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सौतेली मां से परेशान बालिका पहुंची शेल्टर होम, कहा- घर का काम करवाने के बाद भी नहीं देती खाना

कोटा में सौतेली मां से परेशान होकर एक बालिका के शेल्टर होम पहुंचने का मामला सामने आया है. यहां बालिका ने सौतेली मां पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि घर का सारा काम करवाने के बाद भी सौतेली मां उसे खाना तक नहीं देती है और मारपीट भी की जाती है.

girl reached the shelter home in kota
कोटा में सौतेली मां से परेशान होकर बालिका पहुंची शेल्टर होम
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Published : Nov 6, 2021, 7:37 PM IST

कोटा. नांता स्थित बालिका गृह में 16 वर्षीय बालिका ने खुद को शेल्टर करवाने की मांग का मामला सामने आया है. बालिका ने अपनी सौतेली मां पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उससे घर का पूरा काम करवाया जाता है. साथ ही उसे खाना भी नहीं दिया जाता और मारपीट भी की जाती है. इसके बाद बालिका को शेल्टर होम में आश्रय दिया गया है.

मामले के अनुसार बूंदी निवासी एक बालिका शनिवार को बालिका गृह पहुंची. जिसे बालिका गृह के स्टाफ ने कुन्हाड़ी पुलिस थाने भेज दिया. वहां पर पुलिसकर्मियों ने बालिका को वापस घर जाने के लिए समझाया. लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद भी बालिका नहीं मानी. इसके बाद पुलिस बालिका को लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंची. जहां पर उसकी काउंसलिंग की गई. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि बालिका ने काउंसलिंग में बताया कि बूंदी से उसके पिता ने ही उसे बस में बैठा कर बुआ के यहां पर भेजा था.

लेकिन वह वहां भी नहीं जाना चाहती. आज उसने बताया कि सौतेली मां के दो भाई हैं. वह खाना खाते हैं स्कूल पढ़ने भी जाते हैं. लेकिन मेरी सौतेली मां ने मेरा स्कूल भी छुड़वा दिया. पिता भी सौतेली मां के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनना चाहते हैं. जबकि घर का सारा काम उसकी सौतेली मां उससे करवाती है. इसके बाद भी खाना नहीं देती और मारपीट भी करती है.

पढ़ें. Kota Thermal Units: संकट में मदद करने वाले थर्मल की 4 इकाइयां बंद...क्षमता का केवल 30 फ़ीसदी ही उत्पादन

साथ ही उसने बताया कि मैं सौतेली मां के व्यवहार से काफी दुखी हूं. उसे अपनी बुआ के घर इंद्र विहार कोटा भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि मैं घर वापस नहीं जाना चाहती हूं. बालिका का कहना है कि उसकी उम्र अभी 16 साल है. वह जब तक 18 साल की नहीं हो जाती तबतक वह बालिका गृह में ही रहना चाहती है. इसके बाद बालिका को राजकीय शेल्टर होम में ही आश्रय दिया गया है.

यूपी के सहारनपुर से दो अनाथ बहने भी पहुंची कोटा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से भी दो बहनों के कोटा पहुंचने का मामला सामने आया है. जिनको जीआरपी पुलिस ने गोल्डन टेंपल मेल ट्रेन से शुक्रवार को रेस्क्यू किया. दोनों बहनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया है. इसके बाद उन्हें आश्रय स्थल में शेल्टर करवाया गया है. साथ ही सहारनपुर पुलिस को भी इस संबंध में सूचना दी गई है. क्योंकि सहारनपुर पुलिस थाने में दोनों बहनों की गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ है.

