कोटा. बारां जिले में हुए कलेक्टर पीए घूस कांड मामले में शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने न्यायालय में चालान पेश किया है. जिसमें बारां के पूर्व कलेक्टर और निलंबित आईएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव और पीए महावीर को आरोपी माना है. एसीबी ने कोर्ट में पेश किए 565 पेज के आरोप पत्र में कई ट्रांसक्रिप्ट भी लगाई है. जिसमें रिश्वत मांग के दौरान हुए भ्रष्टाचार की पूरी काली कहानी को दर्शाया है.
एसीबी की तरफ से इस मामले के सह जांच अधिकारी रमेश आर्य न्यायालय में पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने आरोप पत्र दाखिल करा दिया, जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में 19 गवाहों को बनाया गया है. एसीबी ने अपनी पूरी जांच कर जो आरोप पत्र दाखिल किया है, उसमें बताया है कि मिलीभगत से ही बारां जिले में कलेक्टर और पीए घूस ले रहे थे, जिसकी काफी राशि उन्हीं के पास जमा भी है.
परिवादी के भाई से भी लिए थे पैसे, उसकी भी ट्रांसक्रिप्ट आरोप-पत्र में
एसीबी ने इस पूरे मामले में परिवादी गोविंद सिंह के बड़े भाई गजेंद्र सिंह से ली गई रिश्वत की भी पूरी ट्रांसक्रिप्ट लगाई है. जिसमें गजेंद्र सिंह का भी अटरू में पेट्रोल पंप था. उसी तरह से उसकी भी लीज खत्म हो गई थी. इसके रिन्यूअल के लिए यह महावीर नागर ने जिला कलेक्टर के लिए 2 लाख 40 हजार रुपए लिए थे. इस दौरान आरोपी महावीर नागर और गजेंद्र सिंह के बीच हुई बातचीत की पूरी ट्रांसक्रिप्ट भी आरोप पत्र के साथ ही दाखिल की गई है. जिसमें पहले से भी रिश्वत के मामलों में संलग्न होने की बात सामने आ रही है.
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एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 9 दिसंबर को बारां के तत्कालीन जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव के पीए महावीर नागर को रिश्वत राशि 1 लाख 40 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही इसी दिन जिला कलेक्टर के मोबाइल को भी जब्त कर लिया था. इस दिन ही पीएम महावीर नागर को भी गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जिला कलेक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया था. बाद में उनको गिरफ्तार किया गया. तब से ही दोनों आरोपी जेल में हैं. इंद्र सिंह राव करीब 40 और पीए महावीर नागर 55 दिनों से जेल में बंद हैं.
वॉइस सैंपल देने से कर दिया था इनकार
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पास निलंबित आईएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव और उनके बारां कलेक्टर रहते हुए पीए रहे महावीर नागर के बीच हुई कॉल डिटेल्स थी. इन कॉल डिटेल्स में वॉइस सैंपल का मिलान एसीबी के अधिकारी करना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि वह आरोपी इंद्र सिंह राव और महावीर नागर का वॉयस सैंपल लेना चाहते हैं, लेकिन दोनों ने ही न्यायालय में वॉइस सैंपल देने से इनकार कर दिया था. इस दौरान एफएसएल टीम भी न्यायालय में पहुंची थी, जिसे भी बैरंग लौटना पड़ा था.