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कोटाः 150 करोड़ की लागत से बना सुपर स्पेशलिटी विंग अनदेखी के कारण फांक रहा धूल

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Published : Feb 11, 2020, 11:52 PM IST

कोटा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 150 करोड़ की लागत से बनी सुपर स्पेशलिटी विंग पिछले डेढ़ साल से धूल खा रही है. सुपर स्पेशलिटी के नोडल अधिकारी ने बताया कि इसको चालू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसमें करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अभी टेक्निकल काम चल रहा है.

कोटा में 5 मंजिला सुपरस्पेशलिटी विंग, Kota News
150 करोड़ की लागत से बनी सुपर स्पेशलिटी विंग अनदेखी के कारण खा रही धूल

कोटा. जिले के जेकेलोन अस्पताल में मासूमों की मौैत ने राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बावजूद सरकार हालातों को लेकर चितिंत नहीं है. सरकार की उपेक्षा के कारण 150 करोड़ रुपए से तैयार सुपर स्पेशलिटी विंग एक साल से बनकर तैयार है, लेकिन चालू नहीं होने के चलते धूल फांक रही है.

150 करोड़ की लागत से बनी सुपर स्पेशलिटी विंग अनदेखी के कारण खा रही धूल

2018 में 5 मंजिला सुपर स्पेशलिटी भवन बनकर हुआ था तैयार

मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 2018 में 5 मंजिला सुपर स्पेशलिटी विंग तैयार होकर खड़ा है. हालांकि, इसके तल घर में औपचारिक उद्घाटन कर आउटडोर वार्ड शुरू हुए थे. इसमें कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और पीडियाट्रिक सर्जरी सहित 9 डिपार्टमेंट हैं, जो अभी नए अस्पताल के परिसर में चल रहे हैं.

पढ़ें- SPECIAL : चित्तौड़गढ़ में मत्स्याखेट में टूटते नियम, गंभीरी एनीकट की भी तोड़ दी दीवार

जानकारी के अनुसार नए अस्पताल में वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए कोई माकूल व्यवस्था नहीं है. समुचित व्यवस्थाओं की जगह जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है. हालात यह है कि मरीजों को उपचार के लिए बेड तक नसीब नहीं है. एक बेड पर 2-2 महिलाओं का उपचार करना पड़ रहा है. कई प्रसूताओं को तो फर्श पर ही उपचार कराना पड़ रहा है. बच्चों के वार्ड भी हाउसफुल हैं.

सुपर स्पेशलिटी विंग में कार्डियोलॉजी वार्ड के आउटडोर में दिखाए आए मरीज के परिजनों ने भी इसको जल्द चालू करने की बात कही और कहा कि सुपर स्पेशलिटी जल्द चालू होती है तो कोटा शहर और इसके आसपास के क्षेत्रवासियों को एक नई सौगात मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसके चालू हो जाने के बाद कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी.

पढ़ें- SPECIAL : झुंझुनू में लहलहाने लगी काले गेहूं की फसल...रंग लाई किसानों की मेहनत

मरीजों के परिजनों का कहना है कि आउटडोर वार्ड सुपर स्पेशलिटी में है और अभी मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है. अगर यह चालू हो जाए तो मरीज भी यहीं भर्ती हो सकते हैं.

सुपर स्पेशलिटी के नोडल अधिकारी डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि इसको चालू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी राज्य सरकार से बात हुई है जल्द ही इसको चालू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अभी टेक्निकल काम चल रहा है.

पढ़ें- स्पेशल: डिप्टी CM पायलट के क्षेत्र में ही बालिका लिंगानुपात में भारी गिरावट...एक रिपोर्ट

न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि अभी बिल्डिंग का चार्ज लेने का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से आदेश आते ही इसको चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गेस्ट्रोलॉजी और नेफ्रोलॉजी वार्ड जल्द शुरू कर दिए जाएंगे, जिससे कोटावासियों को नई सौगाद मिलेगी.

कोटा. जिले के जेकेलोन अस्पताल में मासूमों की मौैत ने राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बावजूद सरकार हालातों को लेकर चितिंत नहीं है. सरकार की उपेक्षा के कारण 150 करोड़ रुपए से तैयार सुपर स्पेशलिटी विंग एक साल से बनकर तैयार है, लेकिन चालू नहीं होने के चलते धूल फांक रही है.

150 करोड़ की लागत से बनी सुपर स्पेशलिटी विंग अनदेखी के कारण खा रही धूल

2018 में 5 मंजिला सुपर स्पेशलिटी भवन बनकर हुआ था तैयार

मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 2018 में 5 मंजिला सुपर स्पेशलिटी विंग तैयार होकर खड़ा है. हालांकि, इसके तल घर में औपचारिक उद्घाटन कर आउटडोर वार्ड शुरू हुए थे. इसमें कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और पीडियाट्रिक सर्जरी सहित 9 डिपार्टमेंट हैं, जो अभी नए अस्पताल के परिसर में चल रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार नए अस्पताल में वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए कोई माकूल व्यवस्था नहीं है. समुचित व्यवस्थाओं की जगह जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है. हालात यह है कि मरीजों को उपचार के लिए बेड तक नसीब नहीं है. एक बेड पर 2-2 महिलाओं का उपचार करना पड़ रहा है. कई प्रसूताओं को तो फर्श पर ही उपचार कराना पड़ रहा है. बच्चों के वार्ड भी हाउसफुल हैं.

सुपर स्पेशलिटी विंग में कार्डियोलॉजी वार्ड के आउटडोर में दिखाए आए मरीज के परिजनों ने भी इसको जल्द चालू करने की बात कही और कहा कि सुपर स्पेशलिटी जल्द चालू होती है तो कोटा शहर और इसके आसपास के क्षेत्रवासियों को एक नई सौगात मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसके चालू हो जाने के बाद कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी.

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मरीजों के परिजनों का कहना है कि आउटडोर वार्ड सुपर स्पेशलिटी में है और अभी मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है. अगर यह चालू हो जाए तो मरीज भी यहीं भर्ती हो सकते हैं.

सुपर स्पेशलिटी के नोडल अधिकारी डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि इसको चालू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी राज्य सरकार से बात हुई है जल्द ही इसको चालू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अभी टेक्निकल काम चल रहा है.

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न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि अभी बिल्डिंग का चार्ज लेने का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से आदेश आते ही इसको चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गेस्ट्रोलॉजी और नेफ्रोलॉजी वार्ड जल्द शुरू कर दिए जाएंगे, जिससे कोटावासियों को नई सौगाद मिलेगी.

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