कोटा. जिले में हाड़ौती नेचरलिस्ट सोसाइटी की ओर से सोमवार को बर्ड फेयर आयोजित किया गया. उम्मेदगंज पक्षी विहार में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि स्कूली बच्चों की जागरूकता और पक्षियों के प्रति उनका आकर्षण बढ़े, देश विदेश से आए प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों के बारे में स्कूली बच्चें जान और उनके बारे में समझ सकें. यह बर्ड फेयर दो दिन तक चलेगा.
बता दें कि इस बर्ड फेयर में बडी संख्या में जहां पक्षी विशेषज्ञ पहुंचे और कार्यक्रम में आए सभी स्कूली बच्चों को पक्षियों के बारे में भिन्न-भिन्न जानकारियां दी और बताया कि प्रकृति में पक्षियों का क्या महत्व है. वह अपने दिनचर्या कैसे पूरी करते है और अपने परिवार के साथ किस तरह से रहते है. साथ ही बताया कि किस पक्षी की क्या खासियत है, कौन से पक्षी की क्या पहचान है, शाकाहारी और मांसहारी पक्षी कौन-कौन से है.
पढ़ें- कोटा: निशुल्क कन्या विवाह के साथ हुआ नानी बाई के मायरे का समापन
इधर, भरतपुर से आए पक्षी विशेषज्ञ भोलू अबरार खान ने बताया कि कोटा में पक्षियों के लिए पानी की कोई कमी नहीं है, जहां पानी उपलब्ध है, वहां पक्षियों के लिए भोजन के रूप में वेटलैंड शानदार होता है. हालांकि भोलू अबरार ने कहा कि उम्मेदगंज पक्षी विहार में पानी के बीच पेड़ों की कमी है. अगर यह व्यवस्था हो जाए, तो बडी संख्या में पक्षी पानी के साथ बर्डवॉचिंग के लिए उपर पेडों पर बैठे नजर आए और उनकी साइटिंग करने में आसानी हो जाए.
वहीं, पक्षी प्रेमी एएच जैदी ने कहा कि मौजूदा समय में उम्मेदगंज पक्षी विहार में 5 हजार से ज्यादा पक्षियों ने अपना डेरा यहां डाल रखा है. बर्ड फेयर में पहले दिन सांगोद विधायक व पर्यावरण प्रेमी भरत सिंह कुंदनपुर भी पहुंचे और उन्होंने राजस्थान में उम्मेदगंज को पक्षियों के प्रवास का बड़ा स्थल बताया. यहां आए स्कूली बच्चों को पक्षी विशेषज्ञों ने दूरबीन के जरिए तरह-तरह के पक्षी दिखाई. साथ ही बर्ड वॉचरों ने यहां पक्षियों की जमकर फोटोग्राफी की.
पढ़ें- कोटाः फूलमाली समाज ने DIG को सौंपा ज्ञापन, SHO को हटाने की मांग
इस मौके पर वन्यजीव मंडल के उपवन सरंक्षक बिजो जॉय, सहायक उपवन संरक्षक अनुराग भटनागर, वनकर्मी बुधराम जाट, मनोज शर्मा, बर्ड वॉचर आरएस तोमर आदि मौजूद रहे. बता दें कि मंगलवार को बर्ड फेयर में स्कूली बच्चों को पक्षियों के संरक्षण पर कॉफ्रेंस होगी, जिसमें पक्षी विशेषज्ञ अपने सुझाव देंगे और पक्षियों के संरक्षण की जानकारियां भी साझा करेंगे.