी ने परिवादी जोगेंद्र सिंह से रिश्वत की राशि लेने के लिए हां भर दी. लेकिन आरोपी के ईद की ड्यूटी और अन्य कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते एसीबी ट्रैप की कार्रवाई नहीं कर पाई और टीम वापस कोटा लौट आई. लेकिन गुरुवार को एसीबी की टीम सुबह जल्दी लाखेरी पहुंच गई. परिवादी ने आरोपी के घर जाकर रिश्वत की राशि दी, तो एसीबी ने इशारा पाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

घूसखोर को गिरफ्तार करने के लिए एसीबी के एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार के नेतृत्व में बनी टीम में निरीक्षक अजीत बागडोलिया, दलवीर सिंह, कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह, भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, मनोज कुमार, देवेंद्र व हेमंत सिंह शामिल थे.

Intro:कोटा.
एसीबी ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किए लाखेरी के पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश चंदेलिया के मामले में खुलासा हुआ है कि वह शराब ठेकेदारों को डरा धमका कर अवैध वसूली में लगा हुआ था. वह शराब ठेकेदारों की दुकान को नहीं चलने देने और धंधा बंद करने की धमकी देता था. ऐसा उसकी कॉल रिकॉर्डिंग में भी सामने आया है. जिस शराब ठेकेदार जोगेंद्र सिंह ने उसकी शिकायत की है. उसको भी इसी तरह की धमकी पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश दे रहा था. पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश ने रिश्वत नहीं देने पर झूठा मुकदमा बनाकर फंसा देने और दुकान पर ताला लगवा देने की बात तक कह दी थी.


Body:ईद की ड्यूटी थी इसलिए बच गया
कोटा एसीबी की टीम पिछले 2 दिनों से रिश्वतखोर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश को पकड़ने के लिए लगी हुई थी, रिश्वतखोर डीवाईएसपी ओमप्रकाश ने परिवादी शराब ठेकेदार जोगेंद्र सिंह से रिश्वत की राशि लेने के लिए तो हां भर दी, लेकिन वह कभी ईद की ड्यूटी या कभी अन्य कार्यक्रम की वजह से व्यस्त था. इसकी वजह से 2 दिनों से एसीबी की टीम उसके पीछे पीछे घूमती रही. एसीबी के एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार के नेतृत्व में बनी इस टीम में निरीक्षक अजीत बागडोलिया व दलवीर सिंह, कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह, भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, मनोज कुमार, देवेंद्र व हेमंत सिंह शामिल थे.


Conclusion:आज सुबह जल्दी पहुंच गई लाखेरी
रिश्वतखोर पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश के व्यस्त होने के चलते कल एसीबी ट्रैप की कार्रवाई नहीं कर पाई. ऐसे में देर एसीबी की पूरी टीम वापस कोटा गई और आज सुबह जल्दी ही लाखेरी के लिए दोबारा निकल गई. सुबह परिवादी ने जैसे ही ओम प्रकाश को फोन किया तो उसने तुरंत रिश्वत की राशि लेकर अपने घर पर ही बुला लिया है. परिवादी रिश्वत की राशि देकर आया और उसने एसीबी की टीम को इशारा कर दिया है इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने 8:45 बजे जाकर धावा बोल दिया और रिश्वतखोर ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया.
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