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पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रही पत्नी को कोर्ट ने किया बरी...ये है पूरा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारवास की सजा काट रही पत्नी को बरी कर रिहा करने के आदेश दिए (Wife acquitted in husband murder case) हैं. पत्नी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोकरण जिला जैसलमेर ने आजीवन कारवास की सजा दी थी.

Wife acquitted in husband murder case by Rajasthan High Court
पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रही पत्नी को कोर्ट ने किया बरी...ये है पूरा मामला
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Published : Jul 4, 2022, 9:59 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने अपने ही पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रही महिला की अपील पर सुनवाई करते हुए उसे आरोपों से बरी करते हुए रिहा करने का आदेश दिया (Wife acquitted in husband murder case) है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता महिला की ओर से डॉ. सचिन आचार्य व उनके सहयोगी राहुल राजपुरोहित ने पक्ष रखा. जिसको हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई.

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसका विवाह जैसलमेर के रमजान खान के साथ हुआ था. वर्तमान में वह अपने ही पति रमजान की हत्या के आरोप में जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रही है. मामले के अनुसार रमजान खान के चचेर भाई ने पोकरण पुलिस स्टेशन में 10 सितम्बर, 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उसका चचेरा भाई रमजान 10-12 दिन से गायब है.

पढ़ें: गैंगस्टर सुभाष बराल 15 साल पुराने मुकदमे में बरी, लेकिन रहना होगा जेल में ही

11 सितम्बर, 2012 को चचेर भाई ने एक लिखित रिपोर्ट देते हुए आरोप लगाया कि उसके चचेरे भाई मृतक रमजान की पत्नि के बशीर खान से अवैध संबंध थे, जिसकी वजह से रमजान नाराज था. इसी वजह से पत्नी व बशीर ने रमजान की हत्या कर शव को दफना दिया. जिस पर पुलिस ने एसडीएम से अनुमति लेकर शव को कब्र से बाहर निकाला और मामले में जांच शुरू कर दी.

पढ़ें: अजमेर: एसओजी निरीक्षक से मारपीट मामले में नहीं मिला कोई ठोस सबूत, रुपेंद्र पाल को कोर्ट ने किया बरी

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोकरण जिला जैसलमेर ने 12 मार्च, 2019 को महिला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिये थे. जिसको हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई. प्रार्थी के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि यह सबकुछ रमजान की सम्पति के लिए हुआ, ताकि रमजान की हत्या के मामले में पत्नी के जेल जाने के बाद उसके पुत्र अब्दुल रहमान को भी गायब कर दिया गया है, जो कि केस में चश्मदीद गवाह भी था. केवल उसकी गवाही करवाकर प्रार्थी को फंसाया गया है.

पढ़ें: जेल से सीएम और राज्यपाल से मांगी थी फिरौती, हाईकोर्ट ने किया बरी

मेडिकल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि मृतक का शव पूरी तरह से गल चुका है और शरीर पर चोट के निशान भी नहीं हैं. ऐसी अवस्था में उसका विसरा लेकर एफएसएल के लिए भेजा गया था. मेडिकल बोर्ड में भी हत्या का खुलासा नहीं हुआ है. जिसको देखते हुए साफ है कि रमजान खान की सम्पति को लेकर यह साजिश है. कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखते हुए रमजान खान की पत्नी को बरी करने का आदेश दिया है. वहीं, अधीनस्थ अदालत के आदेश को अपास्त कर दिया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने अपने ही पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रही महिला की अपील पर सुनवाई करते हुए उसे आरोपों से बरी करते हुए रिहा करने का आदेश दिया (Wife acquitted in husband murder case) है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता महिला की ओर से डॉ. सचिन आचार्य व उनके सहयोगी राहुल राजपुरोहित ने पक्ष रखा. जिसको हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई.

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसका विवाह जैसलमेर के रमजान खान के साथ हुआ था. वर्तमान में वह अपने ही पति रमजान की हत्या के आरोप में जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रही है. मामले के अनुसार रमजान खान के चचेर भाई ने पोकरण पुलिस स्टेशन में 10 सितम्बर, 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उसका चचेरा भाई रमजान 10-12 दिन से गायब है.

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11 सितम्बर, 2012 को चचेर भाई ने एक लिखित रिपोर्ट देते हुए आरोप लगाया कि उसके चचेरे भाई मृतक रमजान की पत्नि के बशीर खान से अवैध संबंध थे, जिसकी वजह से रमजान नाराज था. इसी वजह से पत्नी व बशीर ने रमजान की हत्या कर शव को दफना दिया. जिस पर पुलिस ने एसडीएम से अनुमति लेकर शव को कब्र से बाहर निकाला और मामले में जांच शुरू कर दी.

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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोकरण जिला जैसलमेर ने 12 मार्च, 2019 को महिला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिये थे. जिसको हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई. प्रार्थी के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि यह सबकुछ रमजान की सम्पति के लिए हुआ, ताकि रमजान की हत्या के मामले में पत्नी के जेल जाने के बाद उसके पुत्र अब्दुल रहमान को भी गायब कर दिया गया है, जो कि केस में चश्मदीद गवाह भी था. केवल उसकी गवाही करवाकर प्रार्थी को फंसाया गया है.

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मेडिकल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि मृतक का शव पूरी तरह से गल चुका है और शरीर पर चोट के निशान भी नहीं हैं. ऐसी अवस्था में उसका विसरा लेकर एफएसएल के लिए भेजा गया था. मेडिकल बोर्ड में भी हत्या का खुलासा नहीं हुआ है. जिसको देखते हुए साफ है कि रमजान खान की सम्पति को लेकर यह साजिश है. कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखते हुए रमजान खान की पत्नी को बरी करने का आदेश दिया है. वहीं, अधीनस्थ अदालत के आदेश को अपास्त कर दिया है.

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