कोटा. पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है. मेडिकल स्टाफ, पुलिस और सफाई कर्मी के अलावा कई अलग-अलग तरह के कोरोना वारियर्स मैदान में हैं. जो जी जान से पूरे देश से कोरोना को भगाने के लिए जूझ रहे हैं. ऐसे ही वारिसर्स कोटा मेडिकल कॉलेज के श्वास रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र ताखर और डॉ. विनोद जांगिड़ शामिल है. जिन्होंने 14 दिन कोरोना से फील्ड में जंग लड़ी, नियमों के अनुसार 14 दिन के लिए उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया है, ताकि वे फिर मैदान में आकर कोरोना से लड़े, लेकिन इस बीच भी उन्होंने कोरोना जंग में शामिल रहने का ही निश्चय किया है.
पीएम केयर फंड्स में करे दान
वे होम क्वॉरेंटाइन के दौरान श्वास रोग से संबंधित बीमारी को ऑनलाइन निशुल्क परामर्श दे रहे हैं. व्हाट्सएप के जरिए उनसे पर्चा मंगाते हैं और फिर उन्हें निशुल्क उपचार बताते हैं. मरीजों को किसी भी तरह की कोई समस्या तकलीफ है तो वह व्हाट्सएप पर ही उनसे पूछ लेते हैं और उसके अनुसार उन्हें परामर्श दे रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही पीएम फंड के लिए भी वह पैसा जुटा रहे हैं. जो समर्थ मरीज है, उनसे अपील कर रहे हैं कि हमें फीस देने की जगह पीएम केयर फंड्स में दान दें.
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रैपिड रिस्पांस टीम भी संभाली
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र ताखर और डॉ. विनोद जांगिड़ दोनों ही कोरोना वारियर है. जो रैपिड रिस्पांस टीम में शामिल थे। दोनों ही चिकित्सक कोरोना के हॉटस्पॉट और एपी सेंटर पर जाकर नमूने लेने वाली स्क्रीनिंग टीम को लीड कर रहे थे. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 14 दिन लगातार काम करने के बाद अब इन्हें होम क्वॉरेंटाइन कर दिया है. ऐसे में यह अपने परिवार के साथ है लेकिन मरीजों को व्हाट्सएप के जरिए निशुल्क परामर्श दे रहे हैं.
श्वास रोग में लंबा उपचार, फॉलोअप जरूरी
डॉ. जांगिड़ ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि श्वास रोग के मरीजों का लंबा उपचार चलता है. उन्हें लगातार फॉलोअप के लिए आना पड़ता है. ऐसे में मरीजों की मदद करने के लिए ही हमने व्हाट्सएप के जरिए इस तरह की मुहिम शुरू की है, हालांकि पूरे देश भर में लॉकडाउन है. लोग गांवों में फंसे हुए हैं या छोटे कस्बे में है, जो शहर में नहीं आ सकते हैं. इसके अलावा हम लोग भी मरीजों को नहीं बुला रहे हैं. उन्हें फोन पर या व्हाट्सएप के जरिए ही सलाह लेने के लिए कह रहे हैं.
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फीस का कई गुना पैसा PM केयर फंड्स में
डॉ. ताखर ने बताया कि अब तक 40 से ज्यादा मरीजों को निशुल्क उपचार व्हाट्सएप के जरिए बीते 4 दिनों में दे चुके हैं.इसके अलावा जो समर्थ मरीज थे उनसे अपील की हैं कि वह अगर फीस देना चाहते हैं, तो उसको पीएम केयर फंड में दें. जिसके लिए उन्हें डिटेल्स भेज देते हैं. ऐसे में सैकड़ों मरीजों ने हजारों रुपए पीएम केयर फंड में दिए हैं, कुछ मरीज तो फीस का 10 गुना इस पीएम फंड में दे रहे हैं.