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Police jeep hit kid in Jodhpur : पुलिस जीप की चपेट में आए बालक की स्थिति नाजुक, बाल आयोग की अध्यक्ष ने दिलाया आर्थिक मदद का भरोसा - पुलिस जीप ने मासूम को लिया चपेट में

जोधपुर पुलिस की जीप की चपेट में आए 13 साल के बालक (Kid injured by Police jeep in Jodhpur) का इलाज मथुरा दास माथुर अस्पताल में चल रहा है. बच्चे से मिलने राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल पहुंची. बेनीवाल ने आर्थिक मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है.

Sangeeta Beniwal meets injured kid hit by Police jeep
जोधपुर पुलिस की जीप की चपेट में आया 13 साल का मासूम
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Published : Jan 20, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 10:59 PM IST

जोधपुर. माता का थान क्षेत्र में पुलिस जीप की चपेट (Police jeep hit kid in Jodhpur) में आए मासूम 13 वर्षीय राधेश्याम की एमडीएम अस्पताल में स्थिति नाजुक बनी हुई है. उसके सिर, फेंफड़े में गंभीर चोट के अलावा शरीर में कई फ्रैक्चर भी हैं. उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है.

गुरुवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने अस्पताल पहुंच कर मासूम के स्वास्थ्य की जानकारी ली, परिजनों से भी मिलीं. राधेश्याम के पिता व अन्य ने सरकार से सहायता दिलाने की मांग की है. बेनीवाल ने बताया की इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद दिलाने के निर्देश दिए गए हैं. स्वयं मुख्यमंत्री ने भी पूरे प्रकरण की जानकारी ली है. घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बेनीवाल ने कहा कि हमने इसका संज्ञान लिया है, रिपोर्ट मंगवाई गई है. पुलिस के वाहन का इंश्योरेंस नहीं होना खेद का विषय है. इसको लेकर भी बाल आयोग डीजीपी को पत्र लिखेगा. हमारा पूरा प्रयास होगा कि इस पूरे प्रकरण में पीड़ित परिवार को न्याय मिले.

पुलिस जीप की चपेट में आए बालक की स्थिति नाजुक, बाल आयोग की अध्यक्ष ने दिलाया आर्थिक मदद का भरोसा

पढ़ें: Police jeep hit kid in Jodhpur: तस्करों का पीछा करती पुलिस जीप ने मासूम को लिया चपेट में, हालत गंभीर

गौरतलब है कि बुधवार दोपहर माता का थान क्षेत्र में पुलिस की एक जीप ने मासूम राधेश्याम को सड़क किनारे चपेट में ले लिया था. बताया गया था की पुलिस तस्करों का पीछा कर रही थी, लेकिन बाद में सामने आया कि पुलिस सेना की गाड़ियों को कमिश्नरेट से बाहर तक छोड़ने गई थी. लौटते हुए हादसा हुआ. घायल बच्चे को मथुरा दास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. पुलिस की जीप का इंश्योरेंस तक नहीं है. ऐसे में इस हादसे को लेकर मुआवजा देने के लिए कौन अधिकृत होगा.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ में पुलिस जीप की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत, परिजनों ने की मुआवजे की मांग

मां का साया नही, पिता ऑटो चालक

मासूम राधेश्याम के सिर से मां का साया बहुत पहले ही उठ चुका है. उसकी तीन बहने हैं. पिता ऑटो चलाते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. अब बेटे की तीमारदारी में अस्पताल बैठे हैं. उनका कहना है कि आर्थिक सहायता के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

जोधपुर. माता का थान क्षेत्र में पुलिस जीप की चपेट (Police jeep hit kid in Jodhpur) में आए मासूम 13 वर्षीय राधेश्याम की एमडीएम अस्पताल में स्थिति नाजुक बनी हुई है. उसके सिर, फेंफड़े में गंभीर चोट के अलावा शरीर में कई फ्रैक्चर भी हैं. उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है.

गुरुवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने अस्पताल पहुंच कर मासूम के स्वास्थ्य की जानकारी ली, परिजनों से भी मिलीं. राधेश्याम के पिता व अन्य ने सरकार से सहायता दिलाने की मांग की है. बेनीवाल ने बताया की इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद दिलाने के निर्देश दिए गए हैं. स्वयं मुख्यमंत्री ने भी पूरे प्रकरण की जानकारी ली है. घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बेनीवाल ने कहा कि हमने इसका संज्ञान लिया है, रिपोर्ट मंगवाई गई है. पुलिस के वाहन का इंश्योरेंस नहीं होना खेद का विषय है. इसको लेकर भी बाल आयोग डीजीपी को पत्र लिखेगा. हमारा पूरा प्रयास होगा कि इस पूरे प्रकरण में पीड़ित परिवार को न्याय मिले.

पुलिस जीप की चपेट में आए बालक की स्थिति नाजुक, बाल आयोग की अध्यक्ष ने दिलाया आर्थिक मदद का भरोसा

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गौरतलब है कि बुधवार दोपहर माता का थान क्षेत्र में पुलिस की एक जीप ने मासूम राधेश्याम को सड़क किनारे चपेट में ले लिया था. बताया गया था की पुलिस तस्करों का पीछा कर रही थी, लेकिन बाद में सामने आया कि पुलिस सेना की गाड़ियों को कमिश्नरेट से बाहर तक छोड़ने गई थी. लौटते हुए हादसा हुआ. घायल बच्चे को मथुरा दास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. पुलिस की जीप का इंश्योरेंस तक नहीं है. ऐसे में इस हादसे को लेकर मुआवजा देने के लिए कौन अधिकृत होगा.

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मां का साया नही, पिता ऑटो चालक

मासूम राधेश्याम के सिर से मां का साया बहुत पहले ही उठ चुका है. उसकी तीन बहने हैं. पिता ऑटो चलाते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. अब बेटे की तीमारदारी में अस्पताल बैठे हैं. उनका कहना है कि आर्थिक सहायता के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

Last Updated : Jan 20, 2022, 10:59 PM IST
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