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि दोनों बच्चियां पहले लखनऊ शेल्टर होम में थी. इसके बाद उन्हें कानपुर और फिर सहारनपुर भेजा था. साथ ही बालिकाओं का कहना है कि उन्हें अपने माता-पिता के बारे में कुछ भी नहीं पता है. एक बालिका की उम्र 16 और दूसरी ने 17 साल बताई है. एक कक्षा 6 और दूसरी कक्षा 9 में पढ़ती है. बालिकाओं का यह भी कहना है कि प्राइवेट शेल्टर होम वाले उनकी शादी करना चाहते थे. इसलिए दोनों बहने ट्रेन में बैठकर रवाना हो गई. फातिमा ने बताया कि इन दोनों बालिकाओं के उम्र और अन्य संबंधित डाक्यूमेंट्स मंगवाए गए हैं.

कोटा. नांता स्थित बालिका गृह में 16 वर्षीय बालिका ने खुद को शेल्टर करवाने की मांग का मामला सामने आया है. बालिका ने अपनी सौतेली मां पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उससे घर का पूरा काम करवाया जाता है. साथ ही उसे खाना भी नहीं दिया जाता और मारपीट भी की जाती है. इसके बाद बालिका को शेल्टर होम में आश्रय दिया गया है.

मामले के अनुसार बूंदी निवासी एक बालिका शनिवार को बालिका गृह पहुंची. जिसे बालिका गृह के स्टाफ ने कुन्हाड़ी पुलिस थाने भेज दिया. वहां पर पुलिसकर्मियों ने बालिका को वापस घर जाने के लिए समझाया. लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद भी बालिका नहीं मानी. इसके बाद पुलिस बालिका को लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंची. जहां पर उसकी काउंसलिंग की गई. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि बालिका ने काउंसलिंग में बताया कि बूंदी से उसके पिता ने ही उसे बस में बैठा कर बुआ के यहां पर भेजा था.

लेकिन वह वहां भी नहीं जाना चाहती. आज उसने बताया कि सौतेली मां के दो भाई हैं. वह खाना खाते हैं स्कूल पढ़ने भी जाते हैं. लेकिन मेरी सौतेली मां ने मेरा स्कूल भी छुड़वा दिया. पिता भी सौतेली मां के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनना चाहते हैं. जबकि घर का सारा काम उसकी सौतेली मां उससे करवाती है. इसके बाद भी खाना नहीं देती और मारपीट भी करती है.

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साथ ही उसने बताया कि मैं सौतेली मां के व्यवहार से काफी दुखी हूं. उसे अपनी बुआ के घर इंद्र विहार कोटा भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि मैं घर वापस नहीं जाना चाहती हूं. बालिका का कहना है कि उसकी उम्र अभी 16 साल है. वह जब तक 18 साल की नहीं हो जाती तबतक वह बालिका गृह में ही रहना चाहती है. इसके बाद बालिका को राजकीय शेल्टर होम में ही आश्रय दिया गया है.

यूपी के सहारनपुर से दो अनाथ बहने भी पहुंची कोटा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से भी दो बहनों के कोटा पहुंचने का मामला सामने आया है. जिनको जीआरपी पुलिस ने गोल्डन टेंपल मेल ट्रेन से शुक्रवार को रेस्क्यू किया. दोनों बहनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया है. इसके बाद उन्हें आश्रय स्थल में शेल्टर करवाया गया है. साथ ही सहारनपुर पुलिस को भी इस संबंध में सूचना दी गई है. क्योंकि सहारनपुर पुलिस थाने में दोनों बहनों की गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ है.

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि दोनों बच्चियां पहले लखनऊ शेल्टर होम में थी. इसके बाद उन्हें कानपुर और फिर सहारनपुर भेजा था. साथ ही बालिकाओं का कहना है कि उन्हें अपने माता-पिता के बारे में कुछ भी नहीं पता है. एक बालिका की उम्र 16 और दूसरी ने 17 साल बताई है. एक कक्षा 6 और दूसरी कक्षा 9 में पढ़ती है. बालिकाओं का यह भी कहना है कि प्राइवेट शेल्टर होम वाले उनकी शादी करना चाहते थे. इसलिए दोनों बहने ट्रेन में बैठकर रवाना हो गई. फातिमा ने बताया कि इन दोनों बालिकाओं के उम्र और अन्य संबंधित डाक्यूमेंट्स मंगवाए गए हैं.

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