जोधपुर. राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश में लोग सहयोग राशि भेंट कर रहे हैं. श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान के तहत राशि जुटाने में जोधपुर जिला लगातार आगे है. अब तक 100 करोड रुपए से ज्यादा की निधि यहां जुटाई जा चुकी है. देखिये यह खास रिपोर्ट
खास बात ये है कि जोधपुर में भगवान राम के समर्थन में लोग अपना सब कुछ न्योछावर कर रहे हैं. ऐसा ही वाकया गत दिनों का है जब एक महिला ने अपने परिवार से अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त की. महिला ने कहा था कि उसकी मृत्यु के बाद उसके पूरे आभूषण भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए भेंट कर दिए जाएं. आखिरी इच्छा जताने के दूसरे दिन यानी 4 फरवरी को महिला की मौत हो गई. परिजनों ने अंतिम इच्छा को पूरा किया और श्रीराम मंदिर निर्माण निधि जुटाने वाले दल से संपर्क किया.
महिला का परिवार सभी आभूषण राम मंदिर के लिए दान करना चाहता था लेकिन निधि संकलित करने वालों ने कहा कि वे सिर्फ नकद या चेक से ही राशि स्वीकार कर सकते हैं. ऐसे में परिवार ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने के तुरंत बाद गहने बेचकर 7 लाख 9 हजार रुपए इकट्ठे किए और श्रीराम मंदिर के लिए दान कर दिए.
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मामला जोधपुर के सूरसागर इलाके का है. यहां रहने वाले विजय सिंह गौड़ की पत्नी आशा कंवर का 4 फरवरी को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. अपना आखिरी समय करीब देखकर आशा देवी ने 1 फरवरी को अपने पति और बेटे के सामने अंतिम इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि उनकी मौत के बाद उनके सभी गहने भगवान राम के मंदिर के लिए दान कर दिए जाएं. परिजनों ने भी आशा देवी को भरोसा दिलाया कि उनकी इच्छा जरूर पूरी होगी.
आशा कंवर कोरोना से पीड़ित होने के बाद स्वस्थ हो गईं थीं. 3 फरवरी को सांस लेने में शिकायत के चलते वे चेक-अप के लिए अस्पताल गईं थीं. जहां डॉक्टर्स ने फेंफड़ों में संक्रमण बता कर उन्हें भर्ती कर लिया. 4 फरवरी को अस्पताल में ही आशा कंवर की मृत्यु हो गई. इसके बाद परिजनों ने श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि संकलन करने वाले दल से संपर्क किया और आशा देवी की अंत्येष्टि के बाद उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक उनके आभूषण दान करने की बात कही.
संकल्प निधि अभियान से जुड़े लोगों ने कहा कि वे आभूषण दान में नहीं ले सकते. सिर्फ राशि या चेक ही ले सकते हैं. स्व. आशा देवी के परिजनों ने उनके आभूषण बाजार में बेचे और उससे मिले 7 लाख 9 हजार रुपए मंदिर निर्माण के लिए भेंट कर दिए.
आशा देवी के पति विजय सिंह ने कहा कि ये उनका सौभाग्य है कि वे पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी कर पाए. श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान से जुड़े लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने कहा कि यह बहुत ही अलग तरह का समर्पण है. ऐसा बहुत कम होता है. वे इस परिवार के आभारी रहेंगे.
आशा देवी के निधन की सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद रविवार को परिजनों ने यह राशि भेंट की. इस दौरान प्रांत प्रचार प्रमुख हेमंत घोष, लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम ओझा, डॉ राम गोयल, जसवंत सिंह, इंदा सुधांशु तार सहित श्रीराम समर्पण निधि अभियान से जुड़े लोग मौजूद रहे.
कुल मिलाकर गहनों को स्त्रीधन भी कहा जाता है. स्त्रियां अपने आभूषणों से बहुत स्नेह करती हैं और संकटकाल के लिए गहनों को बचाकर रखती आई हैं. श्रीराम मंदिर के लिए बड़े नेता और उद्योगपति करोड़ों दान कर रहे हैं. लेकिन आशा देवी का यह अपने आप में अलग मामला इसलिए है क्योंकि इसमें एक स्त्री ने अपने जीवन के बाद स्त्रीधन आभूषण को भगवान राम के मंदिर के लिए दान कर दिया और उससे बड़ी बात ये कि उसके पति ने 7 लाख से ज्यादा के गहने दान करने में कोई हिचक भी नहीं दिखाई.