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राजस्थान सरकार ने जिन्हें बच्चों की मौत का ठहराया था दोषी, उन्हें फिर जेके लोन अस्पताल का बनाया अधीक्षक

राजस्थान सरकार ने 2019 में बच्चों की मौत के मामले में जिन्हें पद से हटाया था, अब उन्हें फिर से जेके लोन अस्पताल का अधीक्षक बनाया गया है. जेके लोन अस्पताल में डॉ. एचएल मीणा को कार्यभार सौंपा गया है.

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दोषी को ही बनाया जेके लोन अस्पताल का अधीक्षक
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Published : Jun 15, 2021, 11:06 PM IST

कोटा. सरकार ने मेडिकल कॉलेज कोटा के जेकेलोन और रामपुरा अस्पताल में नये अधीक्षक तैनात किए हैं. जेके लोन अस्पताल में डॉ. एचएल मीणा को कार्यभार सौंपा गया है. जिन्हें 2019 में बच्चों की मौत के बाद हटा दिया गया था. साथ ही बाद में उनका स्थानांतरण भी कोटा से अजमेर मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया था. रामपुरा अस्पताल में पैथोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हें भी अधीक्षक बनाया गया है.

कोटा राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज कोटा के जेकेलोन और रामपुरा अस्पताल में नए अधीक्षक तैनात किए हैं. जेके लोन अस्पताल में डॉ. एचएल मीणा को कार्यभार सौंपा गया है. इसके साथ ही उन्हें जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक मूंदड़ा की जगह उन्हें अधीक्षक पद पर तैनात किया है. वहीं कोटा मेडिकल कॉलेज के ही रामपुरा अस्पताल में पैथोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार सिंह को अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. रामपुरा अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक के रूप में एमबीएस के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ही व्यवस्था संभाले हुए थे.

पढ़ें: JK लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला : नर्सिंग अधीक्षक को हटाया, मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए दो नर्सिंग अधीक्षक

डॉ. मूंदड़ा ने बनते हैं पद छोड़ने की इच्छा की थी जाहिर

अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए डॉ. एचएल मीणा को अधीक्षक पद से हटा दिया था. इसके बाद डॉ. एससी दुलारा को अधीक्षक बना दिया था, लेकिन 2020 में फिर बच्चों की मौत दिसंबर महीने में उजागर हुई. इसके बाद अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा पर भी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने फॉरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. अशोक मूंदड़ा को अधीक्षक बना दिया था. डॉ. मूंदड़ा ने अधीक्षक बनने के 5 से 7 दिन में ही अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर कर दी थी. उन्हें अधीक्षक बने हुए महज 6 महीने ही हुए हैं, लेकिन वह अपने पद को छोड़ने की बात कह रहे थे.

कोटा. सरकार ने मेडिकल कॉलेज कोटा के जेकेलोन और रामपुरा अस्पताल में नये अधीक्षक तैनात किए हैं. जेके लोन अस्पताल में डॉ. एचएल मीणा को कार्यभार सौंपा गया है. जिन्हें 2019 में बच्चों की मौत के बाद हटा दिया गया था. साथ ही बाद में उनका स्थानांतरण भी कोटा से अजमेर मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया था. रामपुरा अस्पताल में पैथोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हें भी अधीक्षक बनाया गया है.

कोटा राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज कोटा के जेकेलोन और रामपुरा अस्पताल में नए अधीक्षक तैनात किए हैं. जेके लोन अस्पताल में डॉ. एचएल मीणा को कार्यभार सौंपा गया है. इसके साथ ही उन्हें जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक मूंदड़ा की जगह उन्हें अधीक्षक पद पर तैनात किया है. वहीं कोटा मेडिकल कॉलेज के ही रामपुरा अस्पताल में पैथोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार सिंह को अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. रामपुरा अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक के रूप में एमबीएस के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ही व्यवस्था संभाले हुए थे.

पढ़ें: JK लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला : नर्सिंग अधीक्षक को हटाया, मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए दो नर्सिंग अधीक्षक

डॉ. मूंदड़ा ने बनते हैं पद छोड़ने की इच्छा की थी जाहिर

अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए डॉ. एचएल मीणा को अधीक्षक पद से हटा दिया था. इसके बाद डॉ. एससी दुलारा को अधीक्षक बना दिया था, लेकिन 2020 में फिर बच्चों की मौत दिसंबर महीने में उजागर हुई. इसके बाद अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा पर भी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने फॉरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. अशोक मूंदड़ा को अधीक्षक बना दिया था. डॉ. मूंदड़ा ने अधीक्षक बनने के 5 से 7 दिन में ही अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर कर दी थी. उन्हें अधीक्षक बने हुए महज 6 महीने ही हुए हैं, लेकिन वह अपने पद को छोड़ने की बात कह रहे थे.

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